महासमुंद: कोरोना संक्रमण का काला साया हर क्षेत्र पर पड़ा है. छोटे से लेकर बड़े कारोबार और व्यवसायी इसकी चपेट में आ चुके हैं. महासमुंद में धोबी और ड्राई क्लीनर्स की बात करें, तो कोरोना ने इनका भी धंधा मंदा कर दिया है. जहां लोग धोबी और ड्राई क्लीनर के पास अपने कपड़ों को साफ और सुंदर रखने के लिए देते थे, वहीं अब लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर डर है. मार्च से लेकर अब तक की अगर बात करें, तो ड्राई क्लीनिंग और कपड़े धोने का काम बंद पड़ा है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
कोरोना के डर से लोग घरों में ही अपने कपड़े धो रहे हैं. लोगों में डर है कि कपड़ों से भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है. यही वजह है कि कपड़ों को बाहर धोने नहीं दिया जा रहा है. इस संबंध में ड्राईक्लीन शॉप के संचालक का कहना है कि वे कपड़ों को साफ करने के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं. शासन-प्रशासन की गाइडलाइन को भी फॉलो कर रहे हैं.
आर्थिक मंदी से जूझ रहे ड्राई क्लीनर्स संचालक
ड्राई क्लीनर्स संचालकों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर से पहले उनकी आमदनी अच्छी होती थी, लेकिन बीमारी ने उनकी रोजी-रोटी का साधन भी बंद करने के कगार पर ला दिया. वे कहते हैं कि सभी तीज-त्योहार निकल गए, उनके काम करने का सीजन भी निकल गया. इतने महीने बीत गए, उन्हें दुकान के साथ ही घर का भी किराया जमा करने में दिक्कत हो रही है. अब उनके सामने परिवार पालने की चिंता आ खड़ी हुई है.
स्थानीय लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना का डर तो सब में है, लेकिन जरूरत पड़ने पर कपड़े ड्राईक्लीन करने के लिए देने ही पड़ते हैं. ये एक तरह की मजबूरी भी है, लेकिन अब दुकानदार और धोबी भी अपने काम में पूरी सावधानियां बरत रहे हैं, जिससे डर की कोई बात नहीं है. लोग धीरे-धीरे ड्राईक्लीन की दुकान में आने लगे हैं.
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इस संबंध में डॉक्टर आरके परदल का कहना है कि कोरोना काल में अगर घर पर कपड़े धोए जा रहे हैं, तो यह ज्यादा बेहतर है. लेकिन अगर बाहर कपड़े धुलवाने हैं, तो इसके लिए कई तरह की सावधानियां बरतनी होंगी.
- कपड़े धोने के लिए ऐसी मशीनों का उपयोग करना चाहिए, जिनमें पानी का तापमान 70 डिग्री से ऊपर रहे, ताकि अगर किसी कपड़े में कोरोना वायरस हो तो वह नष्ट हो जाए.
- अगर कपड़े पहनने के एक-दो दिन बाद धोने दिए जाते हैं, तो उनमें वायरस होने का प्रभाव कम हो जाता है.
- कपड़ों को इस्त्री करने से भी वायरस नष्ट हो जाते हैं.