महासमुंद: जिले में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. कार्यक्रम में संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ,जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ,कलेक्टर डोमन सिंह ,डीएफओ पंकज राजपूत ,संयुक्त वन प्रबंधन समिति मुंगईमाता के सदस्य मौजूद रहे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष संतोष ध्रुव और बसना विकासखंड के प्रकाश साहू से बातचीत की.
संयुक्त वन प्रबंधन समिति मुंगईमाता मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत 4.85 एकड़ भूमि पर 1350 फलदार और इमारती पौधों का रोपण करेगा. कार्यक्रम में जिले के ऐसे 20 किसानों का भी चयन किया गया, जो पहले 127 एकड़ में धान की फसल ले रहे थे वे अब इस साल मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत 25 एकड़ रकबे में फलदार पौधे रोपेंगे.
सीएम ने हर्रा और चिरौंजी का पौधा लगाकर प्रदेश में किया वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ
साथ ही जिले के पांच ऐसे ग्राम पंचायतों का भी चयन किया गया है, जहां 14.82 एकड़ शासकीय भूमि पर 1090 पौधे रोपे जायेंगे. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है. जिसके बाद लोगों को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने महासमुंद वन अधिकारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
किया जाएगा प्रति एकड़ 10 हजार रुपये सलाना भुगतान
इस योजना के तहत जो किसान अपने खाली पड़े खेतों में पेड़,पौधे लगाएंगे. वृक्षारोपण करेंगे उन्हें इस योजना के जरिए प्रति एकड़ 10 हजार रुपये सलाना का भुगतान किया जाएगा. योजना की शुरूआत करते हुए खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है. जो इस योजना की सबसे बड़ी बात है. इस योजना के तहत जिन किसानों ने साल 2020-21 के दौरान खरीफ वर्ष में धान की फसल लगाई है. अगर वह धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण का फैसला करते हैं तो उन्हें भुगतान दिया जाएगा. आगामी तीन वर्षों तक उन किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी