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महासमुंद: जिला अस्पताल की टीम ने बनाया सैनिटाइजर, बाजार से 10 गुना सस्ता - district hospital make sanitizer

सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए महासमुंद जिला अस्पताल की एक टीम ने सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया है. ये सैनिटाइजर WHO की गाइडलाइन के मुताबिक तैयार किया गया है.

कोरोना से जंग
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Published : Mar 29, 2020, 9:45 AM IST

Updated : Mar 29, 2020, 3:10 PM IST

महासमुंद: कोरोना से लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट होकर ये लड़ाई लड़ रहा है ताकि वह अपनों की मदद कर उनकी जिंदगी को बचा सके. इस लड़ाई में सबसे अहम भूमिका डॉक्टरों की है, जो दिन रात एक कर कोरोना के मरीजों की जान बचा रहे हैं. डॉक्टर लगातार लोगों को हाथ धोने के निर्देश दे रहें है. इसके आलावा सैनिटाइजर के बिना इस्तेमाल के किसी भी काम को करने से रोक रहे हैं, लेकिन लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सैनिटाइजर की उपलब्धता की है, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं बंद है. ऐसे में महासमुंद जिला अस्पताल की एक टीम ने सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया है.

जिला अस्पताल की टीम ने बनाया सैनिटाइजर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मे कार्यरत फॅार्मसिस्ट संदीप चन्द्राकर एवं उनके सहयोगी पंकज साहू ने सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए WHO की गाइडलाइन के अनुसार इसे बनाने का निर्णय लिया और बनाने का काम भी शुरू कर दिया है.

कैसे तैयार किया गया सैनिटाइजर

  • इस टीम ने आबकारी विभाग से अल्कोहल मांगकर, डिस्टिल वाटर, हाइड्रोजन पैरॉक्साइड, ग्लिसरीन आदि मिलाकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मात्र 500 मिली सैनिटाइजर तैयार किया.
  • जिला अस्पताल के लैब मे मात्र 10 मिनट मे तैयार इस सैनिटाइजर को जांचा और परखा गया.
  • इसके बाद विशेषज्ञों की हरी झंडी के बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर सभी आवश्यक रसायनों को एकत्र कर 20 लीटर सैनिटाइजर बनाया गया. ये सैनिटाइजर WHO की गाइडलाइन पर ही तैयार किया गया है.

WHO की गाइडलाइन पर तैयार

जब हमने फार्मसिस्ट एवं एनएचएम अधिकारी संदीप चन्द्राकर से बात की तो उन्होंने इसे बनाने की विधि बताई और बताया किस तरह से ये सैनिटाइजर तैयार किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि ये सैनिटाइजर WHO की गाइडलाइन के मुताबिक ही तैयार किया गया है इस कारण ये पूरी तरह से सुरक्षित है.

सबसे अधिक सैनिटाइजर की जरूरत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंधक संदीप ताम्रकर से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में सबसे अधिक सैनिटाइजर की जरूरत अस्पतालों और सफाईकर्मियों का पड़ रही है. इस कारण सैनिटाइजर तैयार कर निगम कलेक्टोरेट व उन सभी स्थानों तक पहुंचाया जा रहा जिन्हें इसकी जरूरत है. सरकारी प्रबंधन का कहना है कि उच्च गुणवत्ता पूर्ण सैनिटाइजर बनाकर हम अपनी जरूरत की पूर्ति स्वयं कर रहे हैं.

बाजार मूल्य से 10 गुना कम
बता दें कि इस उच्च गुणवत्ता पूर्ण सैनिटाइजर की कीमत बाजार मूल्य से 10 गुना कम है. सैनिटाइजर बनाने वाली टीम ने दावा किया है कि उनका बनाया सैनिटाइजर प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के जवान भी कर रहे है. साथ ही सभी नगर पालिकाओं से कहा गया है कि वो प्रशिक्षण और जानकारी के लिए अपनी टीम भेंजे.

