महासमुंद: शनिवार को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक गढ़ कलेवा का शुभारंभ महासमुंद कलेक्टर परिसर में किया गया. गढ़ कलेवा की पहले जिला पंचायत और कलेक्ट्रेट में शुरुआत की जानी है. महासमुंद का गढ़ कलेवा इसलिए खास है क्योंकि पूरे छत्तीसगढ़ में ये इकलौता ऐसा गढ़ कलेवा है, जिसका संचालन दिव्यांगजन करेंगे. इसे देखते हुए इसका नाम सक्षम गढ़ कलेवा रखा गया है.
दिव्यांगों के इस समूह में 11 सदस्य हैं. जो कि नगरपालिका में दीनदयाल योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत पंजीकृत संस्था है. इस समूह में सबसे ज्यादा दिव्यांगजन शामिल हैं. दिव्यांगजनों के समूह के लिए संचालित इस गढ़ कलेवा में दिव्यांगों के लिए विशेष तौर पर रैंप बनाया गया है. जो मापदंड के अनुरूप है. जो दिव्यांगों के लिए इस भवन को सुगम बनाएगा.
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दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
प्रदेश में सभी स्थानों पर गढ़ कलेवा का संचालन समाज कल्याण विभाग और संस्कृति विभाग की ओर से किया जा रहा है. समाज कल्याण विभाग की अहम भूमिका होने के कारण उन्होंने दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसमें उन्हें शामिल किया है. दिव्यांगजनों का कहना है कि जिस तरह का कार्य महासमुंद कलेक्टर और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी कर रहे हैं, इससे वे हमें आत्मनिर्भर बना रहे हैं. हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं. हमें स्वयं का रोजगार करने के लिए वह कहीं न कहीं हमें एक अवसर दे रहे हैं.
अतिथियों ने व्यंजन चखे
महासमुंद के गढ़ कलेवा में लोगों की पसंद के मुताबिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन ठेठरी, खुर्मी, चीला, फरा, आदि व्यंजन मिलेंगे. उद्घाटन के बाद कलेक्टर और सभी अधिकारियों ने बहुत ही चाव से इन सभी व्यंजनों का लुफ्त उठाया.