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कोरिया और एमसीबी में बढ़ी महिला श्रमिकों की संख्या

कोरिया और मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में मनरेगा में कार्य करने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है. मौजूदा समय में जिलों में चल रहे कामों में महिला कामगारों की संख्या बढ़ी women workers increased in Koriya and MCB है.जो ये दर्शाता है कि महिलाओं के बीच जागरुकता का कितना असर हुआ है. पांचों जनपद पंचायतों को मिलाकर मनरेगा के तहत चल रहे 1 हजार 718 कार्य स्थलों पर वर्तमान में लगभग 50 हजार श्रमिक प्रति दिवस रोजगार प्राप्त कर रहे हैं. इनमें 50 प्रतिशत श्रमिकों के रूप में पंजीकृत महिलाएं कार्यस्थलों पर आकर अपने लिए अकुशल रोजगार प्राप्त कर रही हैं. Koriya and MCB News

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Published : Jan 3, 2023, 6:33 PM IST

Women workers associated with MNREGA work
मनरेगा में महिला श्रमिक

कोरिया : जिला पंचायत की पांचों जनपद पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वर्तमान में 1700 से ज्यादा रोजगारमूलक कार्य चल रहे हैं. इनमें लगभग 11 सौ से ज्यादा महिला मेट कार्यस्थलों पर मनरेगा के श्रमिकों का प्रबंधन कर रही हैं. इससे कोरिया जिले में बीते साल की तुलना में इस वर्ष कार्यस्थलों पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ नजर आता है कि जितनी महिलाओं ने साल भर में मनरेगा के अंतर्गत अकुशल रोजगार प्राप्त किया था. उससे कहीं अधिक महिलाएं दिसम्बर माह तक ही मनरेगा के कार्यस्थलों पर आकर रोजगार प्राप्त कर चुकी हैं.


पांचों जनपद में कितना रोजगार : जिला पंचायत सीइओ नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया एवं एमसीबी जिले को मिलाकर पांच जनपद पंचायतों में कुल 2 लाख 23 हजार से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत जॉब कार्डधारी हैं.Mahatma Gandhi NREGA के कार्यस्थल पर रोजगार के लिए आने वाले 1 लाख 99 हजार 101 श्रमिक ही महात्मा गांधी नरेगा के तहत सक्रिय अकुशल श्रमिक बतौर पंजीकृत हैं.इन सक्रिय श्रमिकों में 95 हजार 548 महिला श्रमिक शामिल भी है. महिलाओं को ही मेट के तौर पर कार्यस्थलों का प्रबंधन देने से सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं. जिससे कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति के यह आंकडे़ निरंतर बढ़ रहे हैं.


कितनी बढ़ी महिला कामगारों की संख्या : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत चल रहे अकुशल श्रम कार्यों में महिलाओं के बढ़ते प्रतिशत पर विस्तार से जानकारी देते हुए District Panchayat CEO Namrata Jain ने बताया कि ''कोरिया एवं एमसीबी जिले में पिछले वित्तीय वर्ष में सक्रिय महिला श्रमिकों के कार्य प्रतिशत पर नजर डालें तो पता चलता हैं कि गत वर्ष की तुलना में अब तक महिलाओं को 4 प्रतिशत ज्यादा रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है. यह परिवर्तन महिला मेटों के अधिकतम नियोजन के कारण आ रहा है. पहले मनरेगा के कार्यस्थल पर महिला मेटों का प्रतिशत 50 हुआ करता था जो राज्य के निर्देशों के बाद बढ़कर लगभग 75 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है और आने वाले वित्तीय वर्ष तक इसे शत-प्रतिशत करने का प्रयास किया जा रहा है. महिला मेटो के प्रबंधन का परिणाम है कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की उपस्थिति भी बढ़ गई है. बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत पंजीकृत 18 हजार 978 सक्रिय महिला श्रमिकों द्वारा बीते वित्तीय साल में 42 प्रतिशत रोजगार दिवस अर्जित किया गया था जबकि इस वर्ष अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा मानव दिवस महिलाओं ने अर्जित कर लिया है. यह 8 प्रतिशत ज्यादा है और अभी तीन माह का समय भी बचा हुआ Women workers associated with MNREGA work है.

