कोरिया: पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत चलाई जा रही मोहल्ला क्लास योजना के निर्देशों को ताक पर रखकर शिक्षक मनमानी कर रहे हैं. हालात ये हैं कि क्लास 4 का बच्चा अपना नाम भी नहीं लिख पा रहा है. जिससे सरकार के तमाम वादे खोखले साबित हो रहे हैं. कोरोना काल में शिक्षकों को गांव में जाकर मोहल्ला क्लास लेने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन क्षेत्र के कई शिक्षक इन निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में है.
बड़गांव कला संकुल अंतर्गत मनिहारी ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला में गरीब बच्चों का नाम दर्ज है. यह गांव विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दूर-दराज तक नेटवर्क नहीं है, न ही किसी के पास एंड्राइड मोबाइल है, जिससे ऑनलाइन पढ़ाई की जा सके.
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नहीं लगी मोहल्ला क्लास
ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन से आज तक एक भी शिक्षक पढ़ाने नहीं आए हैं. जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में होता जा रहा है. चौथी क्लास तक के बच्चों को अपना नाम तक ठीक से लिखने नहीं आता. लेकिन शिक्षक इन बच्चों की सुध ही नहीं ले रहे हैं. इसी तरह बडेरा और जनौरा गांव के स्कूल बंद पाए गए हैं. ग्राम पंचायत के सरपंच और उप सरपंच ने बताया कि टीचर 26 जनवरी को आए थे और स्कूल में झंडा फहराकर वापस चले गए. इसके बाद वे दोबारा नहीं आए.
शिक्षकों पर की जाएगी कार्रवाई
स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए पढ़ाई तुंहर दुआर योजना की शुरुआत की गई थी. जिससे छात्र-छात्राएं घर बैठे ऑनलाइन क्लास के जरिए अपनी पढ़ाई नियमित रख सकें. इसमें शिक्षकों ने भी अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो. लेकिन वर्तमान में कुछ जगहों पर शिक्षकों का ढुलमुल रवैया समझ से परे है.