कोरिया: आज शिक्षक दिवस (Teachers Day 2021 ) हैं. इस मौके पर कोरिया जिले के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा और अशोक लोधी को कैसे भुल सकते हैं. जिनकी 2020 से आज तक खूब चर्चा हो रही है. इसकी खास वजह लॉकडाउन में उनके पढ़ाने की तकनीक है. ये दोनों शिक्षक इलाके में ही नहीं बल्कि पूरे देश में छतरी वाले गुरुजी और सिनेमा वाले बाबू के नाम फेमस हो चुके हैं.आज शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इनका सम्मान करेंगे.
आर.डी. तिवारी स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आमापारा रायपुर में सीएम भूपेश बघेल इनका सम्मान करेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अवसर पर स्कूल का लोकार्पण करेंगे. कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षकों का सम्मान, महतारी दुलार योजना के बच्चों को छात्रवृत्ति का वितरण भी किया जाएगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे. कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और महापौर रायपुर एजाज ढेबर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे.
इसके बाद मोहल्ला कक्षा और लाउडस्पीकर कक्षा, मोटर-साइकिल गुरूजी क्लास, सिनेमा वाले गुरूजी क्लास, श्यामपट वाले गुरूजी क्लास, अंगना में शिक्षा, स्मार्ट क्लास एवं जुगाड़ स्टूडियो, पपेट शो, विज्ञान-रसायन-भौतिक प्रयोगशाला का अवलोकन किया जाएगा. इसके साथ ही टीएलएम (टीचर लर्निंग मटेरियल) प्रदर्शनी, पुस्तकालय, अमाराईट प्रोजेक्ट, बच्चों द्वारा खेले जा रहे विभिन्न स्थानीय खेल का अवलोकन भी करेंगे. आज इसी कार्यक्रम में कोरिया जिले के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा और अशोक लोधी को भी सम्मानित किया जाएगा. हालांकि कार्यक्रम में अन्य शिक्षकों का सम्मान किया जाना है जो कि प्रदेश के शिक्षक समुदाय व कोरिया जिले के शिक्षकों लिए हर्ष का विषय हैं.
Teachers Day 2021: गुरु के दिये ज्ञान के सम्मान का दिन है 5 सितंबर
साल 2020 में कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल-कॉलेज जब बंद थे और ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही थी. उस समय इंटरनेट की सुविधा नहीं होने के कारण कई गांवों के छात्र पढ़ नहीं पाते थे. ऐसे में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर ग्राम सकड़ा में ‘प्राथमिक पाठशाला सकड़ा’ के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा अपनी मोटरसाइकिल में ब्लैक बोर्ड, सूटकेस में किताबें, माईक, घंटी और बाइक पर बड़ी सी छतरी लगाकर बच्चों को पढ़ाने ‘मोहल्ला क्लास’ में पहुंचते थे. पढ़ाई के दौरान मास्टरजी फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया करते थे. शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा रोजाना करीब 40 किलोमीटर दूर पेंड्रा मरवाही जिले के ‘प्रारासी’ गांव से बच्चों को पढ़ाने ‘सकड़ा’ गांव आते थे और आज भी आते हैं. इस दौरान मास्टर जी सकड़ा गांव के आसपास गुरवापारा, पटेल पारा, स्कूल पारा, बिही पारा, मुहारी पारा में ‘मोहल्ला क्लास’ आयोजित कर बच्चों पढ़ाने का काम कर रहे थे. इस दौरान छतरी वाले ये मास्टरजी जिस भी मोहल्ले में क्लास लेने जाते थे, मोहल्ले में पहुंचते ही सबसे पहले अपनी मोटरसाइकिल स्टैंड पर खड़ी करके घंटी बजाते थे .घंटी की आवाज सुनकर मोहल्ले के सभी बच्चे अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर स्कूल बैग के साथ झज्जे पर चटाई बिछाकर ‘मोहल्ला क्लास’ में शामिल होते थे.
उसी तरह दूसरे शिक्षक छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला मुख्यालय से सटे सलका संकुल क्षेत्र के ग्राम पंचायत सारा, गदबदी, रटन्गा, ढोड़ी बहरा, जलियांढांड में सिनेमा वाले बाबू यानी अशोक लोधी रौजाना सुबह अपनी मोटरसाइकिल में lED TV बांध कर बच्चों के पढ़ाई के लिए निकल जाते थे. मौहल्ला – मौहल्ला जा कर घरों में एकत्र हुए ग्रामीण बच्चों को मोबाईल से वाई फाई कनेक्ट कर TV पर कार्टून, संगीत के माध्यम से पढ़ाई कराते थे.