ये भी पढ़ें- रेलवे ट्रैक पर चलकर बच्चे पहुंच रहे स्कूल, पालक बेखबर

किस जनपद में कितना प्रतिशत : इसी तरह भरतपुर में पूरे साल में महिला मानव दिवस का प्रतिशत 48 रहा जबकि दिसंबर समाप्त होते तक ही भरतपुर में अर्जित मानव दिवस में महिलाओं का प्रतिशत लगभग 50 पहुंच रहा है. इसी तरह खड़गंवा में बीते साल के कुल 41 प्रतिशत महिला मानव दिवस से 3 प्रतिशत ज्यादा 45 प्रतिशत, मनेन्द्रगढ़ में बीते साल के 46 प्रतिशत की जगह अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा और सोनहत में गत वित्तीय वर्ष में किए गए कुल महिला मानव दिवस के 44 प्रतिशत के काफी आगे बढ़कर लगभग 51 प्रतिशत महिला मानव दिवस को अर्जित किया जा चुका है. व्यापक प्रचार प्रसार के साथ महिला मेटों के नियोजन से काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है.इस वित्तीय वर्ष के तीन माह पूरे होने बाद यह और भी बेहतर होने की उम्मीद है. Koriya and MCB News

कोरिया : जिला पंचायत की पांचों जनपद पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वर्तमान में 1700 से ज्यादा रोजगारमूलक कार्य चल रहे हैं. इनमें लगभग 11 सौ से ज्यादा महिला मेट कार्यस्थलों पर मनरेगा के श्रमिकों का प्रबंधन कर रही हैं. इससे कोरिया जिले में बीते साल की तुलना में इस वर्ष कार्यस्थलों पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ नजर आता है कि जितनी महिलाओं ने साल भर में मनरेगा के अंतर्गत अकुशल रोजगार प्राप्त किया था. उससे कहीं अधिक महिलाएं दिसम्बर माह तक ही मनरेगा के कार्यस्थलों पर आकर रोजगार प्राप्त कर चुकी हैं.


पांचों जनपद में कितना रोजगार : जिला पंचायत सीइओ नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया एवं एमसीबी जिले को मिलाकर पांच जनपद पंचायतों में कुल 2 लाख 23 हजार से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत जॉब कार्डधारी हैं.Mahatma Gandhi NREGA के कार्यस्थल पर रोजगार के लिए आने वाले 1 लाख 99 हजार 101 श्रमिक ही महात्मा गांधी नरेगा के तहत सक्रिय अकुशल श्रमिक बतौर पंजीकृत हैं.इन सक्रिय श्रमिकों में 95 हजार 548 महिला श्रमिक शामिल भी है. महिलाओं को ही मेट के तौर पर कार्यस्थलों का प्रबंधन देने से सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं. जिससे कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति के यह आंकडे़ निरंतर बढ़ रहे हैं.


कितनी बढ़ी महिला कामगारों की संख्या : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत चल रहे अकुशल श्रम कार्यों में महिलाओं के बढ़ते प्रतिशत पर विस्तार से जानकारी देते हुए District Panchayat CEO Namrata Jain ने बताया कि ''कोरिया एवं एमसीबी जिले में पिछले वित्तीय वर्ष में सक्रिय महिला श्रमिकों के कार्य प्रतिशत पर नजर डालें तो पता चलता हैं कि गत वर्ष की तुलना में अब तक महिलाओं को 4 प्रतिशत ज्यादा रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है. यह परिवर्तन महिला मेटों के अधिकतम नियोजन के कारण आ रहा है. पहले मनरेगा के कार्यस्थल पर महिला मेटों का प्रतिशत 50 हुआ करता था जो राज्य के निर्देशों के बाद बढ़कर लगभग 75 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है और आने वाले वित्तीय वर्ष तक इसे शत-प्रतिशत करने का प्रयास किया जा रहा है. महिला मेटो के प्रबंधन का परिणाम है कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की उपस्थिति भी बढ़ गई है. बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत पंजीकृत 18 हजार 978 सक्रिय महिला श्रमिकों द्वारा बीते वित्तीय साल में 42 प्रतिशत रोजगार दिवस अर्जित किया गया था जबकि इस वर्ष अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा मानव दिवस महिलाओं ने अर्जित कर लिया है. यह 8 प्रतिशत ज्यादा है और अभी तीन माह का समय भी बचा हुआ Women workers associated with MNREGA work है.

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किस जनपद में कितना प्रतिशत : इसी तरह भरतपुर में पूरे साल में महिला मानव दिवस का प्रतिशत 48 रहा जबकि दिसंबर समाप्त होते तक ही भरतपुर में अर्जित मानव दिवस में महिलाओं का प्रतिशत लगभग 50 पहुंच रहा है. इसी तरह खड़गंवा में बीते साल के कुल 41 प्रतिशत महिला मानव दिवस से 3 प्रतिशत ज्यादा 45 प्रतिशत, मनेन्द्रगढ़ में बीते साल के 46 प्रतिशत की जगह अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा और सोनहत में गत वित्तीय वर्ष में किए गए कुल महिला मानव दिवस के 44 प्रतिशत के काफी आगे बढ़कर लगभग 51 प्रतिशत महिला मानव दिवस को अर्जित किया जा चुका है. व्यापक प्रचार प्रसार के साथ महिला मेटों के नियोजन से काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है.इस वित्तीय वर्ष के तीन माह पूरे होने बाद यह और भी बेहतर होने की उम्मीद है. Koriya and MCB News

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