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महासमुंद : कागजों में किसानों का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज, टोकन का पता नहीं

महासमुंद जिले में किसानों को टोकन वितरण नहीं किया गया, बल्कि सिर्फ कागजों में किसानों का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि सोसाइटी में अव्यवस्था का आलम है.

mahasamund farmer
किसान
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Published : Nov 27, 2020, 6:32 PM IST

महासमुंद : जिले में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने के कारण किसानों को टोकन नहीं मिला. कागजों में किसानों का नाम नंबर नोट कर टोकन वितरण की बात कही जा रही है. टोकन के इंतजार में सेंटर में किसानों की लंबी लाइन लग गई और किसानों को टोकन भी नहीं मिला. इस कारण किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.

टोकन का पता नहीं

सहकारी समिति में अव्यवस्था का आलम

mahasamund farmer waiting for token distribution
किसान परेशान

मीडिया ने जब ग्रामीण सहकारी समिति बेलकुंडा का जायजा लिया तो वहां अव्यवस्था का आलम देखने को मिला. शासन के कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के आदेश के बावजूद सोसाइटी में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, न ही सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है. किसान दो-तीन घंटों से अपने नंबर के आने का इंतजार करते रहे. किसानों का कहना है कि टोकन वितरण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मैनुअली किसानों का नाम और मोबाइल नंबर नोट किया जा रहा है. फिर बाद में टोकन जारी करने की बात कही गई है.

धान खरीदी केंद्र के लिपिक का कहना है कि वे मैनुअल पंजीयन कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए व्यवस्था की गई है, मगर किसान नहीं मान रहे हैं.

किसानों ने 2020 -21 के लिए 2 लाख 11 हजार 944 हेक्टेयर में धान लगाया. इसके साथ ही 1 लाख 40 हजार 165 किसानों ने अपना पंजीयन कराया. जिले में 130 सोसाइटी के 140 धान खरीदी केंद्र की तरफ से धान खरीदा जाएगा. इस साल 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है. 2019 -20 में 1 लाख 34 हजार 396 किसानों से 72 लाख 73 हजार 40 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी.

पढ़ें : धान खरीदी: टोकन के लिए भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे किसान, बदइंतजामी पर फूटा गुस्सा

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

महासमुंद : जिले में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने के कारण किसानों को टोकन नहीं मिला. कागजों में किसानों का नाम नंबर नोट कर टोकन वितरण की बात कही जा रही है. टोकन के इंतजार में सेंटर में किसानों की लंबी लाइन लग गई और किसानों को टोकन भी नहीं मिला. इस कारण किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.

टोकन का पता नहीं

सहकारी समिति में अव्यवस्था का आलम

mahasamund farmer waiting for token distribution
किसान परेशान

मीडिया ने जब ग्रामीण सहकारी समिति बेलकुंडा का जायजा लिया तो वहां अव्यवस्था का आलम देखने को मिला. शासन के कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के आदेश के बावजूद सोसाइटी में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, न ही सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है. किसान दो-तीन घंटों से अपने नंबर के आने का इंतजार करते रहे. किसानों का कहना है कि टोकन वितरण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मैनुअली किसानों का नाम और मोबाइल नंबर नोट किया जा रहा है. फिर बाद में टोकन जारी करने की बात कही गई है.

धान खरीदी केंद्र के लिपिक का कहना है कि वे मैनुअल पंजीयन कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए व्यवस्था की गई है, मगर किसान नहीं मान रहे हैं.

किसानों ने 2020 -21 के लिए 2 लाख 11 हजार 944 हेक्टेयर में धान लगाया. इसके साथ ही 1 लाख 40 हजार 165 किसानों ने अपना पंजीयन कराया. जिले में 130 सोसाइटी के 140 धान खरीदी केंद्र की तरफ से धान खरीदा जाएगा. इस साल 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है. 2019 -20 में 1 लाख 34 हजार 396 किसानों से 72 लाख 73 हजार 40 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी.

पढ़ें : धान खरीदी: टोकन के लिए भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे किसान, बदइंतजामी पर फूटा गुस्सा

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

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