कोरिया : आज हम छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के कोरिया जिले के आसपास के पर्यटन स्थलों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य में 25 मई 1998 को कोरिया को जिला का दर्जा मिला था. जिला का कोरिया नाम यहां के पूर्व रियासत कोरिया से लिया गया है.जिला बनने से पहले यह क्षेत्र सरगुजा जिले के अंतर्गत था.
प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज है कोरिया जिला : छत्तीसगढ़ में कोरिया सोलहवां जिला के रुप में अस्तित्व में आया. तब से लेकर आज तक इस जिले ने काफी तरक्की कर ली है.प्रकृति की गोद में बसे और हरियाली की चादर से ढंके कोरिया जिले में कई तरह की प्राकृतिक सुंदरता है. वर्षा ऋतु में इस जिले की पर्यटन स्थलों की सुंदरता चरम पर होती है. जिले की नदियों पर बनने वाले जलप्रपात लोगों को अपनी सुंदरता से मोह लेते हैं.कोरिया जिले में जलप्रपात हर समय अपनी सुन्दरता बिखेरते हैं.
जलप्रपात और पौराणिक स्थलों के लिए मिली प्रसिद्धि : हसदेव नदी का उद्गम स्थल भी कोरिया जिले को ही माना जाता है. कोरिया के आसपास गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान, हसदेव नदी पर गौरघाट, च्युल जलप्रपात, अकुरी नाला जलप्रपात, अमृतधारा जलप्रपात, गेज परियोजना, झुमका बोट, कोरिया पैलेस हैं. वहीं रामगढ़ के जोगीमारा और सीताबेंगरा गुफा में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ प्रवास किया था.जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक कोरिया आते हैं.
भगवान श्रीराम का कोरिया से नाता : माना जाता है कि रामगढ़ की गुफाओं में श्रीराम की महर्षि विश्रवा से भेंट हुई. इस स्थान पर एक प्राचीन नाट्यशाला है. ऐसी मान्यता है कि इन्हीं पहाड़ियों पर कालिदास ने मेघदूतम महाकाव्य की रचना की है. यहां की गुफा में प्राचीन शैलचित्र में अंकित है.आपको बता दें कि कोरिया जिले में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को यादगार बनाने के लिए प्रदेश की सरकार ने रामवनगमन पथ योजना भी शुरु की है. जिसके तहत चिन्हित जगहों पर भगवान श्रीराम की प्रतिमाओं को स्थापित किया जा रहा है.साथ ही साथ जिन जगहों से भगवान राम ने अपने वक्त गुजारे थे. उसे पर्यटन सेंटर के तौर पर विकसित किया जा रहा है.
क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यटन दिवस : जब हम अपने देश से किसी दूसरे देश में पर्यटन के लिए जाते हैं या विदेश से लोग हमारे देश में पर्यटन के लिए आता है, तो देशों के बीच परस्पर मैत्री संबंधों का विस्तार होता है. दोनों देशों की सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास की गति सुनिश्चित होती है.विश्व पर्यटन संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की ही एक अंगीकृत संस्था है. जिसकी स्थापना साल 1976 में हुई थी. इस संस्था का मुख्यालय मेड्रिड स्पेन में है. इसको बनाने का संविधान 27 सितंबर 1970 को ही पारित हुआ था.जिस कारण इस दिन हर साल विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है.