कोरिया: एसईसीएल चिरमिरी के मुख्य महाप्रबंधक के कार्यालय का घेराव करने के लिए पीड़ित परिवार पहुंचे थे. 17 दिनों से मांगें पूरी नहीं होने पर महिला-बच्चे भी धरने पर बैठ गए थे. इस दौरान कई जनप्रतिनिधि और वार्ड के पार्षद जनता के समर्थन में मौके पर पहुंचे. लोगों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द रहने के लिए मकान और मुआवजे की राशि दी जाए.
चिरमरी के वार्ड क्रमांक 12 हल्दी बाड़ी के महुआ दफाई में 2 फरवरी को अचानक जमीन धंसने से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए थे. कई मकानों में दरारें आईं और कई मकान पूरी तरह गिर गए. अचानक आई इस आपदा से इलाके के लोग दहशत में आ गए थे. पुलिस और निगम प्रशासन अमले ने भी मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव किया था. 22 परिवार को पास के ही शिशु मंदिर स्कूल में शिफ्ट करा दिया गया था.
17 दिनों से घर के इंतजार में प्रभावित
17 दिन बीत जाने के बावजूद पीड़ित परिवारों को घर नहीं मिल सका है. अपनी मांगों को लेकर एसईसीएल कार्यालय घेराव करने पहुंचे. पुलिस प्रशासन ने उन्हें महाप्रबंधक कार्यालय के गेट पर रोक लिया. सभी परिवार कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए थे. पीड़ित परिवार के साथ वार्ड पार्षद कई जनप्रतिनिधि भी समर्थन करने पहुंचे. मुख्य महाप्रबंधक घनश्याम सिंह से चिरमिरी एसडीएम पीवी खेस और मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जयसवाल ने बातचीत की. जिसमें फैसला लिया गया कि एसईसीएल के जो भी मकान खाली होंगे, उसमें उन्हें शिफ्ट कराया जाएगा. चिरमिरी एसडीएम ने बताया कि प्रशासन की ओर से निर्धारित मुआवजा भी दिया जाएगा.
कोरिया: स्कूलों में रह रहे 22 पीड़ित परिवारों को घर मिलने का इंतजार
जानकारी के मुताबिक 1966 में चिरमिरी की कुरासिया अंडरग्राउंड माइंस चालू की गई थी. कोयला निकालने के बाद उसे बंद कर दिया गया था. बाद में इस इलाके में लोग बसने भी लगे थे. जानकार बताते हैं कि अंडर ग्राउंड माइंस के अंदर आज भी आग लगी हुई है. इसलिए इस तरह की घटना चिरमिरी क्षेत्र में देखने को मिलती रहती है.