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भगवान भरोसे इस महाविद्यालय के विद्यार्थी, गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहा संस्थान - मनेंद्रगढ़ सरकारी कॉलेज का हाल

मनेंद्रगढ़ में एक मात्र सरकारी कॉलेज होने के कारण विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय में आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चे पढ़ने आते हैं. महाविद्यालय में टीचरों की कमी से विद्यार्थी की शिक्षा प्रभावित हो रही है.

गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहा संस्थान
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Published : Oct 31, 2019, 2:36 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 4:11 PM IST

कोरिया: जिले के मनेंद्रगढ़ और इसके आस-पास के ग्रामीण अंचलों के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे जिलों का रुख करना पड़ रहा है, वहीं कुछ ऐसे छात्र भी हैं जिन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है. शहर का एक मात्र विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय में पर्याप्त शिक्षक हैं. लिहाजा एमएससी में केवल ही विषय पढ़ाया जा रहा है.

भगवान भरोसे इस महाविद्यालय के विद्यार्थी, गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहा संस्थान

यहां पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि, यहां सालों से सिर्फ केमेस्ट्री में एमएससी कराई जा रही है. जो लोग आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जा सकते उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ती है.

पढ़ें :कोरिया : धूल ने बढ़ाई परेशानी, लोग हो रहे हैं बीमार

छात्र अन्य विषयों में भी अध्ययन करना चाहते हैं. वह इसकी मांग कर रहे हैं. मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. पढ़ाने के लिए महाविद्यालय में प्रोफेसर्स नहीं के होने कारण यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई दिन-ब-दिन प्रभावित हो रही है. लेकिन प्राचार्य आनंदा गुप्ता इसे प्रशासनिक व्यवस्था बता रही हैं. कॉलेज के ज्यादातर टीचर गेस्ट के रूप में सेवा दे रहे हैं.

कोरिया: जिले के मनेंद्रगढ़ और इसके आस-पास के ग्रामीण अंचलों के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे जिलों का रुख करना पड़ रहा है, वहीं कुछ ऐसे छात्र भी हैं जिन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है. शहर का एक मात्र विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय में पर्याप्त शिक्षक हैं. लिहाजा एमएससी में केवल ही विषय पढ़ाया जा रहा है.

भगवान भरोसे इस महाविद्यालय के विद्यार्थी, गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहा संस्थान

यहां पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि, यहां सालों से सिर्फ केमेस्ट्री में एमएससी कराई जा रही है. जो लोग आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जा सकते उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ती है.

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छात्र अन्य विषयों में भी अध्ययन करना चाहते हैं. वह इसकी मांग कर रहे हैं. मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. पढ़ाने के लिए महाविद्यालय में प्रोफेसर्स नहीं के होने कारण यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई दिन-ब-दिन प्रभावित हो रही है. लेकिन प्राचार्य आनंदा गुप्ता इसे प्रशासनिक व्यवस्था बता रही हैं. कॉलेज के ज्यादातर टीचर गेस्ट के रूप में सेवा दे रहे हैं.

Intro:विवेकानंद महाविद्यालय में सिर्फ रसायन से एम एस सी ,बीच मे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर छात्राएं
सहायक प्राध्यापकों के 13 पद रिक्त,अतिथि व्याख्याताओं द्वारा किया जा रहा अध्यापन कार्य
मनेंद्रगढ़। शहर में संचालित शासकीय विवेकानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों की कमी से छात्रों को काफी असुविधा हो रही है। लंबे अरसे से इसे लेकर छात्र-छात्राओं ने जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण भी कराया ,लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई। शहर में एकमात्र शासकीय महाविद्यालय है, जहां शहर के साथ ही साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों व अनूपपुर जिले के सैकड़ों छात्र अध्ययन करने के लिए आते हैं।Body: इस महाविद्यालय में सभी संकाय मिलाकर 12 सौ से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए यहां जितने प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक होने चाहिए उतरे नहीं है इसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
इस महाविद्यालय में प्राध्यापकों के 4 पद स्वीकृत हैं जिसमें मात्र राजनीति शास्त्र में एक प्राध्यापक की नियुक्ति की गई है शेष वाणिज्य ,समाजशास्त्र व रसायन शास्त्र में लंबे अर्से से प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं की गई, जिससे छात्र-छात्राओं को होने वाली परेशानी का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। इस महाविद्यालय में सहायक अध्यापकों के 22 पद स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से मात्र 9 पदों पर नियुक्ति की गई है ।शेष 13 पद रिक्त हैं इन पदों पर अतिथि व्याख्याताओं को नियुक्त कर अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है।
इस महाविद्यालय में मात्र रसायन शास्त्र से एमएससी की कक्षाएं संचालित हैं। ऐसे में यहां से बीएससी पढ़कर निकलने वाली छात्राओं को या तो शहर से बाहर चिरमिरी अथवा दूसरे शहरों में जाकर पढ़ाई करनी पड़ती है, अथवा जो छात्राएं और उनके अभिभावक इस खर्च को वहन नहीं कर पाते उन छात्राओं को बीएससी करने के बाद अपनी पढ़ाई स्थगित करनी पड़ती है ।लगभग 15 वर्षों पूर्व इस महाविद्यालय में एमएससी रसायन की कक्षाएं संचालित की गई थी ,उसके बाद से इन 15 वर्षों में इस महाविद्यालय में अन्य विषयों में एम एस सी की कक्षाएं नहीं शुरू हो पाई, जिससे छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है।
विद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में 177 ,बी ए द्वितीय वर्ष में 207 बी ए तृतीय वर्ष में 57, बीएससी प्रथम वर्ष 208, बीएससी तृतीय वर्ष 92 , बीएससी तृतीय वर्ष 113 ,बीकॉम प्रथम वर्ष 115 ,बीकॉम द्वितीय वर्ष 54,बी काम तृतीय वर्ष 42 तथा अन्य कक्षाएं मिलाकर 1220 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है ।Conclusion:इस संबंध में महाविद्यालय की प्राचार्य आनंदा गुप्ता ने बताया कि समय-समय पर विभाग को महाविद्यालय में रिक्त पदों से अवगत कराया जाता है ।रिक्त पदों पर नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति ना होने के कारण महाविद्यालय में 13 अतिथि व्याख्याताओं को नियुक्त किया गया है जो अध्यापन कार्य कराते हैं ।
बाइट - सुषमा (छात्रा)
बाइट - जुली (छात्रा)
बाइट - आनंदा गुप्ता (प्राचार्य, शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय,मनेन्द्रगढ़)
Last Updated : Oct 31, 2019, 4:11 PM IST
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