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कोरिया में कागजों पर चल रही रेडी यू ईट योजना, हितग्राहियों तक नहीं पहुंच रहा राशन

कोरिया में रेडी-टू-ईट आहार योजना(Ready-to-eat diet scheme) बंद पड़ी हुई है. बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजों पर राशन और आहार बांट रहे हैं. जिसकी वजह से जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की शिकायत अधिकारियों से की तो उन्होंने जांच करवाने की बात कही है.

Ready to eat diet scheme in koriya
ठप पड़ी रेडी टू ईट आहार योजना
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Published : Jun 23, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 8:58 PM IST

कोरिया: जिले में रेडी-टू-ईट आहार योजना का हाल बेहाल है. जिम्मेदारों पर आरोप है कि वह इस योजना को पलीता लगा रहे हैं. सिर्फ कागजों पर बच्चों और महिलाओं को रेडी टू ईट योजना (Ready-to-eat diet scheme) के जरिए राशन की सप्लाई की जा रही है. आपको बता दें कि रेडी टू ईट योजना के जरिए गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन और पूरक पोषण आहार भी दिया जाता है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने के आदेश जारी किए हैं. लेकिन इस तरह की लापरवाही से इस योजना का उदेश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है.

कोरिया में कागजों पर चल रही रेडी यू ईट योजना

चिरमिरी महिला एवं बाल विकास परियोजना (Chirmiri Women and Child Development Project) क्षेत्र के गेलापनी की बात करे या भरतपुर ब्लॉक के कोहरा, डाप, मलकडोल की. सभी जगह रेडी-टू-ईट आहार योजना ठंडे बस्ते में चली गई है. छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. रेडी-टू-ईट भोजन के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Center of koriya) में 3 से 6 साल तक के बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड (ready to eat food) दिया जाता है. गर्भवती माताओं को भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती है. लेकिन सब ठप पड़ा हुआ है.

वन विभाग पर पौधरोपण संरक्षण में घपले का आरोप, पेड़ों को बचाने की मुहिम को लगा झटका

महिलाओं ने कहा,नहीं मिल रहा योजना का लाभ

महिलाओं का कहना है कि जब से लॉकडाउन लगा है उन्हें एक दो बार ही रेडी-टू-ईट आहार मिला है. गर्भवती महिलाओं का कहना है कि उन्हे एक बार भी पौष्टिक आहार नहीं मिला.

अधिकारी ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

जिला महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम अधिकारी एमके खलको ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा बैठक ली जाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट आहार देने को कहा गया है. यदि किसी से लापरवाही हुई है तो जांच के बाद संबंधित पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में देखना होगा कि अधिकारी ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर कब कार्रवाई करते हैं.

कोरिया: जिले में रेडी-टू-ईट आहार योजना का हाल बेहाल है. जिम्मेदारों पर आरोप है कि वह इस योजना को पलीता लगा रहे हैं. सिर्फ कागजों पर बच्चों और महिलाओं को रेडी टू ईट योजना (Ready-to-eat diet scheme) के जरिए राशन की सप्लाई की जा रही है. आपको बता दें कि रेडी टू ईट योजना के जरिए गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन और पूरक पोषण आहार भी दिया जाता है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने के आदेश जारी किए हैं. लेकिन इस तरह की लापरवाही से इस योजना का उदेश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है.

कोरिया में कागजों पर चल रही रेडी यू ईट योजना

चिरमिरी महिला एवं बाल विकास परियोजना (Chirmiri Women and Child Development Project) क्षेत्र के गेलापनी की बात करे या भरतपुर ब्लॉक के कोहरा, डाप, मलकडोल की. सभी जगह रेडी-टू-ईट आहार योजना ठंडे बस्ते में चली गई है. छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. रेडी-टू-ईट भोजन के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Center of koriya) में 3 से 6 साल तक के बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड (ready to eat food) दिया जाता है. गर्भवती माताओं को भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती है. लेकिन सब ठप पड़ा हुआ है.

वन विभाग पर पौधरोपण संरक्षण में घपले का आरोप, पेड़ों को बचाने की मुहिम को लगा झटका

महिलाओं ने कहा,नहीं मिल रहा योजना का लाभ

महिलाओं का कहना है कि जब से लॉकडाउन लगा है उन्हें एक दो बार ही रेडी-टू-ईट आहार मिला है. गर्भवती महिलाओं का कहना है कि उन्हे एक बार भी पौष्टिक आहार नहीं मिला.

अधिकारी ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

जिला महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम अधिकारी एमके खलको ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा बैठक ली जाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट आहार देने को कहा गया है. यदि किसी से लापरवाही हुई है तो जांच के बाद संबंधित पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में देखना होगा कि अधिकारी ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर कब कार्रवाई करते हैं.

Last Updated : Jun 23, 2021, 8:58 PM IST
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