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उन्नत बीज और अधिक पैदावार का लालच देकर सैकड़ों किसानों से धोखाधड़ी

उन्नत बीज और अधिक पैदावार का लालच देकर 300 से अधिक किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां किसान प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

अधिक पैदावार का लालच देकर सैकड़ों किसानों से धोखाधड़ी
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Published : Oct 15, 2019, 4:43 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 6:37 PM IST

महासमुंद: प्रदेश में 9 जिलों के किसानों को ब्लैक राईस का उत्पादन और बाद में खेतों से फसल का तय किया हुआ दाम देने के वादे के साथ ब्लैक रईस मिल ने किसानों ने बीज बांट दिए थे.

अधिक पैदावार का लालच देकर सैकड़ों किसानों से धोखाधड़ी

किसानों ने बताया कि पोहा राईस मिल बाफना और डॉक्टर आर के सेन ने ब्लैक राईस का उत्पादन खेतों में करने के लिए एक एग्रीमेंट करवाया था. एग्रीमेंट के हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 20 किलोग्राम बीज दिया गया था. साथ ही क्षेत्र में 15 क्विंटल धान होने की बात कही और धान को 26 सौ रूपये प्रति क्विंटल सीधे खेतों से उठाने की बात भी कही गई.

पैदावार में लगा सामान्य से ज्यादा समय
वहीं किसानों ने यह भी बताया कि 'खेत में पूरी जैविक खाद का उपयोग करने को कहा गया था. जैविक दवाइयों से खेतों में धान तो हुआ, लेकिन सामान्य धान से अधिक समय लगा, जिसके कारण किसानों को धान को पानी भी ज्यादा पलाना पड़ा और ध्यान भी ज्यादा देना पड़ा'.

किसानों से धोखाधड़ी
इस वजह से किसानों का समय और रुपये ज्यादा खर्च हुआ. पैदावार के बाद धान उठाव के समय डॉक्टर आरके सेन ने अपनी परेशानियां बताते हुए डेढ़ साल निकाल दिए, जब किसानों ने धान के उठावन के लिए दबाव बनाया तो आखिर में डॉक्टर ने बाफना राइस मिल लबरा में सभी किसानों को धान लाकर देने को कहा और उन किसानों को धान का मूल्य लेने को कहा.

किसानों ने अपने धान और मेहनत की कमाई को बचाने के लिए मजबूरन अपने वाहनों से धान को राइस मिल तक पहुंचाया. वहीं किसानों को असली समस्या धान बेचने के बाद हुई एक-दो लोगों को ही धान के कुछ रुपये दिए गए.

500 से ज्यादा किसान बने शिकार
वहीं 500 किसानों के 70 लाख से अधिक की रकम आज भी उनको नहीं मिल पाई है. बाकी के किसानों को धान के एवज में चेक दे दिया गया था, लेकिन जब किसान चेक लेकर बैंक पहुंचे तो उनके चेक बाउंस हो गए. किसानों की चेक में रकम 2 से 3 लाख तक थी.

किसानों ने की एसपी से शिकायत
किसान बाउंस चेक के साथ जनपद पंचायत में इकट्ठा होकर एसपी ऑफिस शिकायत करने पहुंचे. बता दें कि ठगे गए किसान अपनी फरियाद लेकर तीन बार कलेक्टर और एसपी ऑफिस जा चुके हैं. इसके बाद भी उनकी समस्याओं का उचित हल निकल नहीं पा रहा हैं.

पढे़: साजा नगर पंचायत: कांग्रेस के गढ़ में मूलभूत समस्याओं का अंबार

किसानों ने की ये मांग
वहीं किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें रुपये जल्द से जल्द मिले साथ ही भुगतान में जो देरी हुई है, उसका भी ब्याज भी दिया जाए, क्योंकि सामान्य धान से इस धान में ज्यादा समय और खर्चा हुआ है.

एसपी ने कही ये बात
वहीं जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने मामले में संज्ञान लिया है और जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही हैं.

महासमुंद: प्रदेश में 9 जिलों के किसानों को ब्लैक राईस का उत्पादन और बाद में खेतों से फसल का तय किया हुआ दाम देने के वादे के साथ ब्लैक रईस मिल ने किसानों ने बीज बांट दिए थे.

