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महासमुंद के किसानों के लिए सरकार की सिंचाई योजना बनी वरदान, क्रेडा की मदद से कमा रहे दोगुना मुनाफा

अछोला गांव के किसानों के जीवन को केंद्र सरकार की सौर सामुदायिक सिंचाई योजना ने खुशहाल कर दिया है. एक वक्त सिंचाई के अभाव में यहां खेती कर पाना काफी मुश्किल था, लेकिन क्रेडा (राज्‍य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण) ने 40 किलो वाट का सोलर पैनल लगा उस नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है.

Farmers happy with irrigation scheme
सिंचाई योजना बनी वरदान
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Published : Sep 2, 2020, 8:39 PM IST

महासमुंद: अछोला गांव के किसान पानी के पर्याप्त स्रोत होते हुए भी बिजली के अभाव में खेती से वंचित थे. ऐसे में केंद्र सरकार की सौर सामुदायिक सिंचाई योजना इन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. इस योजना के तहत क्रेडा (राज्‍य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण) ने 40 किलो वाट का सोलर पैनल यहां स्थापित किया है. जिसके परिणाम स्वरूप 4 पंपों के माध्यम से क्षेत्र के 99 किसान 67 हेक्टेयर खेत की सिंचाई असानी से कर पा रहे हैं. बेहद कम व्यय में खेती कर किसान खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

सिंचाई योजना बनी वरदान

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की लगभग 70% आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है. कृषि ही भारत का आधार है. ज्यादातर इलाकों में खरीफ की फसल मानसून और वर्षा पर निर्भर होती है. मानसून ही तय करता है कि आखिर खरीफ की फसल कैसी होगी. मानसून के अभाव में कृषि प्रभावित भी होती है. ऐसे में किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है. देश में नहर, तालाब, स्टॉप डैम के माध्यम से भी सिंचाई की जाती है, लेकिन कई इलाकों में पानी के पर्याप्त स्रोत होते हुए भी बिजली के अभाव में किसान खेती नहीं कर पाते हैं. उन्हें इसके लिए महंगे डीजल पंप सेट का उपयोग करना पड़ता है. जिससे किसानों को अधिक व्यय करना पड़ता है. ऐसे में पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से और क्रीड़ा की दूरदर्शिता से ऐसे जल स्रोतों का चयन कर वहां सौर ऊर्जा आधारित कृषि सिंचाई योजना की रूपरेखा तैयार की गई है.

67 ha farmland irrigation
67 हेक्टेयर खेत की सिंचाई

पढ़ें: रायपुर: किसान से लाखों रुपयों की ठगी, शिकायत दर्ज

ऐसे की गई सिंचाई की व्यवस्था

आवश्यक सर्वेक्षण और तकनीकी दृष्टिकोण से उपयुक्त स्थलों का चयन कर सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रदेश में सौर संयंत्र पंपसेट और पाइप लाइन विस्तार का कार्य प्रारंभ किया गया. इस योजना के तहत महासमुंद जिले के अंतर्गत समोदा बैराज से अछोला में सौर ऊर्जा आधारित सौर सामुदायिक सिंचाई योजना स्थापित किया गया. जिसमें 10 HP (हॉर्सपावर) क्षमता के 4 सोलर पंपों की 40 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र से संचालित कर किसानों के खेतों तक लगभग 11 सौ मीटर पाइप लाइन विस्तारीकरण किया गया. आज इससे 67 हेक्टेयर (167 एकड़) कृषि भूमि की सिंचाई की जा रही है. जिससे लगभग 99 किसानों को लाभा मिल रहा है.

40 kW solar panel
40 किलो वाट का सोलर पैनल

दो फसलों के साथ लाभ कमा रहे किसान

यहां के किसानों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे. सिंचाई के अभाव में किसान साल में एक फसल लिया करते थे. पानी के कमी के कारण किसानों को उत्पादन भी कम मिलता था, लेकिन सिंचाई के पर्याप्त साधन मिलने के बाद किसानों का जीवन बदला है. खरीफ से साथ ही अब रबी की फसल भी किसान ले रहे हैं. सिंचाई से उत्पादन भी बढ़ा है. किसानों ने सरकार और क्रेडा विभाग का धन्यवाद भी किया है.

पढ़ें: कांकेर: परिवहन पर अभी भी 'कोरोना ब्रेक', बस संचालक और यात्री परेशान

क्रेडा करेगा मेंटेनेंस

सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के तहत लगाए गए संयंत्र को क्रेडा पूरी तरह से मेंटेन करेगा. इसके लिए 99 किसानों में एक समिति बनाई गई है. समिति किसानों को जो पानी देगी उसकी एक न्यूनतम रकम तय कर उसे आने वाले 5 साल तक जमा करेगी. इसी रकम के जरिए आने वाले दिनों में मेंटेनेंस क्रेडा की देखरेख किया जाएगा. अभी यहां से पानी सप्लाई करने के लिए दो ऑपरेटर क्रेडा ने रखे हुए हैं. केंड्रा जिले में अन्य ऐसे स्थानों की तलाश भी कर रहा है. जहां से किसानों को योजना के तहत फायदा मिल सके. सिंचाई व्यवस्था स्थापित किए जा सकें.

