महासमुंद: 21वीं सदी के दौर में भी लोगों के साथ बहिष्कार जैसी घटनायें हो रही हैं. जिले के ग्राम ठुमसा में ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां ग्राम ठुमसा के चार परिवार को पंचायत चुनाव में उसी गांव के प्रत्याशी को वोट नहीं देना महंगा पड़ गया. ग्रामीणों ने गांव में बैठक कर चार परिवार पर अर्थदंड लगाने के साथ उन्हें बहिष्कृत कर दिया है. जिसके बाद अब ये परेशान परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
सरपंच प्रत्याशी को वोट न देने की सजा
महासमुंद जिले के ग्राम ठुमसा में पंचायत चुनाव के दौरान सरपंच प्रत्याशी के तौर पर नूतनचंद्र नायक गांव से खड़े हुए थे,जो चुनाव में हार गए. उसके बाद 4 फरवरी 2020 को ग्रामवासियों ने एक बैठक बुलाई और चार लोगों पर सरपंच प्रत्याशी नूतनचंद्र नायक को वोट नहीं देने का आरोप लगाते हुए चार लोगों पर जुर्माना लगा दिया.
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जुर्माना देने के बाद भी बहिष्कृत
तेजराम पर 4 हजार 51 रुपये, श्यामदेव पर 2 हजार 51 रुपये, भगवानी पर 551 रुपये और राजू साहू पर 9051 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. अर्थदंड लगाने के बाद तेजराम व राजू साहू ने 500-500 रुपये और श्यामदेव ने 200 रुपये जमा कर दिये और शेष राशि धीरे-धीरे जमा करने की बात कही. पैसा जमा करने के कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक चला, उसके बाद गांव प्रमुखों ने इन परिवार वालों को बहिष्कृत कर गांव के सभी संबंध प्रतिबंधित कर दिये. जिससे इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गांव का कोई सदस्य न ही इनसे बात करता है और न ही कोई दुकानदार सामान देता है. तंग आकर आखिरकार पीड़ित परिवार ने एसपी से गुहार लगाई हैं.
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दे रहे है. पीड़ित ने पुलिस विभाग पर भरोसा जताते हुए इंसाफ की गुहार तो लगा दी, अब देखने वाली बात होगी कि पीड़ित को इंसाफ कब मिल पाता हैं.