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महासमुंद: लॉकडाउन में जननी सुरक्षा योजना महिलाओं के लिए बनी वरदान

विश्वभर में कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई है, जिससे लोगों में खौफ का माहौल है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में राहत कि बात ये है कि महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का पूरा-पूरा लाभ मिल रहा है. बता दें कि जननी सुरक्षा योजना की शुरुआत 2005 में की गई थी.

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संस्थागत प्रसव का महिलाएं ले रही लाभ
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Published : May 1, 2020, 1:56 PM IST

Updated : May 4, 2020, 9:03 PM IST

महासमुंद: कोविड 19 का संकट दुनियाभर में फैला हुआ है. देश भी फिलहाल लॉकडाउन से गुजर रहा है. ऐसे में जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. लॉकडाउन में जहां सभी शासकीय कार्यालय बंद हैं, लोग घरों में बैठे हैं, वहीं जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव करा रहे हैं, जिससे सैकड़ों गर्भवती महिलाओं के चेहरे खिले हुए हैं.

जननी सुरक्षा योजना

भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. कुछ जरूरी सेवाओं को अगर छोड़ दें, तो सरकारी कार्यालय, निजी संस्थानों समेत सबकुछ बंद है. लोग भी घरों में दुबककर बैठे हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना एक चुनौती थी, लेकिन अब जननी सुरक्षा योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है.

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दुरुस्त बच्चे को जन्म

हजारों गर्भवतियों को मिला योजना का लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जल्दी कोई स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं, ऐसे में सरकारी अस्पतालों में जननी सुरक्षा योजना बखूबी संचालित हो रही है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो जनवरी-फरवरी में जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में 3 हजार 261 गर्भवती महिलाओं ने संस्थागत प्रसव कराया है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान मार्च और अप्रैल में 2 हजार 899 गर्भवती महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है.

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जननी सुरक्षा योजना का लाभ

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में फिर मचा शराब पर बवाल, हमलावर हुआ विपक्ष

शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए योजना की शुरुआत

मामले में जिला अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी, जो कोरोना काल में वरदान साबित हुई है. बता दें कि इस योजना की शुरुआत 2005 में की गई थी.

जननी सुरक्षा योजना का गर्भवती महिलाओं को मिल रहा लाभ

गौरतलब है कि वर्तमान में जननी सुरक्षा योजना का लाभ जिला अस्पताल, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 222 उप स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से हितग्राहियों को दी जा रही है. इस योजना के तहत प्रसव कराने पर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 14000 रुपए और शहरी क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं को 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है.

महासमुंद: कोविड 19 का संकट दुनियाभर में फैला हुआ है. देश भी फिलहाल लॉकडाउन से गुजर रहा है. ऐसे में जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. लॉकडाउन में जहां सभी शासकीय कार्यालय बंद हैं, लोग घरों में बैठे हैं, वहीं जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव करा रहे हैं, जिससे सैकड़ों गर्भवती महिलाओं के चेहरे खिले हुए हैं.

जननी सुरक्षा योजना

भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. कुछ जरूरी सेवाओं को अगर छोड़ दें, तो सरकारी कार्यालय, निजी संस्थानों समेत सबकुछ बंद है. लोग भी घरों में दुबककर बैठे हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना एक चुनौती थी, लेकिन अब जननी सुरक्षा योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है.

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दुरुस्त बच्चे को जन्म

हजारों गर्भवतियों को मिला योजना का लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जल्दी कोई स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं, ऐसे में सरकारी अस्पतालों में जननी सुरक्षा योजना बखूबी संचालित हो रही है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो जनवरी-फरवरी में जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में 3 हजार 261 गर्भवती महिलाओं ने संस्थागत प्रसव कराया है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान मार्च और अप्रैल में 2 हजार 899 गर्भवती महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है.

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जननी सुरक्षा योजना का लाभ

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शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए योजना की शुरुआत

मामले में जिला अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी, जो कोरोना काल में वरदान साबित हुई है. बता दें कि इस योजना की शुरुआत 2005 में की गई थी.

जननी सुरक्षा योजना का गर्भवती महिलाओं को मिल रहा लाभ

गौरतलब है कि वर्तमान में जननी सुरक्षा योजना का लाभ जिला अस्पताल, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 222 उप स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से हितग्राहियों को दी जा रही है. इस योजना के तहत प्रसव कराने पर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 14000 रुपए और शहरी क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं को 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है.

Last Updated : May 4, 2020, 9:03 PM IST
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