एमसीबी: मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के वनांचल क्षेत्र सीतामढ़ी हरचौका में भगवान श्रीराम की विशाल मूर्ति का निर्माण कराया गया है. कहा जा रहा है कि जून माह में सीएम भूपेश बघेल इस क्षेत्र में प्रवास पर आ सकते हैं. इस दौरान इस विशाल मूर्ति का उद्घाटन किया जाएगा. इस जगह पर पूरे साल भर भक्तों का आनाजाना लगा रहता है. यहां साल में एक बार मेले का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जा रहा है.
राम के बनवास का पहला पड़ाव: कहा जाता है कि अपने बनवास काल में भगवान श्रीराम जब छत्तीसगढ़ आए तो उनका पहला पड़ाव यहीं मवई नदी के किनारे हरचौका में हुआ था. लोगों का मानना है कि भगवान श्रीराम के आगमन से पहले यहां विश्वकर्मा भगवान आये थे. विश्वकर्मा भगवान के द्वारा ही भगवान श्रीराम के रुकने के लिए गुफा का निर्माण किया गया था.
भगवान राम करते थे शिवलिंग की पूजा: ऐसी कई मान्यताएं इस जगह से जुड़ी हुई है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने हरचौका को पर्यटन तीर्थ स्थल में शामिल कर विकसित करने का काम किया है. जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ से लगभग 150 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र में मवई नदी किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की इस गुफा में 17 कमरे हैं. इस दिव्य स्थान को माता सीता की रसोई के नाम से जाना जाता है. गुफा में 12 शिवलिंग स्थापित हैं. लोगों का मानना है कि गुफा में रहते हुए प्रभु श्री राम शिवलिंग की पूजा किया करते थे.
मवई नदी का एक तट एमपी सीमा से सटा: हरचौका जिस मवई नदी के किनारे है उसका एक तट मध्यप्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. जबकि दूसरा तट छत्तीसगढ़ में आता है. आज भी यहां लगने वाले हाट बाजार में दोनों प्रदेश यानी कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के खरीदार आते हैं. यहां एमपी और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के लोगों का दुकान भी लगता है.