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महासमुंद की इन बच्चियों ने तैयार किया अनोखा सेटेलाइट, पीएम ने किया प्रक्षेपण - Indian Space Research Organization

महासमुंद जिले के आशीवाई गोलछा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं अनोखा सेटेलाइट तैयार किया है. इस सेटेलाइट का प्रक्षेपण पीएम ने किया. छात्राओं के इस काम से शिक्षक सहित पूरा जिला और राज्य गौरवान्वित (Aashiwai Golcha Government Girls Higher Secondary School) है.

Girls made a unique satellite
बच्चियों ने तैयार किया अनोखा सेटेलाइट
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Published : Aug 7, 2022, 5:09 PM IST

महासमुंद: महासमुंद जिले के आशीवाई गोलछा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने एक बार फिर जिले के साथ-साथ प्रदेश का गौरव बढ़ाया (Aashiwai Golcha Government Girls Higher Secondary School) है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के द्वारा तैयार किया गया SSLV-D1/EOS-02 सेटेलाइट, जिसका प्रक्षेपण आज श्रीहरिकोटा में प्रधानमंत्री ने किया है. उस सेटेलाइट में लगे चिप की प्रोग्रामिंग इन छात्राओं ने की है.

महासमुंद की इन बच्चियों ने तैयार किया अनोखा सेटेलाइट

छात्राओं को दिया गया आजादीसैट नाम: बता दें कि बच्चों के अन्दर विज्ञान के क्षेत्र में रुचि बढ़ाने के लिए अटल लैब की स्थापना की गयी है, जिसमें बच्चे इस तरह का प्रयोग कुशल शिक्षकों के मार्गदर्शन में करते हैं. इसी कड़ी में चेन्नई की स्पेस किड्स इंडिया संस्था के बेबिनार में ये बच्चे ऑनलाइन शामिल हुए थे. उसके बाद स्पेस किड्स इंडिया ने इन्हें एक चिप भेजा और अपने मार्गदर्शन में ऑनलाइन इन बच्चों से उस चिप में तापमान, दाब आदि की प्रोग्रामिंग कराई. ये काम स्पेस किड्स इंडिया ने भारत के 75 स्कूलों के 750 छात्राओं से कराई. छत्तीसगढ़ में ये काम महासमुंद जिले के इन होनहार छात्राओं ने किया, जिसे आजादीसैट नाम दिया गया है.

यह भी पढ़ें: बालोद की बेटियां निभा रहीं हर घर तिरंगा अभियान में अहम भूमिका

शिक्षक भी गर्वित: बता दें कि एसएसएलवी उपग्रह छह मीटर रिजाल्यूशन वाला एक इन्फ्रारेड कैमरा ले जाएगा. उस पर एक स्पेसकिडज इंडिया द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों के 750 छात्रों द्वारा निर्मित आठ किलोग्राम आजादीसैट सैटेलाइट होगी. स्पेसकिड्ज इंडिया की मानें तो इस परियोजना का महत्व यह है कि इसे स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बनाया गया है. उपग्रह में सेल्फी कैमरे भी शामिल है. आठ किलो वजन वाले आजादीसैट सैटेलाइट में 75 फेमटो एक्सपरिमेंट और सेल्फी कैमरे हैं. यह अपने सौर पैनलों और लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर की फोटो लेने के लिए उपयुक्त होगा. इसरो की छह महीने की अवधि के मिशन वाली यह परियोजना आजादी के अमृत महोत्सव समारोह का ही हिस्सा है. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली छात्राएं, जहां उत्साहित हैं. वहीं, वो अपने देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. इस विद्यालय के शिक्षक इससे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

महासमुंद: महासमुंद जिले के आशीवाई गोलछा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने एक बार फिर जिले के साथ-साथ प्रदेश का गौरव बढ़ाया (Aashiwai Golcha Government Girls Higher Secondary School) है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के द्वारा तैयार किया गया SSLV-D1/EOS-02 सेटेलाइट, जिसका प्रक्षेपण आज श्रीहरिकोटा में प्रधानमंत्री ने किया है. उस सेटेलाइट में लगे चिप की प्रोग्रामिंग इन छात्राओं ने की है.

महासमुंद की इन बच्चियों ने तैयार किया अनोखा सेटेलाइट

छात्राओं को दिया गया आजादीसैट नाम: बता दें कि बच्चों के अन्दर विज्ञान के क्षेत्र में रुचि बढ़ाने के लिए अटल लैब की स्थापना की गयी है, जिसमें बच्चे इस तरह का प्रयोग कुशल शिक्षकों के मार्गदर्शन में करते हैं. इसी कड़ी में चेन्नई की स्पेस किड्स इंडिया संस्था के बेबिनार में ये बच्चे ऑनलाइन शामिल हुए थे. उसके बाद स्पेस किड्स इंडिया ने इन्हें एक चिप भेजा और अपने मार्गदर्शन में ऑनलाइन इन बच्चों से उस चिप में तापमान, दाब आदि की प्रोग्रामिंग कराई. ये काम स्पेस किड्स इंडिया ने भारत के 75 स्कूलों के 750 छात्राओं से कराई. छत्तीसगढ़ में ये काम महासमुंद जिले के इन होनहार छात्राओं ने किया, जिसे आजादीसैट नाम दिया गया है.

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शिक्षक भी गर्वित: बता दें कि एसएसएलवी उपग्रह छह मीटर रिजाल्यूशन वाला एक इन्फ्रारेड कैमरा ले जाएगा. उस पर एक स्पेसकिडज इंडिया द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों के 750 छात्रों द्वारा निर्मित आठ किलोग्राम आजादीसैट सैटेलाइट होगी. स्पेसकिड्ज इंडिया की मानें तो इस परियोजना का महत्व यह है कि इसे स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बनाया गया है. उपग्रह में सेल्फी कैमरे भी शामिल है. आठ किलो वजन वाले आजादीसैट सैटेलाइट में 75 फेमटो एक्सपरिमेंट और सेल्फी कैमरे हैं. यह अपने सौर पैनलों और लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर की फोटो लेने के लिए उपयुक्त होगा. इसरो की छह महीने की अवधि के मिशन वाली यह परियोजना आजादी के अमृत महोत्सव समारोह का ही हिस्सा है. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली छात्राएं, जहां उत्साहित हैं. वहीं, वो अपने देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. इस विद्यालय के शिक्षक इससे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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