महासमुंद: महासमुंद के कोमाखान थाना के अंतगर्त ग्राम नर्रा में बुधवार की देर रात ग्रामीणों और शराब तस्करों के बीच जमकर विवाद हुआ. सूचना पर पुलिस की पेट्रोलिंग टीम पहुंची. नर्रा के ग्रामीणों का आरोप है कि शराब माफियाओं के साथ पुलिस की मिलीभगत है. आक्रोशित ग्रामीणों ने अपना गुस्सा निकालते हुए पुलिस जीप को पलट दिया और तोड़फोड़ भी की. पुलिस ने मामले में शामिल दो आरोपी ओंकार और हुलेश दीवान को नारकोटिक्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों के पास से 10 किलो गांजा जब्त किया गया है.
अवैध शराब को लेकर हुए बलवा और पुलिस पर हुए पथराव मामले में कोमाखान थाना प्रभारी प्रदीप मिंज को लाइन अटैच कर दिया गया है. वहीं ASI कौशल साहू को निलंबित कर दिया गया है. प्रभारी एसपी ने ये कार्रवाई की है. इस केस की जांच के लिए पिथौरा SDOP को जांच अधिकारी बनाया गया है.
ग्रामीणों ने लगाए थे कोमाखान पुलिस पर आरोप
बता दें ग्रामीणों का आरोप था कि कोमाखान पुलिस की शराब तस्करों से मिलीभगत है. इस वजह से यहां बेधड़क शराब तस्करी की जा रही है. जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा है. इधर पुलिस वाहन को पलट दिए जाने की सूचना पर कोमाखान थाना प्रभारी प्रदीप मिंज और अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा. उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण उग्र हो गए.
विवाद गहराता देखकर अतिरिक्त पुलिस बल नर्रा के लिए रवाना किया गया. नर्रा क्षेत्र ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा है. यहां वर्षों से हुलाष-ओंकार गैंग मादक पदार्थों की तस्करी करता आ रहा है.
DSP तिलेश्वर यादव के रहने से अंडरग्राउंड हुआ था गैंग
दो महीने पहले प्रशिक्षु DSP तिलेश्वर यादव कोमाखान थाना के प्रभारी थे, तब यह गैंग अंडरग्राउंड हो गया था. उनके हटते ही इस गैंग ने फिर से अपने काले कारनामें शुरू कर दिए. DSP तिलेश्वर ने शराब तस्करी रोकने के लिए गांव की महिलाओं को एकजुट किया था।.उनकी अपील पर महिलाएं इस कार्य में पुलिस का सहयोग कर रही थीं.
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बीते दो महीने से पुलिस का सहयोग महिलाओं को नहीं मिल रहा है, जिसके चलते शराब तस्करी हो रही है. पुलिस ने उक्त शराब तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने वाहन को तोड़फोर करने वाले अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ FIR दर्ज की है.