महासमुंद: अछोला गांव के किसान पानी के पर्याप्त स्रोत होते हुए भी बिजली के अभाव में खेती से वंचित थे. ऐसे में केंद्र सरकार की सौर सामुदायिक सिंचाई योजना इन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. इस योजना के तहत क्रेडा (राज्‍य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण) ने 40 किलो वाट का सोलर पैनल यहां स्थापित किया है. जिसके परिणाम स्वरूप 4 पंपों के माध्यम से क्षेत्र के 99 किसान 67 हेक्टेयर खेत की सिंचाई असानी से कर पा रहे हैं. बेहद कम व्यय में खेती कर किसान खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

सिंचाई योजना बनी वरदान

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की लगभग 70% आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है. कृषि ही भारत का आधार है. ज्यादातर इलाकों में खरीफ की फसल मानसून और वर्षा पर निर्भर होती है. मानसून ही तय करता है कि आखिर खरीफ की फसल कैसी होगी. मानसून के अभाव में कृषि प्रभावित भी होती है. ऐसे में किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है. देश में नहर, तालाब, स्टॉप डैम के माध्यम से भी सिंचाई की जाती है, लेकिन कई इलाकों में पानी के पर्याप्त स्रोत होते हुए भी बिजली के अभाव में किसान खेती नहीं कर पाते हैं. उन्हें इसके लिए महंगे डीजल पंप सेट का उपयोग करना पड़ता है. जिससे किसानों को अधिक व्यय करना पड़ता है. ऐसे में पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से और क्रीड़ा की दूरदर्शिता से ऐसे जल स्रोतों का चयन कर वहां सौर ऊर्जा आधारित कृषि सिंचाई योजना की रूपरेखा तैयार की गई है.

67 ha farmland irrigation
67 हेक्टेयर खेत की सिंचाई

पढ़ें: रायपुर: किसान से लाखों रुपयों की ठगी, शिकायत दर्ज

ऐसे की गई सिंचाई की व्यवस्था

आवश्यक सर्वेक्षण और तकनीकी दृष्टिकोण से उपयुक्त स्थलों का चयन कर सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रदेश में सौर संयंत्र पंपसेट और पाइप लाइन विस्तार का कार्य प्रारंभ किया गया. इस योजना के तहत महासमुंद जिले के अंतर्गत समोदा बैराज से अछोला में सौर ऊर्जा आधारित सौर सामुदायिक सिंचाई योजना स्थापित किया गया. जिसमें 10 HP (हॉर्सपावर) क्षमता के 4 सोलर पंपों की 40 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र से संचालित कर किसानों के खेतों तक लगभग 11 सौ मीटर पाइप लाइन विस्तारीकरण किया गया. आज इससे 67 हेक्टेयर (167 एकड़) कृषि भूमि की सिंचाई की जा रही है. जिससे लगभग 99 किसानों को लाभा मिल रहा है.

40 kW solar panel
40 किलो वाट का सोलर पैनल

दो फसलों के साथ लाभ कमा रहे किसान

यहां के किसानों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे. सिंचाई के अभाव में किसान साल में एक फसल लिया करते थे. पानी के कमी के कारण किसानों को उत्पादन भी कम मिलता था, लेकिन सिंचाई के पर्याप्त साधन मिलने के बाद किसानों का जीवन बदला है. खरीफ से साथ ही अब रबी की फसल भी किसान ले रहे हैं. सिंचाई से उत्पादन भी बढ़ा है. किसानों ने सरकार और क्रेडा विभाग का धन्यवाद भी किया है.

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क्रेडा करेगा मेंटेनेंस

सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के तहत लगाए गए संयंत्र को क्रेडा पूरी तरह से मेंटेन करेगा. इसके लिए 99 किसानों में एक समिति बनाई गई है. समिति किसानों को जो पानी देगी उसकी एक न्यूनतम रकम तय कर उसे आने वाले 5 साल तक जमा करेगी. इसी रकम के जरिए आने वाले दिनों में मेंटेनेंस क्रेडा की देखरेख किया जाएगा. अभी यहां से पानी सप्लाई करने के लिए दो ऑपरेटर क्रेडा ने रखे हुए हैं. केंड्रा जिले में अन्य ऐसे स्थानों की तलाश भी कर रहा है. जहां से किसानों को योजना के तहत फायदा मिल सके. सिंचाई व्यवस्था स्थापित किए जा सकें.

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