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कोरिया: अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा - ईटीवी भारत

कोरिया के ग्राम पंचायत घटई में महिलाओं ने अवैध रेत खनन और परिवहन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. गांव में पिछले 5 सालों से अवैध रेत खनन धड़ल्ले से जारी है. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों के संरक्षण में ही रेत माफिया धड़ल्ले से परिवहन कर रहे हैं.

women protest
महिलाओं का प्रदर्शन
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Published : Aug 31, 2020, 1:53 PM IST

कोरिया: जनकपुर ब्लॉक की नदियों से अवैध रेत खनन और परिवहन किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन के सरंक्षण में ग्राम पंचायत घटई के ओदारी नदी से रेत खनन और परिवहन का काम जोर-शोर से जारी है. जिसके खिलाफ अब गांव की महिलाओं ने ही कमान संभाल ली है. महिलाओं ने अवैध रेत खनन को लेकर प्रदर्शन किया और रेत से भरी ट्रॉली को खाली करवाया.

अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

देर रात महिलाओं का प्रदर्शन

बता दें कि महिलाओं को घटई के ओदारी नदी से अवैध रेत खनन और परिवहन करने की जानकारी मिली. जिसके बाद महिला सरपंच के साथ गांव की पूरी महिलाएं अवैध रेत परिवहन में लगे वाहनों के सामने खड़ी हो गई. इसके बाद महिलाओं ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी अधिकारी को दी गई, बावजूद इसके कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.

SAND SMUGGLING
अवैध रेत खनन

अवैध रूप से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश भेजी जाती है रेत

SAND SMUGGLING
रेत उत्खनन

घटाई के स्कूलपारा के पास रेत से भरे ट्रैक्टर को रोककर महिलाओं ने गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया. जिसके बाद ट्रॉली से रेत खाली करवा कर ही ट्रैक्टर को देर रात छोड़ा गया. विरोध प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत लोड कर चांटी में डंप किया जाता है और फिर यहां से अवैध रूप से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश भेजा जाता है.

5 सालों से चल रहा रेत का खेल

ग्रामीणों के मुताबिक बीते पांच सालों से माफिया नदियों से अवैध रेत खनन कर दूसरें राज्यों में परिवहन कर रहे है, ये सारा खेल अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है. ग्रामीणों की लाख शिकायत के बावजूद भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते. जिसके कारण कार्रवाई से रेत माफिया बच जाते हैं और ग्रामीणों को डरा-धमका कर अवैध रेत खनन कर परिवहन का काम धड़ल्ले से करते हैं. गांव में रेत माफियों का ऐसा आतंक है कि डर के कारण पुरुष विरोध जताने के लिए सामने नहीं आते हैं. बीते पांच साल से ग्रामीण महिलाएं यहां नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए विरोध कर रही हैं.

पढ़ें- धमतरी: अवैध रेत उत्खनन और भंडारण पर बवाल, ग्रामीणों के हंगामे के बाद खनिज विभाग की कार्रवाई

अवैध रेत कारोबार से खराब हुई सड़कें

रेत माफियाओं ने गांव के लिए बनी सड़क को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिससे ये अंदाजा लगाना भी अब मुश्किल होगा की यहां कभी सड़क थी भी या नहीं. खासतौर पर बारिश के मौसम में ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रेत खनन के चलते उनके गांव की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. वहीं अवैध रेत खनन पर भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिसके चलते माफियाओं के हौसले बुलंद है.

आज तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया कि आए दिन यहां से सैकड़ों डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत निकाली जा रही है. ग्रामीणों ने अवैध रेत खनन और इससे खराब होने वाली सड़क को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक न तो रेत का खनन रुका और न ही सड़क को लेकर किसी तरह की कार्रवाई हुई.संबंधित अधिकारी ने इस पूरे मामले में कहा कि जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. महिलाएं देर रात तक प्रदर्शन करती रही, यह गंभीर मामला है.

कोरिया: जनकपुर ब्लॉक की नदियों से अवैध रेत खनन और परिवहन किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन के सरंक्षण में ग्राम पंचायत घटई के ओदारी नदी से रेत खनन और परिवहन का काम जोर-शोर से जारी है. जिसके खिलाफ अब गांव की महिलाओं ने ही कमान संभाल ली है. महिलाओं ने अवैध रेत खनन को लेकर प्रदर्शन किया और रेत से भरी ट्रॉली को खाली करवाया.

अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

देर रात महिलाओं का प्रदर्शन

बता दें कि महिलाओं को घटई के ओदारी नदी से अवैध रेत खनन और परिवहन करने की जानकारी मिली. जिसके बाद महिला सरपंच के साथ गांव की पूरी महिलाएं अवैध रेत परिवहन में लगे वाहनों के सामने खड़ी हो गई. इसके बाद महिलाओं ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी अधिकारी को दी गई, बावजूद इसके कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.

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अवैध रेत खनन

अवैध रूप से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश भेजी जाती है रेत

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रेत उत्खनन

घटाई के स्कूलपारा के पास रेत से भरे ट्रैक्टर को रोककर महिलाओं ने गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया. जिसके बाद ट्रॉली से रेत खाली करवा कर ही ट्रैक्टर को देर रात छोड़ा गया. विरोध प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत लोड कर चांटी में डंप किया जाता है और फिर यहां से अवैध रूप से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश भेजा जाता है.

5 सालों से चल रहा रेत का खेल

ग्रामीणों के मुताबिक बीते पांच सालों से माफिया नदियों से अवैध रेत खनन कर दूसरें राज्यों में परिवहन कर रहे है, ये सारा खेल अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है. ग्रामीणों की लाख शिकायत के बावजूद भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते. जिसके कारण कार्रवाई से रेत माफिया बच जाते हैं और ग्रामीणों को डरा-धमका कर अवैध रेत खनन कर परिवहन का काम धड़ल्ले से करते हैं. गांव में रेत माफियों का ऐसा आतंक है कि डर के कारण पुरुष विरोध जताने के लिए सामने नहीं आते हैं. बीते पांच साल से ग्रामीण महिलाएं यहां नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए विरोध कर रही हैं.

पढ़ें- धमतरी: अवैध रेत उत्खनन और भंडारण पर बवाल, ग्रामीणों के हंगामे के बाद खनिज विभाग की कार्रवाई

अवैध रेत कारोबार से खराब हुई सड़कें

रेत माफियाओं ने गांव के लिए बनी सड़क को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिससे ये अंदाजा लगाना भी अब मुश्किल होगा की यहां कभी सड़क थी भी या नहीं. खासतौर पर बारिश के मौसम में ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रेत खनन के चलते उनके गांव की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. वहीं अवैध रेत खनन पर भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिसके चलते माफियाओं के हौसले बुलंद है.

आज तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया कि आए दिन यहां से सैकड़ों डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत निकाली जा रही है. ग्रामीणों ने अवैध रेत खनन और इससे खराब होने वाली सड़क को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक न तो रेत का खनन रुका और न ही सड़क को लेकर किसी तरह की कार्रवाई हुई.संबंधित अधिकारी ने इस पूरे मामले में कहा कि जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. महिलाएं देर रात तक प्रदर्शन करती रही, यह गंभीर मामला है.

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