अधिक पैदावार का लालच देकर सैकड़ों किसानों से धोखाधड़ी

किसानों ने बताया कि पोहा राईस मिल बाफना और डॉक्टर आर के सेन ने ब्लैक राईस का उत्पादन खेतों में करने के लिए एक एग्रीमेंट करवाया था. एग्रीमेंट के हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 20 किलोग्राम बीज दिया गया था. साथ ही क्षेत्र में 15 क्विंटल धान होने की बात कही और धान को 26 सौ रूपये प्रति क्विंटल सीधे खेतों से उठाने की बात भी कही गई.

पैदावार में लगा सामान्य से ज्यादा समय
वहीं किसानों ने यह भी बताया कि 'खेत में पूरी जैविक खाद का उपयोग करने को कहा गया था. जैविक दवाइयों से खेतों में धान तो हुआ, लेकिन सामान्य धान से अधिक समय लगा, जिसके कारण किसानों को धान को पानी भी ज्यादा पलाना पड़ा और ध्यान भी ज्यादा देना पड़ा'.

किसानों से धोखाधड़ी
इस वजह से किसानों का समय और रुपये ज्यादा खर्च हुआ. पैदावार के बाद धान उठाव के समय डॉक्टर आरके सेन ने अपनी परेशानियां बताते हुए डेढ़ साल निकाल दिए, जब किसानों ने धान के उठावन के लिए दबाव बनाया तो आखिर में डॉक्टर ने बाफना राइस मिल लबरा में सभी किसानों को धान लाकर देने को कहा और उन किसानों को धान का मूल्य लेने को कहा.

किसानों ने अपने धान और मेहनत की कमाई को बचाने के लिए मजबूरन अपने वाहनों से धान को राइस मिल तक पहुंचाया. वहीं किसानों को असली समस्या धान बेचने के बाद हुई एक-दो लोगों को ही धान के कुछ रुपये दिए गए.

500 से ज्यादा किसान बने शिकार
वहीं 500 किसानों के 70 लाख से अधिक की रकम आज भी उनको नहीं मिल पाई है. बाकी के किसानों को धान के एवज में चेक दे दिया गया था, लेकिन जब किसान चेक लेकर बैंक पहुंचे तो उनके चेक बाउंस हो गए. किसानों की चेक में रकम 2 से 3 लाख तक थी.

किसानों ने की एसपी से शिकायत
किसान बाउंस चेक के साथ जनपद पंचायत में इकट्ठा होकर एसपी ऑफिस शिकायत करने पहुंचे. बता दें कि ठगे गए किसान अपनी फरियाद लेकर तीन बार कलेक्टर और एसपी ऑफिस जा चुके हैं. इसके बाद भी उनकी समस्याओं का उचित हल निकल नहीं पा रहा हैं.

पढे़: साजा नगर पंचायत: कांग्रेस के गढ़ में मूलभूत समस्याओं का अंबार

किसानों ने की ये मांग
वहीं किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें रुपये जल्द से जल्द मिले साथ ही भुगतान में जो देरी हुई है, उसका भी ब्याज भी दिया जाए, क्योंकि सामान्य धान से इस धान में ज्यादा समय और खर्चा हुआ है.

एसपी ने कही ये बात
वहीं जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने मामले में संज्ञान लिया है और जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही हैं.

