कोरिया : बैकुंठपुर में गुरुनानक देव का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया. सोमवार को बैकुंठपुर के प्रेमाबाग गुरुद्वारे में सुबह अखंड पाठ साहब का समापन हुआ. इसके बाद लंगर में सिख समाज समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. करीब 10 हजार लोगों ने लंगर प्रसाद चखा. वहीं देर शाम शब्द कीर्तन हुए. इससे पहले अरदास के दौरान जो बोले सो निहाल के जयकारों से गुरुद्वारा साहिब गूंज उठा.
10 हजार से ज्यादा लोगों ने चखा लंगर : आपको बता दें कि सुबह से ही बड़ी संख्या में समाज के लोग गुरूद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे. समाज के सदस्य सरदार करण सिंह के अनुसार सभी धर्मों के करीब 10000 लोगों ने लंगर चखा. गुरूवाणी सुनाने वाले बच्चों को पुरस्कार बांटे गए. सोमवार सुबह से 8 बजे से ही कीर्तन दरबार सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ.
लोगों के बताए गए गुरुनानक के संदेश : गुरुद्वारा साहिब में सुबह से ही संगतों की भीड़ आनी शुरू हो गई थी. संगतों ने अरदास में हिस्सा लिया और गुरु ग्रंथ साहब के समक्ष मत्था टेककर मन्नत मांगी. ज्ञानी जी के गुरबाणी के शब्दों से संगतों को निहाल किया गया. इस अवसर पर गुरु नानक देव जी को याद करते हुए उनके संदेश लोगों को बताए गए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी गुरूद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और लंगर प्रसाद ग्रहण किया.
गुरु के अटूट लंगर का आयोजन गुरू सिंह सभा गुरुद्वारा कमेटी की ओर से किया गया. जिसमें गुरुद्वारा साहिब में युवा, बच्चे, बुजर्ग और महिलाओं ने सेवा की .इस दौरान लंगर में पहुंचने वाले लोगों में प्रसाद बांटा गया. गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के लिए गुरुद्वारे को रौशनी से सजाया गया था.