कोरिया: जिले के खांडा जलाशय के टूटने के 6 महीने बाद भी उसके सुधार को लेकर आज तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है. पानी के तेज बहाव से जलाशय टूटने में तीन गांव के ग्रामीणों के खेतों को भी नुकसान हुआ है. तब से आज तक इसके सुधार के लिए न तो सरकार से और न ही जिला प्रशासन से कोई स्वीकृति नहीं मिली है. जिससे आने वाले समय में ग्रामीणों को और भी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
23 सितंबर 2020 को कोरिया जिले का प्रमुख खांडा जलाशय टूटा था. ज्यादा पानी भरने से 40 साल पुराना बांध टूट गया. इस घटना के बाद कई एकड़ फसल बर्बाद हुई और किसानों के खेतों को भी नुकसान हुआ. बाद में सरकार ने कार्रवाई करते हुए जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता विनोद शंकर साहू और एसडीओ एमएल सोनी को निलंबित कर दिया.
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जिम्मेदारों पर की गई कार्रवाई
तेज बारिश से जलाशय में पानी भर गया था. जिससे पानी का रिसाव हो रहा था. इसकी सूचना ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों को भी दी थी. लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. कार्रवाई करते हुए कार्यपालन अभियंता पर एक करोड़ तीन लाख का जुर्माना भी लगाया गया. सरकार ने कार्रवाई तो की लेकिन आज तक इस बांध के सुधार के लिए एक रुपये की राशि जारी नहीं की.
जिला प्रशासन के पास फंड नहीं
जिला प्रशासन की ओर से भी किसी तरह की राशि इसके सुधार के लिए जारी नहीं की गई है. ऐसे में काम इस बरसात के पहले कैसे होगा यह बड़ा सवाल है. जिला प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया था. कलेक्टर एसएन राठौर का कहना है कि जिले में इतना फंड नहीं है. प्रयास किया जा रहा है कि प्रस्ताव को जल्दी स्वीकृति मिल जाए और काम शुरू किया जा सके.