महासमुंद: एक तरफ पुरातात्विक नगरी सिरपुर को विश्व धरोहर में शामिल कराने और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए शासन स्तर पर तमाम कवायदें चल रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यहां बना भारत का पहला ईंटों से बना लक्ष्मण मंदिर उपेक्षा का दंश झेल रहा है. देखरेख के अभाव में सातवीं शताब्दी के इस लक्ष्मण मंदिर की दीवारों पर पौधे निकल आए हैं, जो मंदिर को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
जनप्रतिनिधि और पर्यटक ASI पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं कलेक्टर कोरोना काल और लॉकडाउन की दुहाई देते हुए ASI की मदद से हफ्तेभर में व्यवस्था सुदृढ़ करने की बात कर रहे हैं.
सातवीं शताब्दी में हुआ था लक्ष्मण मंदिर का निर्माण
पुरातत्व नगरी सिरपुर में स्थित लक्ष्मण मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी के महाशिव गुप्त बाला अर्जुन की मां और हर्ष गुप्त की विधवा पत्नी रानी वसाटा ने अपने पति की याद में बनवाया था. लक्ष्मण मंदिर ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अधीन है. जिससे इस धरोहर की पूरी देखभाल की जिम्मेदारी ASI की ही है, लेकिन विभाग की लापरवाही और सही देखरेख नहीं होने के कारण इस राष्ट्रीय धरोहर की दीवारों पर पौधे निकल आए हैं, जो इसे नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस पुरातत्व नगरी के लक्ष्मण मंदिर का ये हाल देखकर जनप्रतिनिधि और पर्यटक काफी चिंतित हैं और ASI पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं.
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हफ्तेभर में लक्ष्मण मंदिर की दशा सुधारने का दावा
ETV भारत से चर्चा में कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कई विभागों के काम रुके हैं, हालांकि उन्होंने ASI को हरसंभव मदद देते हुए हफ्तेभर के अंदर लक्ष्मण मंदिर को हो रहे नुकसान को ठीक करवाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि लक्ष्मण मंदिर राष्ट्रीय धरोहर है और इसकी देखरेख पूरी जवाबदेही से करनी होगी.
प्राचीन 100 धरोहरों में शामिल है लक्ष्मण मंदिर
देशभर की प्राचीन 100 धरोहरों में नाम होने के बाद भी पुरातात्विक नगरी सिरपुर में सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण पर्यटक यहां नाममात्र के लिए ही आते हैं. सिरपुर प्राचीन काल में श्रीपुर के नाम से विख्यात रहा. सोमवंशी शासकों के काल में इसे दक्षिण कौशल की राजधानी होने का गौरव भी हासिल था. इतिहासकारों के अनुसार छठी शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग भी यहां पहुंचे थे. ऐतिहासिक जनश्रुतियां बताती हैं कि भद्रावती के सोमवंशी पांडव नरेशों ने भद्रावती को छोड़कर इसे बसाया था. पुरातात्विक नगरी सिरपुर में शिल्पकारी का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है. राजधानी रायपुर से 63 किलोमीटर दूर सिरपुर में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की प्रतिमा, जैन धर्म के प्रमाण के अलावा लक्ष्मण मंदिर और व्यापार केंद्र के अवशेष मिले हैं.