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महासमुंद : किसानों ने कहा नहीं हुआ धान का भुगतान, RTI से हुआ ये खुलासा

साल 2016-17 में समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान भुगतान नहीं होने पर किसानों ने एक RTI लगाई थी, जिसमें भुगतान पहले ही हो जाने की बात सामने आयी है. किसानों ने दो राइसमिल और मंडी विभाग पर मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया है .

बेचे गए धान भुगतान नहीं होने पर किसानों ने एक RTI लगाई
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Published : Sep 7, 2019, 5:18 PM IST

महासमुंद: जिले में किसानों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. करीब 20 से अधिक किसानों की समर्थन मूल्य पर बेची गई फसल का राइसमिल ने अब तक भुगतान नहीं किया है. जबकि किसानों की ओर से लगाई गई RTI में इस बात का खुलासा हुआ की किसानों के फसल का भुगतान हो चुका है.

ग्राम बकमा, बेलसोंडा, आरंग, शिर्डी, बेमचा, खरोरा, बम्हनी, नावगांव, निसदा, लाफिंगकला, कुसुमखुटा, हाड़ाबंद गांव के 39 किसानों ने वर्ष 2016-17 में दो राइसमिल महामाया एग्रोटेक और साईं राइसमिल साराडीह को हजारों क्विंटल धान बेचा गया था, जिसका भुगतान 2 सालों से नहीं हुआ है.

पढे़ं : और फिर PM के गले लगकर रोने लगे ISRO चीफ, मोदी ने बढ़ाया हौसला

किसानों ने आरोप लगाया है कि RTI में जो भुगतान होने की जानकारी सामने आई है, वह रकम उन्हें अब तक नहीं मिली है. मंडी प्रशासन और राइस मिल ने मिलकर सौदा पत्र काट फर्जी हस्ताक्षर किए हैं. साथ ही फर्जी तरीके से भुगतान का देख पत्र काटकर मंडी में रिकॉर्ड के तौर पर रख लिया है. वहीं सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों से किसानों के फर्जी हस्ताक्षर होने का भी पता चला है .

मामले में वर्तमान मंडी प्रभारी सचिव शिव शंकर ने किसानों के आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि किसानों को भुगतान होने का रिकॉर्ड विभाग के पास मौजूद हैं.

महासमुंद: जिले में किसानों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. करीब 20 से अधिक किसानों की समर्थन मूल्य पर बेची गई फसल का राइसमिल ने अब तक भुगतान नहीं किया है. जबकि किसानों की ओर से लगाई गई RTI में इस बात का खुलासा हुआ की किसानों के फसल का भुगतान हो चुका है.

ग्राम बकमा, बेलसोंडा, आरंग, शिर्डी, बेमचा, खरोरा, बम्हनी, नावगांव, निसदा, लाफिंगकला, कुसुमखुटा, हाड़ाबंद गांव के 39 किसानों ने वर्ष 2016-17 में दो राइसमिल महामाया एग्रोटेक और साईं राइसमिल साराडीह को हजारों क्विंटल धान बेचा गया था, जिसका भुगतान 2 सालों से नहीं हुआ है.

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किसानों ने आरोप लगाया है कि RTI में जो भुगतान होने की जानकारी सामने आई है, वह रकम उन्हें अब तक नहीं मिली है. मंडी प्रशासन और राइस मिल ने मिलकर सौदा पत्र काट फर्जी हस्ताक्षर किए हैं. साथ ही फर्जी तरीके से भुगतान का देख पत्र काटकर मंडी में रिकॉर्ड के तौर पर रख लिया है. वहीं सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों से किसानों के फर्जी हस्ताक्षर होने का भी पता चला है .

मामले में वर्तमान मंडी प्रभारी सचिव शिव शंकर ने किसानों के आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि किसानों को भुगतान होने का रिकॉर्ड विभाग के पास मौजूद हैं.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले के तीन दर्जनों से ज्यादा अन्नदाता का 1 करोड़ 20 लाख रुपए का हुआ फर्जीवाड़ा जी हां ऐसा ही मामला सामने आया है महासमुंद के किसानों ने प्रेसवार्ता लेकर राइस मील व कृषि उपज मंडी के कर्मचारियों पर मिली भगत कर करोड़ों रुपयों का गमन करने का आरोप लगाया है।


Body:आपको बता दें कि ग्राम बकमा,बेलसोंडा,आरंग,शिर्डी,बेमचा खरोरा,बम्हनी,नावगांव निसदा,लाफिंगकला, कुसुमखुटा, हाड़ाबंद गांव के 39 किसानों ने वर्ष 2016 17 में दो राइस मील महामाया एग्रोटेक एवं साईं राइस मिल साराडीह को हजारों कुंटल धान बेच कर आज तक राइस मिल के द्वारा इन किसानों को भुगतान नहीं किया बल्कि मंडी प्रशासन व राइस मिल ने मिलकर सौदा पत्र काट कर फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान का देख पत्र काटकर मंडी के रिकॉर्ड में तौर पर रख लिया पर किसानों को उनके धान का पैसा नहीं मिला इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से हुआ किसानों का फर्जी हस्ताक्षर प्राप्त होना दर्शा दिया गया है


Conclusion:किसान अब अपनी अपने पैसों के लिए कलेक्टर से लेकर एसपी तक गुहार लगा रहे हैं किसान जहां मंडी प्रशासन व राइस मिलर मिलीभगत कर करोड़ों रुपए गमन कर लेने का आरोप लगा रहे हैं वहीं वर्तमान मंडी प्रभारी नीमा अनुसार भुगतान कर देने का रिकॉर्ड मौजूद होने का हवाला देते हुए आरोपों को नीर निराधार बता रहे हैं।

बाइट 1 - जागेश्वर जुगनू चंद्राकर किसान पहचान हाफ टीशर्ट काले कलर का।

बाइट 2 - शिव शंकर मंडी प्रभारी सचिव पहचान चश्मा लगाया हुआ और सफेद काला में फुल शर्ट

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
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