ETV Bharat / state

महासमुंद : अनुसूचित जाति के 5 परिवारों को नहीं मिल पा रही सरकारी सुविधाएं

author img

By

Published : Nov 28, 2019, 10:43 AM IST

Updated : Nov 28, 2019, 12:52 PM IST

अनुसूचित जाति के 5 परिवार प्रशासनिक रिकाॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए प्रशासनिक भवनों के चक्कर काट रहे हैं. क्षेत्र में 5 परिवार होने के बाद भी उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

5 sc families
अनुसूचित जाति के 5 परिवार

महासमुंद : अनूसूचित जाति के 5 परिवार पिछले 9 वर्षों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इन परिवारों को 2011 की जनगणना में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना की सूची में शामिल नहीं किया गया था. इस मामले पर पंचायत सीईओ ने जांच करने की बात कही है.

अनुसूचित जाति के 5 परिवार

महासमुंद विकासखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी लाफिंनकला गांव मौजूद है, जहां की जनसंख्या 1190 है. इस गांव में ज्यादातर जनसंख्या अन्य पिछड़ा वर्ग की है. इस गांव में अनुसूचित जाति के 5 परिवार निवास करते हैं. जयपाल सतनामी जो पिछले 9 सालों से शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है. 2011 में जयपाल के परिवार की जनगणना हुई थी. जिसकी पावती भी दी गई थी. जिसके बावजूद शासकीय रिकार्ड में एक भी अनूसूचित जाति के परिवार का नाम नहीं है.

सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति आरक्षित

पंचायत चुनाव में सरपंच पद के आरक्षण के लिए इस गांव में अनुसूचित जाति आरक्षित की गई है, जिसे उसे क्षेत्र में एक भी अनुसूचित जाति का परिवार नहीं होने की वजह से अनारक्षित पिछड़ा वर्ग महिला कर दिया गया है. जिसकी जानकारी मिलते ही ये पीड़ित परिवार फिर से प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे.

पढ़ें : 28 नवंबर 2019: छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें

मामले में जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी हुई है, अब इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

महासमुंद : अनूसूचित जाति के 5 परिवार पिछले 9 वर्षों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इन परिवारों को 2011 की जनगणना में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना की सूची में शामिल नहीं किया गया था. इस मामले पर पंचायत सीईओ ने जांच करने की बात कही है.

अनुसूचित जाति के 5 परिवार

महासमुंद विकासखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी लाफिंनकला गांव मौजूद है, जहां की जनसंख्या 1190 है. इस गांव में ज्यादातर जनसंख्या अन्य पिछड़ा वर्ग की है. इस गांव में अनुसूचित जाति के 5 परिवार निवास करते हैं. जयपाल सतनामी जो पिछले 9 सालों से शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है. 2011 में जयपाल के परिवार की जनगणना हुई थी. जिसकी पावती भी दी गई थी. जिसके बावजूद शासकीय रिकार्ड में एक भी अनूसूचित जाति के परिवार का नाम नहीं है.

सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति आरक्षित

पंचायत चुनाव में सरपंच पद के आरक्षण के लिए इस गांव में अनुसूचित जाति आरक्षित की गई है, जिसे उसे क्षेत्र में एक भी अनुसूचित जाति का परिवार नहीं होने की वजह से अनारक्षित पिछड़ा वर्ग महिला कर दिया गया है. जिसकी जानकारी मिलते ही ये पीड़ित परिवार फिर से प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे.

पढ़ें : 28 नवंबर 2019: छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें

मामले में जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी हुई है, अब इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर --प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक गांव के 5 परिवार के लोग पिछले 9 सालों से शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है पर उन्हें आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है विडंबना है कि सरपंच आरक्षण के समय उस गांव का आरक्षण लॉटरी में अनुसूचित जाति के लिए हुआ पर शासकीय रिकॉर्ड में उस गांव में अनुसूचित जाति का कोई भी आदमी निवास नहीं करता है इसलिए वहां का आरक्षण अनुसूचित जाति से बदलकर अनारक्षित पिछड़ा वर्ग महिला कर दिया गया जब इसकी भनक अनुसूचित जाति के 5 परिवारों को हुई तो एक बार फिर शासकीय कार्यालयों में फरियाद करने आए और मामले का खुलासा हुआ पीड़ित परिवार जहां इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं वहीं आला अधिकारी जांच के बाद कार्यवाही का भरोसा दिला रहे हैं। देखिए एक रिपोर्ट


Body:वी.ओ-1-- महासमुंद विकासखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव लाफिंन कला जहां की जनसंख्या 1190 है 243 परिवार है वाले पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस गांव के लोगों को मुख्य व्यवसाय कृषि है इसी गांव में अनुसूचित जाति के 5 परिवार निवास करते हैं उन्हीं में से एक जयपाल सतनामी जो पिछले 9 सालों से शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर शासकीय कार्यालय तक के चक्कर लगा रहे हैं पर 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना( एसईसीसी सूची )की सूची में नाम नहीं होने के कारण जयपाल को शासकीय योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वल योजना, संचार क्रांति जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और जयपाल शासकीय विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर है ऐसा नहीं कि 2011 में जयपाल की जनगणना नहीं हुई जयपाल के पास सारे रिकॉर्ड मौजूद है उनकी जनगणना 2011 में हुई थी जयपाल के पास वो पावती भी है जब उनकी जनगणना की गई उसकी तारीख है 3-11 -2011 पुस्तिका क्रमांक 1145 पर्ची क्रमांक 116 है साथ ही ग्राम पंचायत के एसईसीसी ड्राफ्ट सूची में जयपाल का नाम मौजूद होने के बावजूद भी शासकीय रिकॉर्ड में ग्राम लाफिंग में एक भी परिवार अनुसूचित जाति का नहीं होना दर्शाता है हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरपंच पद के आरक्षण का कार्य संपादित हुआ जिसमें ग्राम लाफिंन कला में सरपंच पद के लिए लाटरी अनुसूचित जाति के लिए निकाली पर शासकीय रिकॉर्ड में अनुसूचित जाति का कोई भी परिवार निवास नहीं करता है इसलिए विलोपित कर अनारक्षित पिछड़ा वर्ग महिला कर दिया गया जब इसकी जानकारी जयपाल को हुई तो वह एक बार फिर प्रशासन से गुहार लगाने आ गए पीड़ित का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण मैं पिछले 9 सालों से योजनाओं का लाभ पाने के लिए भटक रहा हूं।


Conclusion:वी ओ2--- इस पूरे मामले में जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी हुई है अब इस पर जांच कराकर जो संभव हो सकेगा उसे किया जाएगा
वी ओ3-- गौरतलब है कि जनगणना के बाद कंप्यूटर में डाटा फिट करते वक्त लापरवाही बरतने के कारण ऐसा हुआ है जो अब सुधार पाना संभव नहीं फिर भी देखना होगा कि पीड़ित परिवार को आखिर कब तक इंसाफ मिलेगा यह एक बड़ा सवाल है

बाइट1-- जयपाल सतनामी पीड़ित पहचान - सफेद कलर का शर्ट बाजू में लेडीस खड़ी है ग्रीन कलर का साड़ी पहन के।

बाइट2--डॉ रवि मित्तल सीईओ जिला पंचायत महासमुंद पहचान नीले कलर का लाइनिंग वाला शर्ट और चश्मा लगाया हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052

नोट स्क्रिप्ट विजुअल बाइट मौजों से सेंड कर रहा हूं सर बाकी बचा गांव का विजुअल एप से सेंड कर रहा हूं सर धन्यवाद
Last Updated : Nov 28, 2019, 12:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.