महासमुंद: जिले में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन धान खरीदी केंद्रों पर आधी-अधूरी तैयारी देखी जा रही है जिससे किसान परेशान है. धान सोसाइटी में सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिल पाया है. जिससे किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. टोकन नहीं मिलने से किसान वापस लौटने को मजबूर हैं
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जो कि 15 नवंबर से होती थी. इस बार यह 1 दिसंबर से हो रही है जिसकी वजह से किसान पहले से ही परेशान थे और अब टोकन नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है. लेट धान खीरीदी होने की वजह ेस किसानों को अपने धान की 15 दिनों तक चौकीदारी करनी पड़ी. दूसरी तरफ धान सूखने की वजह से किसानों को धान का वजन कम होने का डर भी सता रहा है. इतना ही नहीं लेट धान खरीदी होने की वजह से किसानों के पास पैसे नहीं है जिससे वह जरूरी सामान नहीं खरीद पा रहे हैं.
टोकन न मिलने से किसान नाराज
1 दिसंबर को धान खरीदी के लिए जब किसान टोकन लेने सोसाइटी पहुंचे तो वहां पर सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों के चलते उन्हें टोकान नहीं मिल पाया. जिससे मायूस होकर किसान वापस जा रहे हैं. लेकिन जिले के 12 धान खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिसमें पीडियाझर, बेमचा ,बावनकेर, नर्रा , पीढ़ी धान खरीदी केंद्र प्रमुख रूप से शामिल है.
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अधिकारियों ने धान खरीदी केंद्रों पर सारी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. लेकिन टोकन जारी नहीं हो पाने से उनकी तैयारियों के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं.