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परिवहन के नाम पर तय रेट से तीन गुना ज्यादा पर बेची जा रही रेत

रेत परिवहन के नाम पर 3 गुना राशि वसूलने का आरोप लगाते हुए संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

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Published : Dec 27, 2019, 11:15 PM IST

रेत में धांधली
रेत में धांधली

महासमुंद : जिले में रेत परिवहन के नाम पर परिवाहनकर्ताओं से निर्धारित दर से 3 गुना राशि लेने और पीट पास नहीं देने का मामला सामने आया है. रेत परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है.

खनिज विभाग के आला अधिकारी इस मामले में शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. बता दें कि महासमुंद जिले में कुल 22 रेत खदाने हैं. नई रेत नीति के तहत मुंडियाडीह, बेल्डीह, बरबसपुर की रेत खदानों का टेंडर हो चुका है, जिसमें से बरबसपुर को पर्यावरण प्रमाण पत्र मिल चुका है, जबकी दो रेत खदानों को अभी भी पर्यावरण प्रमाण पत्र नहीं मिला है.

'हाईवा का 3500 से 4700 रुपए लिए जाते है'
वर्तमान में जिले में मात्र एक रेत खदान संचालित है. नई रेत नीति के अनुसार एक क्यूबिक मीटर रेत का मूल्य 107 रुपये है. इस लिहाज से एक हाईवा रेत की कीमत का लगभग 107 रुपये होती है. रेत ठेकेदार की ओर से एक हाईवा का 3500 से 4700 रुपए लिए जाते हैं.

'जरूरत से ज्यादा रकम देनी पड़ रही'
वाहन मालिकों को रेत का पीट पास नहीं दिया जा रहा है, जिससे रेत से लदी गाड़ी के जांच में अवैध परिवहन की बात सामने आई. रेत परिवहन में लगे वाहनों के मालिकों को एक हाईवा रेत के लिए जरूरत से ज्यादा रकम देनी पड़ रही है.

'पीट पास भी नहीं दिया जा रहा'
इस बात की शिकायत छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ ने कलेक्टर से की है. संघ के अध्यक्ष का कहना है कि 'रेत ठेकेदार तीन गुना ज्यादा दाम पर रेत दे रहे हैं और उसका पीट पास भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे हम लोगों को ज्यादा रुपये देने पड़ रहे हैं.

'जांच के बाद कार्रवाई की बात'
खनिज विभाग के आला अधिकारी शिकायत मिलने की बात स्वीकारते हुए जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि बरबसपुर की रेत खदान मैनुअल स्वीकृत होने के बावजूद रेट ठेकेदार की ओर से मशीन से खनन होने से रॉयल्टी का चोरी करना कहीं न कहीं शासन को करोड़ों का चूना लगाए जाने की और इशारा करता है. अब देखना यह होगा कि 'प्रशासनिक जांच में क्या तत्व निकलकर सामने आता है और खनिज विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है.

महासमुंद : जिले में रेत परिवहन के नाम पर परिवाहनकर्ताओं से निर्धारित दर से 3 गुना राशि लेने और पीट पास नहीं देने का मामला सामने आया है. रेत परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है.

खनिज विभाग के आला अधिकारी इस मामले में शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. बता दें कि महासमुंद जिले में कुल 22 रेत खदाने हैं. नई रेत नीति के तहत मुंडियाडीह, बेल्डीह, बरबसपुर की रेत खदानों का टेंडर हो चुका है, जिसमें से बरबसपुर को पर्यावरण प्रमाण पत्र मिल चुका है, जबकी दो रेत खदानों को अभी भी पर्यावरण प्रमाण पत्र नहीं मिला है.

'हाईवा का 3500 से 4700 रुपए लिए जाते है'
वर्तमान में जिले में मात्र एक रेत खदान संचालित है. नई रेत नीति के अनुसार एक क्यूबिक मीटर रेत का मूल्य 107 रुपये है. इस लिहाज से एक हाईवा रेत की कीमत का लगभग 107 रुपये होती है. रेत ठेकेदार की ओर से एक हाईवा का 3500 से 4700 रुपए लिए जाते हैं.

'जरूरत से ज्यादा रकम देनी पड़ रही'
वाहन मालिकों को रेत का पीट पास नहीं दिया जा रहा है, जिससे रेत से लदी गाड़ी के जांच में अवैध परिवहन की बात सामने आई. रेत परिवहन में लगे वाहनों के मालिकों को एक हाईवा रेत के लिए जरूरत से ज्यादा रकम देनी पड़ रही है.