इस तरह छोटे से प्रयास से हम सब कहीं न कहीं एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. आम जनता मास्क बनाकर लोगों की मदद में जुटी है तो वहीं डॉक्टर की टीम सैनिटाइजर का निर्माण कर प्रशासनिक कर्मचारियों की सेवा कर रही है.

महासमुंद: कोरोना से लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट होकर ये लड़ाई लड़ रहा है ताकि वह अपनों की मदद कर उनकी जिंदगी को बचा सके. इस लड़ाई में सबसे अहम भूमिका डॉक्टरों की है, जो दिन रात एक कर कोरोना के मरीजों की जान बचा रहे हैं. डॉक्टर लगातार लोगों को हाथ धोने के निर्देश दे रहें है. इसके आलावा सैनिटाइजर के बिना इस्तेमाल के किसी भी काम को करने से रोक रहे हैं, लेकिन लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सैनिटाइजर की उपलब्धता की है, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं बंद है. ऐसे में महासमुंद जिला अस्पताल की एक टीम ने सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया है.

जिला अस्पताल की टीम ने बनाया सैनिटाइजर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मे कार्यरत फॅार्मसिस्ट संदीप चन्द्राकर एवं उनके सहयोगी पंकज साहू ने सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए WHO की गाइडलाइन के अनुसार इसे बनाने का निर्णय लिया और बनाने का काम भी शुरू कर दिया है.

कैसे तैयार किया गया सैनिटाइजर

  • इस टीम ने आबकारी विभाग से अल्कोहल मांगकर, डिस्टिल वाटर, हाइड्रोजन पैरॉक्साइड, ग्लिसरीन आदि मिलाकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मात्र 500 मिली सैनिटाइजर तैयार किया.
  • जिला अस्पताल के लैब मे मात्र 10 मिनट मे तैयार इस सैनिटाइजर को जांचा और परखा गया.
  • इसके बाद विशेषज्ञों की हरी झंडी के बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर सभी आवश्यक रसायनों को एकत्र कर 20 लीटर सैनिटाइजर बनाया गया. ये सैनिटाइजर WHO की गाइडलाइन पर ही तैयार किया गया है.

WHO की गाइडलाइन पर तैयार

जब हमने फार्मसिस्ट एवं एनएचएम अधिकारी संदीप चन्द्राकर से बात की तो उन्होंने इसे बनाने की विधि बताई और बताया किस तरह से ये सैनिटाइजर तैयार किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि ये सैनिटाइजर WHO की गाइडलाइन के मुताबिक ही तैयार किया गया है इस कारण ये पूरी तरह से सुरक्षित है.

सबसे अधिक सैनिटाइजर की जरूरत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंधक संदीप ताम्रकर से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में सबसे अधिक सैनिटाइजर की जरूरत अस्पतालों और सफाईकर्मियों का पड़ रही है. इस कारण सैनिटाइजर तैयार कर निगम कलेक्टोरेट व उन सभी स्थानों तक पहुंचाया जा रहा जिन्हें इसकी जरूरत है. सरकारी प्रबंधन का कहना है कि उच्च गुणवत्ता पूर्ण सैनिटाइजर बनाकर हम अपनी जरूरत की पूर्ति स्वयं कर रहे हैं.

बाजार मूल्य से 10 गुना कम
बता दें कि इस उच्च गुणवत्ता पूर्ण सैनिटाइजर की कीमत बाजार मूल्य से 10 गुना कम है. सैनिटाइजर बनाने वाली टीम ने दावा किया है कि उनका बनाया सैनिटाइजर प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के जवान भी कर रहे है. साथ ही सभी नगर पालिकाओं से कहा गया है कि वो प्रशिक्षण और जानकारी के लिए अपनी टीम भेंजे.

इस तरह छोटे से प्रयास से हम सब कहीं न कहीं एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. आम जनता मास्क बनाकर लोगों की मदद में जुटी है तो वहीं डॉक्टर की टीम सैनिटाइजर का निर्माण कर प्रशासनिक कर्मचारियों की सेवा कर रही है.

Last Updated : Mar 29, 2020, 3:10 PM IST
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