ETV Bharat / state

मनरेगा में भ्रष्टाचार से ग्रामीण परेशान, सड़क और पुल के अभाव में काट रहे जिंदगी

महासमुंद जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत की मिलभगत से भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जो कार्य पूरा ही नहीं हुआ है उसके लिए राशि का भुगतान किया गया है.

corruption in MGNREGA scheme in Mahasamund
मनरेगा में भ्रष्टाचार
author img

By

Published : Nov 19, 2020, 2:54 PM IST

Updated : Nov 19, 2020, 4:43 PM IST

महासमुंद: कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान हुए लॉकडाउन में जहां घर लौटे मजदूरों के लिए मनरेगा योजना संजीवनी की तरह काम आई. वहीं इसी मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार का मामले भी सामने आ रहा है. ताजा मामला महासमुंद जिले के कापा गांव का है, जहां के ग्रामीणों की आंखें सड़क का इंतजार करते-करते थक गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि 5 साल पहले लाखों रुपए की लागत से रोड पुलिया बनाने की स्वीकृति दी गी थी, लेकिन ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों ने आधा-अधूरा काम करवा कर लाखों रुपए का भुगतान करवा लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद आला अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वाशन तो दिया था, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सड़क और पुल के अभाव में काट रहे जिंदगी

महासमुंद मुख्यालय से 11 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम कापा में मनरेगा के तहत 7 लाख 56 हजार की लागत से पुल और सड़क निर्माण कराया जाना था, लेकिन गांव में अब तक न तो सड़क बनी और न ही पुल का निर्माण हुआ. ग्रामीण अधिकारियों से शिकायत करते-करते थक गए है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का तो अता-पता नहीं है लेकिन कागजों में लेबर भुगतान के नाम पर 5 लाख 42 हजार का भुगतान किया गया है. इसी तरह 2015 में दोबारा टोरी नाला पर पुलिया निर्माण के नाम पर 8 लाख 19 हजार स्वीकृति मिली और मनरेगा के साइट पर काम भौतिक स्तर पर पूरा बताकर 68 हजार का भुगतान किया गया है पर पुलिया का कहीं अता-पता नहीं है.

Corruption in MNREGA work in Kappa
कापा में मनरेगा के काम में भ्रष्टाचार

पढ़ें: EXCLUSIVE : मजदूरों की रोटी 'डकार' गए जिम्मेदार, 9 महीने से नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी

Corruption in road construction
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार

अधूरा विकास कार्य

इसी तरह कारा में पठान डबरी पहुंच मार्ग के लिए पुलिया का निर्माण कराया जाना था. 2016-2017 में पुलिया निर्माण के लिए 9 लाख 72 हजार की स्वीकृति दी गई थी जिसका काम भी पूरा दिखा कर 6 लाख 25 हजार का भुगतान करवा लिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये पुल और सड़क केवल कागजों में ही नजर आ रहे है. यहां के लोग आज 4 साल बाद भी पानी के रास्ते आने-जाने को मजबूर है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दर्जनों विकास कार्य अधूरा पड़ा है पर कोई सुध लेने वाला नहीं है

महासमुंद: कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान हुए लॉकडाउन में जहां घर लौटे मजदूरों के लिए मनरेगा योजना संजीवनी की तरह काम आई. वहीं इसी मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार का मामले भी सामने आ रहा है. ताजा मामला महासमुंद जिले के कापा गांव का है, जहां के ग्रामीणों की आंखें सड़क का इंतजार करते-करते थक गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि 5 साल पहले लाखों रुपए की लागत से रोड पुलिया बनाने की स्वीकृति दी गी थी, लेकिन ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों ने आधा-अधूरा काम करवा कर लाखों रुपए का भुगतान करवा लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद आला अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वाशन तो दिया था, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सड़क और पुल के अभाव में काट रहे जिंदगी

महासमुंद मुख्यालय से 11 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम कापा में मनरेगा के तहत 7 लाख 56 हजार की लागत से पुल और सड़क निर्माण कराया जाना था, लेकिन गांव में अब तक न तो सड़क बनी और न ही पुल का निर्माण हुआ. ग्रामीण अधिकारियों से शिकायत करते-करते थक गए है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का तो अता-पता नहीं है लेकिन कागजों में लेबर भुगतान के नाम पर 5 लाख 42 हजार का भुगतान किया गया है. इसी तरह 2015 में दोबारा टोरी नाला पर पुलिया निर्माण के नाम पर 8 लाख 19 हजार स्वीकृति मिली और मनरेगा के साइट पर काम भौतिक स्तर पर पूरा बताकर 68 हजार का भुगतान किया गया है पर पुलिया का कहीं अता-पता नहीं है.

Corruption in MNREGA work in Kappa
कापा में मनरेगा के काम में भ्रष्टाचार

पढ़ें: EXCLUSIVE : मजदूरों की रोटी 'डकार' गए जिम्मेदार, 9 महीने से नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी

Corruption in road construction
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार

अधूरा विकास कार्य

इसी तरह कारा में पठान डबरी पहुंच मार्ग के लिए पुलिया का निर्माण कराया जाना था. 2016-2017 में पुलिया निर्माण के लिए 9 लाख 72 हजार की स्वीकृति दी गई थी जिसका काम भी पूरा दिखा कर 6 लाख 25 हजार का भुगतान करवा लिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये पुल और सड़क केवल कागजों में ही नजर आ रहे है. यहां के लोग आज 4 साल बाद भी पानी के रास्ते आने-जाने को मजबूर है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दर्जनों विकास कार्य अधूरा पड़ा है पर कोई सुध लेने वाला नहीं है

Last Updated : Nov 19, 2020, 4:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.