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महासमुंद: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर मनरेगा कर्मचारी

महासमुंद में 4 अप्रैल से पर बसना जनपद पंचायत के अधिकारी और रोजगार सहायक 4 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. सभी कार्यालय बंद है.

MGNREGA workers
मनरेगा कर्मचारी
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Published : Apr 8, 2022, 2:33 PM IST

महासमुंद: छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बसना जनपद पंचायत के अधिकारी और रोजगार सहायक 4 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. हड़ताल पर बैठे अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि उनकी 2 सूत्री मांग है, जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं कर पाया है.

यह भी पढ़ें: नक्सलियों से किसी भी प्लेटफार्म पर बात करने हम तैयार: सीएम भूपेश बघेल

वहीं, रोजगार सहायकों का कहना है कि सरकार ने चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था उस वादे को वह पूरा नहीं कर रही है. इस समस्या को लेकर बार-बार लिखित में मांग करते आए हैं और हर बार उन्हें आश्वासन मिलता रहा है लेकिन अपने वादे को पूरा करने में सरकार रुचि नहीं ले रही है, इसके लिए मजबूर होकर उन्हें कार्यालय बंद कर हड़ताल में अनिश्चितकाल के लिए बैठना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि मजदूर की तरह वह भी काम करते हैं लेकिन उनका वेतन निर्धारण नहीं हो पा रहा है. केवल 5000 रुपये में दिनभर वह तपती गर्मी में मजदूर की तरह काम करते हैं. इस बार वह अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर बैठे हैं. जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल में बैठे रहेंगे.

मनरेगा कर्मचारियों की मांग

  • नियमतीकरण और रोजगार सहायकों का वेतन निर्धारण किया जाए.
  • मनरेगा कर्मियों का सिविल सेवा अधिनियम 1966 के साथ-साथ पंचायत कर्मी नियमावली को लागू किया जाए.

वहीं, इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत के सीईओ का कहना है कि मनरेगा के सभी अधिकारी, कर्मचारी और रोजगार सहायक हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे शासन की योजनाएं प्रभावित हो रही है और उनके हड़ताल में चले जाने की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. उच्च अधिकारियों से जो आदेश मिलेगा उस आदेश का पालन करते हुए मजदूरों को रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

महासमुंद: छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बसना जनपद पंचायत के अधिकारी और रोजगार सहायक 4 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. हड़ताल पर बैठे अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि उनकी 2 सूत्री मांग है, जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं कर पाया है.

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वहीं, रोजगार सहायकों का कहना है कि सरकार ने चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था उस वादे को वह पूरा नहीं कर रही है. इस समस्या को लेकर बार-बार लिखित में मांग करते आए हैं और हर बार उन्हें आश्वासन मिलता रहा है लेकिन अपने वादे को पूरा करने में सरकार रुचि नहीं ले रही है, इसके लिए मजबूर होकर उन्हें कार्यालय बंद कर हड़ताल में अनिश्चितकाल के लिए बैठना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि मजदूर की तरह वह भी काम करते हैं लेकिन उनका वेतन निर्धारण नहीं हो पा रहा है. केवल 5000 रुपये में दिनभर वह तपती गर्मी में मजदूर की तरह काम करते हैं. इस बार वह अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर बैठे हैं. जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल में बैठे रहेंगे.

मनरेगा कर्मचारियों की मांग

  • नियमतीकरण और रोजगार सहायकों का वेतन निर्धारण किया जाए.
  • मनरेगा कर्मियों का सिविल सेवा अधिनियम 1966 के साथ-साथ पंचायत कर्मी नियमावली को लागू किया जाए.

वहीं, इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत के सीईओ का कहना है कि मनरेगा के सभी अधिकारी, कर्मचारी और रोजगार सहायक हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे शासन की योजनाएं प्रभावित हो रही है और उनके हड़ताल में चले जाने की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. उच्च अधिकारियों से जो आदेश मिलेगा उस आदेश का पालन करते हुए मजदूरों को रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

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