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महासमुंद: बुजुर्ग महिलाओं को 8 महीने से नहीं मिली पेंशन, निवाले को भी तरस रहीं

बुजुर्ग महिलाओं को पिछले 8 महीने से पेंशन नहीं मिली है. निवाले के लिए बुजुर्ग तरस रहे है.

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Published : Jul 1, 2019, 4:16 PM IST

8 महीने से पेंशन नहीं मिली है पेंशन

महासमुंद: सरकारी योजनाएं और उनका लाभ हितग्राहियों को कैसे मिलता है ये खबर उसकी ही एक तस्वीर है. सिनोधा गांव की बुजुर्ग महिलाओं को पिछले 8 महीने से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन न मिलने की वजह से महिलाएं दो वक्त के निवाले के लिए भी परेशान हैं.

बुजुर्ग महिलाओं को 8 महीने से नहीं मिली पेंशन

गांववालों का कहना है कि गांव में बैंक मित्र नहीं हैं, जिसके कारण पेंशनधारियों को पेंशन नहीं मिल रही है. इस बात की जानकारी जिला पंचायत और प्रशासन को दी गई है, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पेंशनधारियों को पिछले 8 महीने से पेंशन समय पर नहीं मिली है.

27 मार्च को बैंक मित्र की व्यवस्था के लिए जारी किया गया था पत्र
बुजुर्ग और दिव्यांग महिलाओं का कहना है कि उन्होंने 11 सितंबर को जिला पंचायत के नाम पर आवेदन देकर जानकारी दे दी थी और 27 मार्च को बैंक मित्र की व्यवस्था के लिए एक पत्र जारी कर जिला पंचायत और जिला प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था.

30 से 40 कि.मी. दूर जाना पड़ता है
वहीं गांववालों का कहना है कि महासमुंद से हमें पेंशन मिलती है, जो यहां से 30 से 40 किलोमीटर दूर पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि आने-जाने आने में 100 रुपए खर्च हो जाते हैं और हमारे पास कुछ बचता भी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जब से नई सरकार आई है तब से पैसा नहीं मिल रहा है.

जांच करके की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ आभा तिवारी का कहना है कि मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. मौखिक में मुझे पता चला है मैं जांच करके कार्रवाई करूंगी. सीईओ ने बताया कि एक महिला आई थी, उसे हमने पेंशन दिलाई है. देखना होगा इन महिलाओं के बारे में प्रशासन कब तक सुध लेता है.

महासमुंद: सरकारी योजनाएं और उनका लाभ हितग्राहियों को कैसे मिलता है ये खबर उसकी ही एक तस्वीर है. सिनोधा गांव की बुजुर्ग महिलाओं को पिछले 8 महीने से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन न मिलने की वजह से महिलाएं दो वक्त के निवाले के लिए भी परेशान हैं.

बुजुर्ग महिलाओं को 8 महीने से नहीं मिली पेंशन

गांववालों का कहना है कि गांव में बैंक मित्र नहीं हैं, जिसके कारण पेंशनधारियों को पेंशन नहीं मिल रही है. इस बात की जानकारी जिला पंचायत और प्रशासन को दी गई है, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पेंशनधारियों को पिछले 8 महीने से पेंशन समय पर नहीं मिली है.

27 मार्च को बैंक मित्र की व्यवस्था के लिए जारी किया गया था पत्र
बुजुर्ग और दिव्यांग महिलाओं का कहना है कि उन्होंने 11 सितंबर को जिला पंचायत के नाम पर आवेदन देकर जानकारी दे दी थी और 27 मार्च को बैंक मित्र की व्यवस्था के लिए एक पत्र जारी कर जिला पंचायत और जिला प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था.

30 से 40 कि.मी. दूर जाना पड़ता है
वहीं गांववालों का कहना है कि महासमुंद से हमें पेंशन मिलती है, जो यहां से 30 से 40 किलोमीटर दूर पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि आने-जाने आने में 100 रुपए खर्च हो जाते हैं और हमारे पास कुछ बचता भी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जब से नई सरकार आई है तब से पैसा नहीं मिल रहा है.

