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महासमुंद: धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं कटने से किसान परेशान - farmers upset due to not cutting tokens

रविवार से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. लेकिन खरीदी केंद्रों पर तैयारी पूरी नहीं है जिसकी वजह से किसान परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशानी टोकन को लेकर है.

Farmers are worried about buying paddy
टोकन नहीं कटने से किसान परेशान
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Published : Dec 1, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 4:05 PM IST

महासमुंद: जिले में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन धान खरीदी केंद्रों पर आधी-अधूरी तैयारी देखी जा रही है जिससे किसान परेशान है. धान सोसाइटी में सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिल पाया है. जिससे किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. टोकन नहीं मिलने से किसान वापस लौटने को मजबूर हैं

टोकन नहीं कटने से किसान परेशान

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जो कि 15 नवंबर से होती थी. इस बार यह 1 दिसंबर से हो रही है जिसकी वजह से किसान पहले से ही परेशान थे और अब टोकन नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है. लेट धान खीरीदी होने की वजह ेस किसानों को अपने धान की 15 दिनों तक चौकीदारी करनी पड़ी. दूसरी तरफ धान सूखने की वजह से किसानों को धान का वजन कम होने का डर भी सता रहा है. इतना ही नहीं लेट धान खरीदी होने की वजह से किसानों के पास पैसे नहीं है जिससे वह जरूरी सामान नहीं खरीद पा रहे हैं.

टोकन न मिलने से किसान नाराज
1 दिसंबर को धान खरीदी के लिए जब किसान टोकन लेने सोसाइटी पहुंचे तो वहां पर सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों के चलते उन्हें टोकान नहीं मिल पाया. जिससे मायूस होकर किसान वापस जा रहे हैं. लेकिन जिले के 12 धान खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिसमें पीडियाझर, बेमचा ,बावनकेर, नर्रा , पीढ़ी धान खरीदी केंद्र प्रमुख रूप से शामिल है.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आज से शुरू होगी धान खरीदी, सरकार पर 'वादा' निभाने का दबाव

अधिकारियों ने धान खरीदी केंद्रों पर सारी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. लेकिन टोकन जारी नहीं हो पाने से उनकी तैयारियों के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

महासमुंद: जिले में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन धान खरीदी केंद्रों पर आधी-अधूरी तैयारी देखी जा रही है जिससे किसान परेशान है. धान सोसाइटी में सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिल पाया है. जिससे किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. टोकन नहीं मिलने से किसान वापस लौटने को मजबूर हैं

टोकन नहीं कटने से किसान परेशान

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जो कि 15 नवंबर से होती थी. इस बार यह 1 दिसंबर से हो रही है जिसकी वजह से किसान पहले से ही परेशान थे और अब टोकन नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है. लेट धान खीरीदी होने की वजह ेस किसानों को अपने धान की 15 दिनों तक चौकीदारी करनी पड़ी. दूसरी तरफ धान सूखने की वजह से किसानों को धान का वजन कम होने का डर भी सता रहा है. इतना ही नहीं लेट धान खरीदी होने की वजह से किसानों के पास पैसे नहीं है जिससे वह जरूरी सामान नहीं खरीद पा रहे हैं.

टोकन न मिलने से किसान नाराज
1 दिसंबर को धान खरीदी के लिए जब किसान टोकन लेने सोसाइटी पहुंचे तो वहां पर सॉफ्टवेयर और टावर की दिक्कतों के चलते उन्हें टोकान नहीं मिल पाया. जिससे मायूस होकर किसान वापस जा रहे हैं. लेकिन जिले के 12 धान खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिसमें पीडियाझर, बेमचा ,बावनकेर, नर्रा , पीढ़ी धान खरीदी केंद्र प्रमुख रूप से शामिल है.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आज से शुरू होगी धान खरीदी, सरकार पर 'वादा' निभाने का दबाव

अधिकारियों ने धान खरीदी केंद्रों पर सारी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. लेकिन टोकन जारी नहीं हो पाने से उनकी तैयारियों के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Intro:एंकर - किसान अपने मेहनत की कमाई को आज धान सोसाइटीओ में बेचने पहुंचेंगे राज्य सरकार धान सोसायटीओं के द्वारा खरीदी चालू कर रही है छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जो कि 15 नवंबर से होती थी इस बार 1 दिसंबर से हो रही है इस पर किसानों के चेहरे पर खुशी के जगह चिंता की लकीरें दिख रही है पहले तो किसानों को अपनी मेहनत से कमाई धान को ब्यारा में रखकर 15 दिन चौकीदारी करनी पड़ी वहीं उनके धान सूख जाने के कारण वजन कम हो जाने का डर सता रहा है और पैसे हाथ में ना होने के कारण उनके जीवन की मूलभूत चीजों के लिए भी वह तरस जा रहे हैं


Body:वीओ 1 - 1 दिसंबर खरीदी के लिए जब किसान टोकन लेने सोसाइटी पहुंचे तो वहां पर सॉफ्टवेयर एवं टावर का प्रॉब्लम के कारण उन्हें टोका नहीं मिल पाया जिससे मायूस होकर वापस जा रहे हैं और साथ ही अपना दर्द बयां कर रहे हैं आपको बता दें कि 1 दिसंबर रविवार के दिन पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी चालू होना है पर जिले में 12 सोसाइटी धान खरीदी 1 दिसंबर को चालू नहीं हो पाएगी जिसमें पीडियाझर, बेमचा ,बावनकेर,नर्रा ,पीढ़ी जैसी और सोसाइटी है


Conclusion:वीओ 2 - महासमुंद जिले में कुल 81 समितियों के द्वारा 127 धान उपार्जन समिति में सरकार द्वारा निश्चित समर्थन मूल्य में धान खरीदी किया जाएगा अधिकारी द्वारा कहना है कि हमारी सभी समितियों की प्राथमिक तैयारियां पूर्ण हो चुकी है जैसे कंप्यूटर ,सॉफ्टवेयर बारदाना ,हमाल, टोकन के कार्य पूर्ण कर चुके हैं पर गौरतलब है कि जहां अधिकारियों का दावा है कि तैयारी पूर्ण हो चुकी है वहीं अधिकारियों को मीडिया के द्वारा जानकारी प्राप्त होती है कि 12 जगह धान खरीदी नहीं हो पाएगी जिसके बाद उसे दिखाने की बात अधिकारी कर रहे हैं।

बाइट 1 - बल्ली राम किसान ग्राम कौदकेरा पहचान - सफेद कुर्ता और नीला गमछा।

बाइट 2 - माणिक राम साहू केंद्र प्रभारी पहचान बेमच सफेद कलर फुल शर्ट।

बाइट 3 - अजय कुमार यादव खाद्य अधिकारी पहचान चश्मा लगाया हुआ और पीले काले कलर में डब्बा डिजाइन वाला शर्ट पहना हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Dec 1, 2019, 4:05 PM IST
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