महासमुंद : अनूसूचित जाति के 5 परिवार पिछले 9 वर्षों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इन परिवारों को 2011 की जनगणना में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना की सूची में शामिल नहीं किया गया था. इस मामले पर पंचायत सीईओ ने जांच करने की बात कही है.
महासमुंद विकासखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी लाफिंनकला गांव मौजूद है, जहां की जनसंख्या 1190 है. इस गांव में ज्यादातर जनसंख्या अन्य पिछड़ा वर्ग की है. इस गांव में अनुसूचित जाति के 5 परिवार निवास करते हैं. जयपाल सतनामी जो पिछले 9 सालों से शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है. 2011 में जयपाल के परिवार की जनगणना हुई थी. जिसकी पावती भी दी गई थी. जिसके बावजूद शासकीय रिकार्ड में एक भी अनूसूचित जाति के परिवार का नाम नहीं है.
सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति आरक्षित
पंचायत चुनाव में सरपंच पद के आरक्षण के लिए इस गांव में अनुसूचित जाति आरक्षित की गई है, जिसे उसे क्षेत्र में एक भी अनुसूचित जाति का परिवार नहीं होने की वजह से अनारक्षित पिछड़ा वर्ग महिला कर दिया गया है. जिसकी जानकारी मिलते ही ये पीड़ित परिवार फिर से प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे.
पढ़ें : 28 नवंबर 2019: छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें
मामले में जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी हुई है, अब इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.