महासमुंद: पुलिस ने अपरहण के 6 आरोपियों को धर दबोचा है. सभी ने फिरौती के लिए दो नाबालिग को अगवा किया था और उन्हें छोड़ने के लिए परिजनों से 12 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. बुधवार रात 8 बजे नाबालिग के पिता ने वारदात की सूचना बसना थाने में दी थी. जिसके बाद जिले में अपरहण की बात सामने आने पर पुलिस महकमे हड़कंप मच गया था. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एसपी प्रफुल्ल ठाकुर के नेतृत्व में चार टीमें बनाई और मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच शुरू की.
साइबर सेल की मदद से एनएच-53 पर शेरे पंजाब ढाबा के पास आरोपियों की घेराबंदी की गई. जहां आरोपियों को फिरौती की रकम देने के नाम पर बुलाया गया था. जहां दो आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया, इस बीच चार आरोपी कार लेकर मौके से फरार हो गए थे. जिसे देर रात तक पुलिस ने खोज निकाला. आरोपियों का नाम मुन्ना साहू, लोकेश चंद्राकर, पुरुषोत्तम सोनी, फूल सिंह चंद्राकर, विक्की चंद्राकर और कालूराम बघेल है. एक आरोपी बलौदा बाजार और 5 तुमगांव क्षेत्र के रहने वाले हैं. इन आरोपियों के चंगुल से दोनों नाबालिग को सही सलामत छुड़ा लिया गया है. आईजी ने इस सफलता के लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपये देने की घोषणा की हैं.
ऐसी की गई थी प्लानिंग
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि, हेमलाल सागर के बड़े बेटे से पैसों का लेन-देन था, उससे पैसे वसूलने के लिए किडनैपिंग की वारदात को अंजाम दिया गया. आरोपियों ने बताया कि हेमलाल सागर का छोटा बेटा पटेवा में देखा गया था. पैसा वसूल करने के लिए उन्हे यह उपयुक्त समय लगा और और उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी प्लानिंग कर कर ली. मुख्य आरोपी ने इसके लिए बलौदा बाजार के फूल सिंह और विक्की चंद्राकर को किडनैपिंग की योजना के बारे में बताया. फिर उन्हें फोर व्हीलर लेकर पटेवा आने के लिए राजी किया. इस बीच पटेवा निवासी ढालूराम बघेल दोनों बच्चों को उलझा कर रखे था. दोनों बच्चों को ढालूराम ने उसके बड़े भाई का दोस्त बताकर वहां रोके रखा था.
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कापा गांव में बच्चों को रखा गया था
इसी बीच फूल सिंह और विक्की चंद्राकर वाहन लेकर पटेवा पहुंचा, जहां ढालूराम बघेल ने दोनों बच्चों को फूल सिंह चंद्राकर के वाहन में बिठा दिया. वाहन में विक्की चंद्राकर, पुरुषोत्तम सोनी, मुन्ना साहू और ढालूराम बघेल भी बैठा और बच्चों को लेकर कापा गांव की ओर बढ़ गया. आरोपियों ने पहले से प्लान के मुताबिक बच्चों को कापा गांव में लोकेश चंद्राकर के घर रखा था.