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महासमुंद : किसानों पर मौसम के बाद हाथियों की मार, फसलों को पहुंचा रहे नुकसान - किसान

किसानों ने बताया कि, 'वे सिर्फ वो साल में तीन महीने ही खेती करते हैं, लेकिन इस बार मौसम के लगातार खराब होने के कारण फसल खराब हो चुकी है'

खारब हुए फसल
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Published : Mar 19, 2019, 10:35 PM IST

महासमुंद : किसान अभी मौसम की मार से उबरे नहीं थे कि, हाथियों के आतंक ने अब किसानों की फसल को बर्बाद करना शुरू कर दिया है. किसानों ने बताया कि, 'वे सिर्फ वो साल में तीन महीने ही खेती करते हैं, लेकिन इस बार मौसम के लगातार खराब होने के कारण फसल खराब हो चुकी है'.

महासुमंद के किसान महानदी के किनारे खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि साल भर में सिर्फ 3 महीने ही खेती करते हैं. वे खीरा, खरबूजा तरबूज, ककड़ी की फसल लगाते हैं.

वीडियो

किसानों का कहना है कि, 'लगातार मौसम का बदलना इन सब्जियों के लिए फायदेमंद नहीं है और इसके साथ ही हाथियों का आंतक भी बढ़ गया है. आज उनकी स्थिति ये है कि, फसल की लागत का एक-चौथाई हिस्सा भी उन्हें नहीं मिलता'.
फिलहाल किसानों ने सरकार से हाथियों से हो रहे खेतों के नुकसान का मुआवजा की मांग की है, जिससे उनकी स्थिति सुधर सके.

महासमुंद : किसान अभी मौसम की मार से उबरे नहीं थे कि, हाथियों के आतंक ने अब किसानों की फसल को बर्बाद करना शुरू कर दिया है. किसानों ने बताया कि, 'वे सिर्फ वो साल में तीन महीने ही खेती करते हैं, लेकिन इस बार मौसम के लगातार खराब होने के कारण फसल खराब हो चुकी है'.

महासुमंद के किसान महानदी के किनारे खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि साल भर में सिर्फ 3 महीने ही खेती करते हैं. वे खीरा, खरबूजा तरबूज, ककड़ी की फसल लगाते हैं.

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किसानों का कहना है कि, 'लगातार मौसम का बदलना इन सब्जियों के लिए फायदेमंद नहीं है और इसके साथ ही हाथियों का आंतक भी बढ़ गया है. आज उनकी स्थिति ये है कि, फसल की लागत का एक-चौथाई हिस्सा भी उन्हें नहीं मिलता'.
फिलहाल किसानों ने सरकार से हाथियों से हो रहे खेतों के नुकसान का मुआवजा की मांग की है, जिससे उनकी स्थिति सुधर सके.

Intro:एंकर - किसान की स्थिति कभी सुधर नहीं पाती थोड़ा भी वह मुनाफे में नहीं जाता कि उसकी मुनाफे से ज्यादा घाटा हो जाता है इस बार महासमुंद महा नदी के किनारे खेती करने वाले किसानों का कहना है कि साल भर में हम सिर्फ 3 महीने ही हैं खेती करते हैं मौसम के लगातार खराब होने के कारण इस बार उनका कहना है कि खेती बहुत ही बर्बाद हो गई है खीरा हो खरबूजा तरबूज ककड़ी हो सभी पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं लगातार मौसम का बदलना इस सब्जियों के लिए फायदेमंद नहीं है और इस पर हाथियों का लगातार उत्पात मचाना हमारे लिए तो सबसे बड़ा घाटा है आज स्थिति यह है कि जो हमने अपने फसल के लिए लागत लगाए हैं उसका भी चौथा हिस्सा हम को नहीं मिल पाएगा वहीं किसानों का कहना है कि सरकार को हाथियों से हो रहे खेत के नुकसान का मुआवजा ज्यादा से ज्यादा देना चाहिए जिससे उनकी स्थिति सुधर सके।


Body:one2one - सूरज किसान पहचान नीला शर्ट और सर में टोपी लगा हुआ बाइट क्रमांक 10424


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