महासमुंदः कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. इस संक्रमण से समाज का कोई भी वर्ग अछूता नहीं रहा. एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग योद्धाओं की तरह कोरोना से जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ संक्रमण की वजह से लोग रक्तदान करने से डर रहे हैं और ब्लड बैंक खून की कमी से जूझ रहे हैं. इस वजह से एनिमिया और सिकल सेल के बीमारी से प्रभावित लोगों को परेशानी उठाना पड़ रहा है.
ETV भारत की टीम जब जिला अस्पताल पहुंची तो पाया कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से ब्लड बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. ब्लड बैंकों में ज्यादातर खून शिविर लगाकर कलेक्ट किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण ब्लड डोनर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं. जिसकी वजह से खून की कमी की परेशानी खड़ी हो गई है.
कई लोगों ने किया रक्तदान
22 मार्च से अब तक 195 लोगों ने रक्तदान किया है. ETV भारत की टीम ने इस परेशानी को देखते हुए लोगों से अपील की और इसका असर भी हुआ. दो दिन में करीब 80 लोगों ने रक्तदान किया है. जिले में एकमात्र ब्लड बैंक है, जो साल 2006 में शुरू हुआ है. यहां स्टाफ में 4 लोग हैं.
लोगों ने निभाया सामाजिक सरोकार
रक्तदान करने आए लोगों कहा कि रक्तदान महादान है और जैसे ही उन्हें ETV भारत के जरिए ब्लड बैंकों में स्टॉक की कमी की बात पता चली, तो वे अपनी स्वेच्छा से रक्तदान करने पहुंचे हैं. ब्लड डोनेट करने आई लड़की का कहना था कि लॉकडाउन में लोगों को बेवजह घर से निकलने के लिए मना किया गया है, लेकिन उसने ब्लड डोनेट करना जरूरी समझा और वो अस्पताल पहुंची.
वहीं महासमुंद के पूर्व विधायक विमल चोपड़ा ने भी लोगों से इस मुसीबत के वक्त लोगों से ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेट करने की अपील की है.