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महासमुंद में 47 लाख रुपये का भ्रष्टाचार, मनरेगा अधिकारी और सरंपच पति पर आरोप

सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी ने ग्रामीणों को पहले खुद शौचालय बनाने को कहा और जब ग्रामीणों ने शौचालय बनवा लिए तो उन्हें इसके पैसों का भुगतान नहीं किया. ग्रामीणों को अब तक शौचालय के पैसे नहीं मिले हैं.

शौचालय निर्माण में 47 लाख का भ्रष्टाचार !
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Published : Nov 16, 2019, 11:57 PM IST

महासमुंद: बिहाझर गांव में मनरेगा अधिकारी और सरपंच पति पर 47 लाख रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. ग्रामीणों ने बताया कि साल 2016-17 में 350 शौचालय के निर्माण के लिए 47 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे. प्रत्येक व्यक्ति को इसके तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये मिलने थे. सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी ने ग्रामीणों को पहले खुद शौचालय बनाने को कहा और शौचालय के बाद पैसे मिलने की बात कही थी. ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इसके लिए पैसे मांगे तो सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी ने पैसे नहीं होने की बात कही. बिहाझर गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी पर गंभीर आरोप

ग्रामीणों ने सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी पर फर्जीवाड़ा कर शौचालय का पैसा निकालने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों ने फर्जी बिल के आधार पर पैसे निकाले.

महासमुंद: बिहाझर गांव में मनरेगा अधिकारी और सरपंच पति पर 47 लाख रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. ग्रामीणों ने बताया कि साल 2016-17 में 350 शौचालय के निर्माण के लिए 47 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे. प्रत्येक व्यक्ति को इसके तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये मिलने थे. सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी ने ग्रामीणों को पहले खुद शौचालय बनाने को कहा और शौचालय के बाद पैसे मिलने की बात कही थी. ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इसके लिए पैसे मांगे तो सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी ने पैसे नहीं होने की बात कही. बिहाझर गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी पर गंभीर आरोप

ग्रामीणों ने सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी पर फर्जीवाड़ा कर शौचालय का पैसा निकालने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों ने फर्जी बिल के आधार पर पैसे निकाले.

Intro:एंकर - भष्टाचार भी कमाल होता हैं , और यह कमाल का भ्रष्टाचार दिखाने का हुनर मिला हैं , महासमुंद जिले मे मनरेगा के अधिकारियो और कर्मचारियो को । मनरेगा के कर्मचारियो ने अपनी जेब गरम करने के लिये सैकड़ो ग्रामीणो की जेब पर ऐसा डाका डाला की ग्रामीण अब प्रशासन के चरणो मे शरणागत हैं। अब फिर एक लगभग 47 लाख रू का भ्रष्टाचार सामने आया हें जिसमे बागबाहरा जनपद के अधिकारियो ने कमाल का भ्रष्टाचार किया हैं। देखिए एक रिपोर्ट
Body:व्हीओ - 1 - महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लाक के ग्राम बिहाझर मे सन् 2016-17 मे मनरेगा के तहत 350 शौचालय निर्माण के लिये 47 लाख रू स्वीकृत किया प्रत्येक व्यक्ति के शौचालय के लिये 12 हजार रू स्वीकृत था । सरपंच सचिव ने ग्रामीणो को बतायाा कि आप शौचालय अपने से बनवा लीजिए इसका पैसा मिलेगा । गाॅव वाले सरपंच सचिव और मनरेगा अधिकारी के कहने पर उधारी कर शौचालय बना लिये ,पर राशि आज तक अप्राप्त हैं। इस राशि को सरपंच पति और मनरेगा अधिकारी मिल कर फर्जी बिल लगा कर आहरण कर लिये जिसकी पुष्टी उपसरपंच भी कर रहे हैं। जनपद से पैसा आहरण के बाद भी ग्रामीणो को पैसा नही मिला हैं। ग्रामीण भटक रहे हैं।Conclusion:व्हीओ 02- इस पूरे मामले मे कलेक्टर अब जाॅच कर दोषियो पर कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं। गौरतलब है कि मनरेगा के कार्यो मे लगातार भ्रष्टाचार की बाते सामने आने के बाद भी कार्यवाही न होना समझ से परे हैं।

बाईट - 1 - बिरझा साहू - पीड़ित - बिहाझर पहचान महिला पर्पल कलर का ब्लाउज नीले कलर का साड़ी।

बाईट - 2 - भानूगिरी गोस्वामी - पीड़ित - बिहाझर पहचान हल्का नीले कलर का शर्ट कंधे में स्कार्फ लटकाया हुआ और माथे में टिका और सफेद बाल सफेद दाढ़ी।

बाईट - 3 - विश्वनाथ साहू - उपसरपंच बिहाझर पहचान सफेद शर्ट फूल वाला और काला बाल काला मुंछ।

बाईट - 4 - सुनिल जैन - कलेक्टर - महासमुंद पहचान क्रीम कलर का हाफ शर्ट और शर्ट के सामने जेब में पेन रखा हुआ

हाकिम नासिर महासमुंद छत्तीसगढ़ मो 9826555052
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