महासमुंद : वीर बाल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के चार बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया.जिसमें महासमुंद की बेटी छाया विश्वकर्मा भी शामिल थी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के पहुना राज्य अतिथि गृह परिसर में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के मौके पर ये सम्मान छाया को दिया. छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी वीरता सम्मान के क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाने वाले बच्चों को पुरस्कृत करती है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खल्लारी के वार्ड क्रमांक 14 की स्टेशन पारा निवासी कुमारी छाया विश्वकर्मा को साहिबजादा जुझार सिंग वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है.
छाया विश्वकर्मा ने बचाई थी अपनी बहन की जान : आपको बता दें कि बुधवार 14 सितम्बर 2022 को स्टेशन पारा खल्लारी में रहने वाली छाया की बड़ी बहन संजू अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रही थी. तभी मोहल्ले में एक पागल कुत्ता आया.जिसने संजू पर हमला बोल दिया. अपनी बहन की आवाज सुनकर छाया घर से बाहर निकली और पागल कुत्ते को डंडे पत्थर से मार भगाया. जिसके बाद छाया की बहन की जान बची. इस घटना को प्रमुखता से खल्लारी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाया था.
शासन तक पहुंची वीरता की कहानी : छाया विश्वकर्मा की सूझबूझ और बहादुरी के किस्से अखबारों की सुर्खियां बनी.जिसकी आवाज सरकार के गलियारों तक गई.आखिरकार 2022-23 के राज्य वीरता पुरस्कार के लिए छाया विश्वकर्मा का चयन हुआ. 26 जनवरी 2023 को राज्यपाल ने छाया विश्वकर्मा को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया.वहीं अब सीएम विष्णुदेव साय ने वीर बाल दिवस के मौके पर साहिबजादा जुझार सिंग वीरता पुरस्कार से छाया विश्वकर्मा को सम्मानित किया है.