महासमुंद: बागबाहरा ब्लाॅक के दाबपाली गांव में मंगलवार को छत्तीसगढ़ के फेमस यू ट्यूबर देवराज पटेल को अंतिम विदाई दी गई. गांव के ही मुक्तिधाम में धार्मिक रीति रिवाज के साथ उनका दाह संस्कार किया गया. अपने आखिरी समय में भी देवराज लोगों को हंसाने की ही कोशिश में थे. लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले देवराज पटेल की जिंदगी भर दर्द से जूझते रहे. अपने इस दर्द को छिपाकर चाहने वालों के लिए आखिरी वक्त तक मुस्कुराने की वजह बने.
चंचल स्वभाव के देवराज पटेल ने इस तरह हालिस किया मुकाम: देवराज पटेल के बचपन मित्र और पड़ोसियों के मुताबिक "देवराज बचपन से ही चंचल और हसमुख स्वभाव के थे. वे काफी मेहनती भी थे. उन्होंने धीरे धीरे यूट्यूब की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल किया. उसने कमी हमेशा खलती रहेगी."
देवराज को बचपन से थी किडनी की बीमारी: कोरबा से आई बुआ शांति बाई पटेल ने देवराज के हंसते चेहरे के पीछे छिपे दर्द पर बड़ा खुलासा किया. शांति बाई पटेल ने बताया कि "देवराज 4 साल तक उनके साथ रहा था. बचपन से ही देवराज की एक किडनी फेल थी, जिसके कारण उसके पूरे शरीर में सूजन भी आ जाती थी."
पैसों के अभाव में थक हारकर छोड़ दिया था इलाज: शांति बाई पटेल ने कहा कि "उसकी किडनी के इलाज के लिए रायपुर के जाने माने अस्पतालों के साथ ही कोरबा, ओडिशा के खरियार रोड, बसना और महासमुंद में हर उस जगह ले जाया गया, जहां जरा भी उम्मीद दिखती. लेकिन पैसो के आभाव में थक गए और फिर इलाज कराना ही छोड़ दिया." भारी मन के साथ देवराज की बुआ ने आगे कहा कि "अब देवराज के अचानक चले जाने से काफी पीड़ा हमें हो रही है. हमारा देवराज सभी के दिलों पर राज कर रहा है लेकिन उसके चले जाने से अब हम क्या करें, हमारा तो शरीर ही सुन्न हो गया है."
दर्द भरी जिंदगी के बाद भी देवराज लाखों लोगों के मुस्कुराने की वजह बने. दर्द झेलकर भी हंसते हंसाते जिंदगी बिताने में यकीन रखने वाले देवराज पटेल भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जिंदगी जीने का उनका फलसफा युवाओं को हौसला देता रहेगा.