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SPECIAL: घर पहुंचा मिड डे मील, बच्चे भी खुश और मम्मी-पापा भी हैप्पी - महासमुंद लॉकडाउन

कोरोना संकट की वजह से लगभग 20 दिनों से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को मिड डे मील का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने बच्चों के पालकों को सूखा राशन देने का फैसला लिया है, जिससे पालकों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है.

mahasamund midday meal distribution
मिड डे मील का राशन
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Published : Apr 3, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 12:41 AM IST

महासमुंद: छात्र-छात्राओं के लिए शासकीय प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शुरू की गई मध्याह्न भोजन योजना गरीब तबके के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है. कोरोना संकट की वजह से लगभग 20 दिनों से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को मिड डे मील का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने बच्चों के पालकों को सूखा राशन देने का फैसला लिया है, जिससे पालकों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है. इसके साथ ही बच्चे भी खुश हैं.

घर पहुंचा मिड डे मील

जिले में 1281 प्राथमिक स्कूल और 491 मिडिल स्कूल संचालित हैं और इन स्कूलों में 1 लाख 21 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 13 मार्च 2020 से ही स्कूलों को बंद कर दिया गया. इतने दिनों तक इस वजह से बच्चे मिड डे मील से वंचित रहे. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने मध्यान भोजन के लिए उपयोग होने वाले सूखा राशन को वितरित करने का निर्णय लिया. इसके तहत महासमुंद जिले के 1772 स्कूलों में बच्चों के पालकों को सूखा राशन वितरण किया गया.

mahasamund midday meal distribution
स्कूल में राशन का वितरण

दिया जा रहा 40 दिनों का राशन

ETV भारत की टीम ने जिले के महावीर शासकीय प्राथमिक स्कूल, कुर्मीपारा और शासकीय उच्चतर प्राथमिक स्कूल, बृजराज में मध्यान भोजन के तहत सूखा राशन वितरण का जायजा लिया. दोनों स्कूलों में 74-74 बच्चों यानी कुल 148 बच्चों के पालकों को सूखा राशन का वितरण किया गया.

mahasamund midday meal distribution
राशन लेने पहुंचे पालक

प्राथमिक स्कूल के बच्चों को 40 दिन का 4 किलो चावल और 800 ग्राम दाल, इसके साथ ही मिडिल स्कूल के बच्चों को 40 दिन का 6 किलो चावल और 1 किलो 200 ग्राम दाल वितरण किया जा रहा है. वहीं सुखा राशन पाकर बच्चों के पालक काफी खुश हैं. पालकों का कहना है कि इस महामारी में भी सरकार बच्चों के हित की चिंता कर रही है यह अच्छी बात है.

mahasamund midday meal distribution
मिड डे मील का राशन
mahasamund midday meal distribution
पालकों को दिया जा रहा बच्चों का राशन

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया वितरण

इस पूरे मामले में स्कूल के प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक का कहना है कि शासन के आदेश के अनुसार सभी बच्चों के पलकों को बुलाकर 40 दिन का सूखा राशन दिया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन की जा रही हैं. गौरतलब है कि सूखा राशन वितरण करते समय करोना वायरस के संक्रमण से बचने के सारे उपाय किए गए और राशन का वितरण सुचारू रूप से किया गया.

महासमुंद: छात्र-छात्राओं के लिए शासकीय प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शुरू की गई मध्याह्न भोजन योजना गरीब तबके के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है. कोरोना संकट की वजह से लगभग 20 दिनों से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को मिड डे मील का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने बच्चों के पालकों को सूखा राशन देने का फैसला लिया है, जिससे पालकों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है. इसके साथ ही बच्चे भी खुश हैं.

घर पहुंचा मिड डे मील

जिले में 1281 प्राथमिक स्कूल और 491 मिडिल स्कूल संचालित हैं और इन स्कूलों में 1 लाख 21 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 13 मार्च 2020 से ही स्कूलों को बंद कर दिया गया. इतने दिनों तक इस वजह से बच्चे मिड डे मील से वंचित रहे. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने मध्यान भोजन के लिए उपयोग होने वाले सूखा राशन को वितरित करने का निर्णय लिया. इसके तहत महासमुंद जिले के 1772 स्कूलों में बच्चों के पालकों को सूखा राशन वितरण किया गया.

mahasamund midday meal distribution
स्कूल में राशन का वितरण

दिया जा रहा 40 दिनों का राशन

ETV भारत की टीम ने जिले के महावीर शासकीय प्राथमिक स्कूल, कुर्मीपारा और शासकीय उच्चतर प्राथमिक स्कूल, बृजराज में मध्यान भोजन के तहत सूखा राशन वितरण का जायजा लिया. दोनों स्कूलों में 74-74 बच्चों यानी कुल 148 बच्चों के पालकों को सूखा राशन का वितरण किया गया.

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राशन लेने पहुंचे पालक

प्राथमिक स्कूल के बच्चों को 40 दिन का 4 किलो चावल और 800 ग्राम दाल, इसके साथ ही मिडिल स्कूल के बच्चों को 40 दिन का 6 किलो चावल और 1 किलो 200 ग्राम दाल वितरण किया जा रहा है. वहीं सुखा राशन पाकर बच्चों के पालक काफी खुश हैं. पालकों का कहना है कि इस महामारी में भी सरकार बच्चों के हित की चिंता कर रही है यह अच्छी बात है.

mahasamund midday meal distribution
मिड डे मील का राशन
mahasamund midday meal distribution
पालकों को दिया जा रहा बच्चों का राशन

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया वितरण

इस पूरे मामले में स्कूल के प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक का कहना है कि शासन के आदेश के अनुसार सभी बच्चों के पलकों को बुलाकर 40 दिन का सूखा राशन दिया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन की जा रही हैं. गौरतलब है कि सूखा राशन वितरण करते समय करोना वायरस के संक्रमण से बचने के सारे उपाय किए गए और राशन का वितरण सुचारू रूप से किया गया.

Last Updated : Apr 4, 2020, 12:41 AM IST
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