'पीट पास भी नहीं दिया जा रहा'
इस बात की शिकायत छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ ने कलेक्टर से की है. संघ के अध्यक्ष का कहना है कि 'रेत ठेकेदार तीन गुना ज्यादा दाम पर रेत दे रहे हैं और उसका पीट पास भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे हम लोगों को ज्यादा रुपये देने पड़ रहे हैं.

'जांच के बाद कार्रवाई की बात'
खनिज विभाग के आला अधिकारी शिकायत मिलने की बात स्वीकारते हुए जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि बरबसपुर की रेत खदान मैनुअल स्वीकृत होने के बावजूद रेट ठेकेदार की ओर से मशीन से खनन होने से रॉयल्टी का चोरी करना कहीं न कहीं शासन को करोड़ों का चूना लगाए जाने की और इशारा करता है. अब देखना यह होगा कि 'प्रशासनिक जांच में क्या तत्व निकलकर सामने आता है और खनिज विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है.

Intro:एंकर- महासमुंद जिले के रेत परिवहन के नाम पर निर्धारित दर से 3 गुना राशि परिवहनकर्ताओं से लेने एवं पीठ पास नहीं देने का मामला सामने आया है जहां रेत परिवहन संघ के पदाधिकारी इस मामले की शिकायत कलेक्टर से करते हुए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं वहीं खनिज विभाग के आला अधिकारी रटार अटाया राग अलाप ते हुए शिकायत मिलन स्वीकार करते हुए जांच के बाद कार्यवाही करने का आश्वासन दे रहे हैं।

बाइट 1 - गिरधारी लाल सोनवानी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ, पहचान चश्मा लगाए हुए प्लेन कलर का शर्ट पहना हुआ।

बाइट 2 - राजेश मालवे खनिज अधिकारी महासमुंद पहचान वाइट कलर का प्लेन शर्ट और चश्मा लगाया हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़

नोट स्क्रिप्ट विसुअल मोजो से भेज रहा हूं सर बाकी बचा रेत वाला विजुअल उसको ऐप से भेज रहा हूं सर धन्यवाद


Body:वीओ 1 - महासमुंद जिले में कुल 22 रेत खदानें हैं नई रेत नीति के तहत तीन रेट मुंडियाडीह, बेल्डीह, बरबसपुर खदानों का टेंडर हो चुका है जिसमें से बरबसपुर को पर्यावरण प्रमाण पत्र मिल चुका है और दो रेत खदानों को अभी भी पर्यावरण प्रमाण पत्र नहीं मिला है इस प्रकार वर्तमान में जिले में मात्र एक रेत खदान संचालित है नई रेत नीति के अनुसार एक क्यूबिक मीटर रेत का मूल्य ₹107 है और एक हाईवा का लगभग ₹1070 होते हैं पर रेत ठेकेदार के द्वारा एक हाईवा का 3500 सौ से 4700 सौ रुपए लिया जा रहा है और वाहन मालिकों को रेत का पीठ पास नहीं दिया जा रहा है जिससे रेत में लदी गाड़ी जांच में पकड़े जाने के बाद अवैध परिवहन में पकड़ी जा रही है जिससे रेत परिवहन में लगे वाहनों के मालिकों को एक हाईवा का जरूरत से ज्यादा रकम देनी पड़ रही है और यही रेट जरूरतमंद लोगों रेट महंगे दाम पर मिल रही है जिसकी शिकायत छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ ने कलेक्टर से की है संघ के अध्यक्ष का कहना है कि रेत ठेकेदार टी गुने दाम पर रेत दे रहे हैं और उसका पीठ पास भी नहीं दे रहे हैं जिससे हम लोगों को ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है।


Conclusion:वीओ 2 - इस पूरे मामले में खनिज विभाग के आला अधिकारी शिकायत मिलने की बात स्वीकारते हुए जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रहे हैं गौरतलब है कि बरबसपुर का रेत खदान मैनुअल स्वीकृत होने के बावजूद रेट ठेकेदार द्वारा पोकलैंड मशीन से खनन कराया जाना हुआ रॉयल्टी का चोरी करना कहीं ना कहीं शासन को करोड़ों का चूना लगाए जाने की और इशारा करता है बाहर हाल देखना होगा कि प्रशासनिक जांच में क्या तत्व निकलकर सामने आता है और खनिज विभाग क्या कार्यवाही करता है।

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