महासमुंद : बसना के गढ़फुलझर गांव में ईंट भट्टा में काम करने वाले मजदूरों की एक गलती ने उनका जीवन छीन लिया. गढ़फुलझर के 6 श्रमिकों की पहचान गंगा राम बिसी, दशरथ बिसी, सोना चंद भोई, वरुण बरिहा , जनक राम बरिहा और मनोहर बिसी के रूप में हुई है. मजदूरों ने रात को खाना खाने के बाद ईंट भट्टा में आग लगाई. इसके बाद भट्टा के ऊपर ही बिछौना बनाकर सो गए. इससे पहले मजदूरों ने थकान के कारण शराब भी पी थी. गहरी नींद में सो रहे मजदूर जिस भट्टी के ऊपर सो रहे थे, आधी रात में उससे निकलने वाले धुएं ने मजदूरों का दम घोंटना शुरु किया. नशे में होने के कारण कोई भी मजदूर मदद के लिए भाग ना सका.आखिरकार 6 में से 5 मजदूरों की मौत हो गई.वहीं मनोहर बिसी की हालत गंभीर है. उसे इलाज के लिए रायपुर भेजा गया है. मृतकों में 3 लोग एक ही परिवार के हैं. जिसमें पिता और दो पुत्र हैं.
कैसे हुआ हादसा: यह पूरी घटना मंगलवार देर रात 12 से सुबह 4 बजे के बीच की है. सुबह 5 बजे एक ग्रामीण ने भट्ठा से धुआं उठते देखा और ऊपर सो रहे लोगों को आवाज लगाई, तब कोई जवाब नहीं मिलने पर इसकी सूचना बसना पुलिस को दी. जिला पंचायत प्रतिनिधि सोमनाथ पांडेय के मुताबिक ''गांव में काम करने वाले 6 मजदूरों ने दिन भर मेहनत करने के बाद शाम के समय ईंट भट्ठा में आग लगाई. आग जलाने के बाद ईंट भट्ठा के ऊपर सो गए. दम घुटने से पांच व्यक्ति की मौत हो चुकी है और एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.''
क्या है पुलिस का बयान : वहीं जांच अधिकारी डीएसपी मंजूलता बाज के मुताबिक ''थाना बसना के गांव गढ़फुलझर में एक कुंजबिहारी नाम का व्यक्ति है. उसके ईंट भट्टा में कुछ मजदूर काम कर रहे थे, जिनकी मृत्यू हुई है. सूचना मिलने पर बसना पुलिस मौके पर गई और उनको बसना सीएससी लेकर गए, जहां पर पांच मजदूरों को मृत घोषित किया गया.वहीं एक व्यक्ति को रायपुर रेफर किया गया है.अभी तक जो प्रारंभिक जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये मजदूर ईंटभट्टा जलाने के बाद उसके ऊपर सो गए थे. जिसके कारण दम घुटने के कारण संभवत: मृत्यु हुई है. बाद में मृत्यु का मुख्य कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा. मर्ग कायम करके जांच की जा रही है.यह भी जांच की जा रही है कि ईंट भट्टा संचालक के पास लाइसेंस था या नहीं था.''
सीएम ने घटना पर जताया दुख : वहीं इस पूरी दुर्घटना के बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जैसे ही पता चला उन्होंने इस पर गहरा दुख जताया है.उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने और गंभीर रूप से बीमार एक श्रमिक को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं .सीएम ने सोशल मीडिया अकाउंट पर 2 -2 लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि मृतक के परिवारों को देने की घोषणा भी की है.
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हरकत में आया जिला प्रशासन : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने पूरी घटना की दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने एसडीएम को तत्काल नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि देने और घायल के बेहतर ईलाज के भी निर्देश दिये. मृतकों के शवों को पीएम के लिए भेजा गया है. पीएम के बाद मौत का सही कारण पता चलेगा.