महासमुंद : इस आधुनिक युग और व्यस्त लाइफ में घर पर काम करने वाली मेड्स का बड़ा महत्व है. रोजमर्रा की जिंदगी में लोग इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि, घर के कुछ काम करने के लिए एक मेड का होना जरूरी है. मेड्स आज घरों का अनिवार्य हिस्सा हो गई हैं. ETV भारत की टीम ने घरों में सबसे महत्वपूर्ण किरदार निभाने वाली इन मेड्स से बातचीत की है और जानने की कोशिश है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान उन्हें किन किन परेशानिओं का सामना करना पड़ा और अभी क्या हालात हैं. हमने यह भी जानने का प्रयास किया कि इस दौरान हाउस ऑनर्स का उनके प्रति रवैया कैसा रहा.
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन जैसे ही शुरू हुआ, वैसे ही मेड्स को सभी ने अपने घरों से 2 महीने की छुट्टी दे दी थी, लेकिन अच्छी बात यह रही कि हाउस ऑनर्स ने मानवता की परिचय देते हुए इनकी सैलरी नहीं काटी ताकि वे अपना घर चला सकें. सामाजिक जानकारों का कहना है कि इस कोरोना संकट के दौरान लोगों में सामाजिकता बढ़ी है और समाज में भाईचारा देखने को मिला है.
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करीब ढाई महीने के बाद लॉकडाउन में रियायत मिली है. मेड्स घर आकर काम करना शुरू कर दिया है, उनका कहना है कि साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान परेशानियां जरुर हुईं, लेकिन घर के मालिकों ने उनकी बहुत मदद की, उनका दर्द समझा और सैलरी के अलावा दूसरी जरुरी चीजें भी उपलब्ध कराईं.
सतर्कता के साथ हो रहा काम
जब हमने घर के मालिकों से बात की तो उनका कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से 2 महीने उन्होंने मेड को नहीं बुलाया, लेकिन हमारी मेड्स अब वापस आ गईं हैं. साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. वे जब भी आती है, तो पहले उन्हें सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोने को कहते हैं. सतर्कता के साथ काम हो रहा है ताकि वे भी स्वस्थ रहे और हम भी स्वस्थ रहें. वहीं मेड्स ने कहा कि मास्क, सैनीटाइजर, साबुन से हाथ धोना यह सब चीज का हम ध्यान रखते हैं. उन्होंने मुश्किल वक्त में साथ देने के लिए अपने हाउस ऑनर्स को धन्यवाद भी कहा है.