महासमुंद: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पिछले दिनों निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश मेंं 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. राजकीय शोक के दौरान तिरंगा ध्वज आधा झुका रहता है. इतना ही नहीं सार्वजनिक समारोह उत्सव आदि का आयोजन भी इस दौरान नहीं किया जा सकता. लेकिन छत्तीसगढ़ के सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में तमाम नियम कायदे को ताक पर रखकर राजकीय शोक के दौरान ही यहां के प्रमुख निर्वाचित जनप्रतिनिधि बाजे गाजे के साथ एक कार्यक्रम में पहुंचे.
दरअसल सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के छूईपाली अंचल में कुछ लोगों का कांग्रेस प्रवेश का कार्यक्रम आयोजित किया गया. लोगों के कांग्रेस प्रवेश से पार्टी के नेता इस कदर उत्साहित हो गए कि राजकीय शोक को भी भूल गए. उत्साह के माहौल में बाजे गाजे के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही धूमधाम से पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विधायक ने इस कार्यक्रम को संबोधित भी किया.
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कांग्रेस के 'संकटमोचक'
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस पार्टी के उच्च प्रतिष्ठित नेता रहे. जिन्होंने कांग्रेस को सींचा है. भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था. उनकी गिनती देश के बड़े राजनीतिज्ञों में होती है. प्रणब मुखर्जी ने 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले, मुखर्जी 2009 से 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्री थे. उन्हें कांग्रेस का शीर्ष संकटमोचक माना जाता था.
पत्रकार के रूप में भी किया काम
राजनीतिक सफर शुरू करने से पहले, प्रणब मुखर्जी कलकत्ता (अब कोलकाता) में डिप्टी अकाउंटेंट-जनरल (पोस्ट और टेलीग्राफ) के कार्यालय में अपर डिवीजन क्लर्क थे. 1963 में, वह विद्यानगर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के लेक्चरर बने और 'देशर डाक' के साथ पत्रकार के रूप में भी काम किया.