Intro:एंकर-- उन्नत बीज और अधिक पैदावार का लालच देकर 300 से अधिक किसानों को ठग लिया गया समय से अधिक समय देकर किसानों ने खेतों में फसल तो उगा लिया बाद में किसानों ने लंबा समय इंतजार करने के बाद जब उनके खेतों से धान नहीं उठा तो वह बात कर धानों को उस राइस मिल तक पहुंचा दिया पर वहां पहुंच जाने के बाद भी उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई नहीं मिल पाई अब किसान प्रशासन से उपज की रकम दिलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं कभी कलेक्टर कभी एसपी के पास जा रहे है
आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है
प्रदेश में 9 जिलों के किसानों को ब्लेक राईस का उत्पादन और बाद में खेतों से फसल का तय किया हुआ दाम देने के वादे के साथ ब्लेक रईस के बीज बांट दिए गए पीड़ित किसान ने ईटीवी टीवी को बताया कि पोहा राईस मिल बाफना व डॉक्टर आर के सेन ने ब्लेक राईस का उत्पादन अपने खेतों में करने के लिए नियम से एक एग्रीमेंट करवाया एग्रीमेंट के मुताबिक प्रति एकड़ 20 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ दीया क्षेत्र में 15 क्विंटल धान होने की बात कही और बाद में धान को ₹26 प्रति क्विंटल सीधे खेतों से उठाने की बात भी कही गई खेत पूरी जैविक खाद से करना था पर रसायनिक खाद का उपयोग नहीं करना है जैविक उनकी दवाइयों से खेती और खेतों में धान हुआ तो सही


Body:वीओ 1 - सामान्य धान यह ध्यान से अधिक समय लिया जिसके कारण किसानों को धान को पानी भी ज्यादा पलाना पड़ा और सुरक्षा भी ज्यादा देनी पड़े जिससे समय एवं पैसा ज्यादा खर्च हुआ पैदावार के बाद धान उठाव के समय बाफना हुआ डॉक्टर आरके सेन ने बहुत सारी परेशानियां बता कर डेढ़ साल निकाल दिए जब किसानों ने धान के उठाओ के लिए दबाव बनाया तो आखिर में डॉक्टर से ने बाफना राइस मिल लबरा में सभी किसानों को धान वहां लाकर देने को कहा और उन किसानों को धान का मूल्य लेने वह अपने धान और मेहनत की कमाई बचाने के लिए मजबूरन अपने वाहनों से राइस मिल तक धान पहुंचाया गया किसानों को असली समस्या धान बेचने के बाद हुई इक्का-दुक्का लोगों को धान का कुछ मूल्य मिला 500 किसानों के 70 लाख से अधिक की रकम आज भी बाकी है बाकी किसानों को धान के एवज में चेक दे दिया गया व वह चेक लेकर जब किसान बैंक पहुंचे तो उनके चेक बाउंस हो गए उस चेक की रकम भी कुछ कम नहीं थी किसी की चार लाख किसी की दो लाख किसी का तीन लाख किसी का एक लाख की रकम थी अब किसान उस बाउंस चेक को लेकर जनपद पंचायत पहुंचे जहां वह सब इकट्ठा होकर एसपी ऑफिस इसकी शिकायत करने पहुंचे


Conclusion: वीओ 2 - अब ठगे गए किसान अपनी फरियाद लेकर तीन बार कलेक्टर और एसपी ऑफिस जा चुके हैं प्रशासन के तरफ से उचित आश्वासन नहीं मिल पाया है पूरे मामले में पोहा राइस मिल व डॉक्टर आर के सेन का उद्देश्य साफ नहीं हुआ है इससे किसानों को ब्लेक रईस के लिए एग्रीमेंट कर तैयार तो कर लिया गया वहीं किसानों की मुख्य मांग है कि उनको पैसा जल्द से जल्द मिले सामने त्यौहार है वह जितने महीने लेट हुआ है उसका भी ब्याज दे क्योंकि सामान्य धान से इस धान में ज्यादा समय और पैसा लगा वहीं जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस पूरे मामले में हमने संज्ञान लिया है और जल्द ही कार्यवाही करेंगे इसमें हमारी प्राथमिकता है कि किसानों को उनके मेहनत की कमाई पहले दिलाएं और फिर बड़ी कार्यवाही इन लोगों के खिलाफ करें।

बाइट 1 - योगेश्वर चंद्राकर जनपद सदस्य महासमुंद सर पार्टी का और नीले कलर का कुर्ता

बाइट 2 - राम कुमार वर्मा, धमतरी के किसान चश्मा और क्रीम कलर का शर्ट।

बाइट 3 - जितेंद्र शुक्ला एसपी महासमुंद पुलिस वर्दी।

हाकिमुद्दीन नासिर रिपोटर इटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Oct 15, 2019, 6:37 PM IST
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