जांच करके की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ आभा तिवारी का कहना है कि मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. मौखिक में मुझे पता चला है मैं जांच करके कार्रवाई करूंगी. सीईओ ने बताया कि एक महिला आई थी, उसे हमने पेंशन दिलाई है. देखना होगा इन महिलाओं के बारे में प्रशासन कब तक सुध लेता है.

Intro:एंकर - महासमुंद ब्लॉक के सिनोधा ग्राम के बुजुर्ग महिला, पुरुष लगभग पिछले 8 माह से पेंशन नहीं मिलने के कारण अपने घर में चुल्हा जलाने के लायक भी नहीं है । अब उनके जीवन यापन मे दिक्कत आने लगी हैं इन स्थितियों के चलते अब उन्हें दर बदर की ठोकरे खाना पड़ा है।


Body:आपको बता दें कि इस पेंशन ना मिलने के पीछे का कारण देखा जाए तो मात्र बैंक मित्र नहीं होने के कारण है। और इस बैंक मित्र की यहां पर ना होने का जानकारी भी गांव के लोगों ने जिला पंचायत और प्रशासन को दे चुके है। जिसने अभी तक इस पर कार्यवाही नहीं की गांव सिनोधा के पेंशन धारियों को पिछले 8 माह से पेंशन समय पर नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि पहले तो एक दो माह मे हमें मिल जाती थी। पर पिछले 8 महीने से पेंशन नहीं मिली है। जिसकी शिकायत हमने अधिकारियों को कर चुकी है। बैंक मित्र जो हमें यहां गांव पर लाकर हमारी पेंशन दे दिया करता था। उसके हटने से अब हमें बड़ी दिक्कत हो रही हैं।
महासमुंद से हमें पेंशन मिलती है जो यहां से 30 से 40 कि.मी. दूर पड़ता है। जिसमें हमें जाने आने में ही 100 रुपए खर्च हो जाते हैं और हमारे पास बचता कुछ नहीं है और एक बार जाने पर पेंशन भी नहीं मिलती है


Conclusion:वृद्ध अपाहिज महिलाओं का कहना है कि उन्होंने 11- 9- 2018 को जिला पंचायत के नाम पर आवेदन देकर जानकारी दे दी थी और 27 -3- 2019 को बैंक मित्र की व्यवस्था के लिए एक पत्र जारी कर जिला पंचायत और जिला प्रशासन ने अपने कर्तव्य पल्ला झाड़ लिया। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के चलते ग्रामीणों में बड़ा रोष है औंर दर्द है उनका कहना है कि जब से कांग्रेस आई है तब से हमें पैसा नहीं मिल रहा है जनपद पंचायत सीईओ आभा तिवारी का कहना है कि मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं हुई है मौखिक में मुझे पता चला है मैं जांच करके कारवाही करूंगी और एक महिला आई थी उसे हमने पेंशन दिलाए है इन सब से हमे मान सकते हैं कि अधिकारियों की सुस्ती और लापरवाही के चलते सरकार की छवि अधिकारी पूरी तरह से धूमिल कर रहे हैं।


बाइट 1- चांद बी, वृद्ध महिला ग्राम सिनोधा, पहचान गुलाबी कलर का ब्लाउज और बाल सफेद हो गए हैं।

बाइट 2 - सोनिया बाई, महिला ग्राम सिलोधा, पहचान नीला कलर का ब्लाउज।

बाइट 3 - तरुण पाटकर, पुरुष ग्राम सिनोधा, पहचान पीला और कत्था कलर का डिब्बा वाला शर्ट।

बाइट 4 - आभा तिवारी, सीईओ जनपद पंचायत महासमुंद, पहचान हरा कलर का शर्ट और सफेद कलर का दुपट्टा।

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
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