कोरिया: इंसान की काबिलियत उसकी मेहनत पर निर्भर करती हैं, अगर कम मेहनत और कम साधन में ज्यादा फायदा मिले तो उसे एक अलग पहचान मिलती है. ऐसे ही पहचान जनकपुर के चिडौला गांव के देवकी महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर के दीये बना रही हैं. अभी तक गोबर का उपयोग खाद के रूप में होता था, अब गोबर के कंडे नहीं बल्कि दीये, गमले और अन्य वस्तुएं भी बनने लगे हैं. ऐसे में महिलाएं दीया बनाकर बाजार में बेच रही हैं. इससे महिलाओं को आमदनी हो रही है.
दीया तले अंधेरा: गोबर और मिट्टी में फंसी कुम्हारों की जिन्दगी
बिहान योजना के तहत देवकी महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से दीये बना रही हैं. मुख्यमंत्री ने दिवाली पर्व को ध्यान में रखते हुए गोबर के दीये बनाने की अपील की है. साथ ही उनका विक्रय कर स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही है. इसी के तहत जनकपुर के चिडौला गांव में स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं गोबर से दीये बना रही हैं, जो जनपद पंचायत के विभिन्न हिस्सों को दिवाली में रौशन करेंगे.
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गोबर के दीये मिट्टी के दीये के समान ही खूबसूरत
जनकपुर जनपद पंचायत को गोबर के दीये से रौशन करने के लिए चिडौला गांव की देवकी महिला स्व सहायता समूह ने काम शुरू कर दिया है. महिलाओं ने अभी तक कई दीये बना ली हैं. इतना ही नहीं बेच भी दी हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता समूह के माध्यम से गोबर के दीये बनाने की योजना लाई गई है, ताकि महिलाओं को रोजगार मिल सके. गोबर के दीये मिट्टी के दीये के समान ही खूबसूरत हैं, जिन्हें बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया है. यह दीये दिवाली के अवसर में बाजार में बिकने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.