कोरिया: पूरे देश में रेलकर्मियों ने बोनस की मांग और रेलवे के निजीकरण के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. रेलवे कर्मचारियों के बीच समय पर बोनस न मिलने पर काफी आक्रोश है. रेलवे विभाग का बोनस हर साल दुर्गा पूजा के पहले ही दिया जाता है, लेकिन अभीतक कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने से कर्मचारियों में काफी नारजागी देखी जा रही है. जिसके बाद मनेन्द्रगढ़ रेलवे संयुक्त फेडरेशन ने बाइक रैली निकालकर रेलवे विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे कर्मियों ने हफ्तों के सातों दिन करीब 24 घंटे काम किया, लेकिन सरकार रेलकर्मियों की इस मांग को अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि बैठक में यह फैसला लिया गया कि रेलकर्मियों के बोनस के भुगतान का आदेश रेल मंत्रालय ने जारी नहीं किया है. जिसके बाद विभाग के कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे कर्मचारियों का पहले डीए रोका और उसके बाद उनके भत्ते पर रोक लगाई और अब 40 साल से जो बोनस मिल रहा है, वो भी नहीं दिया गया है.
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रेलवे कर्मचारियों ने चेतावनी दी है रेलवे ने बोनस नहीं दिया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. प्रदर्शन कर रहे रेलवे कर्मचारी ने बताते हैं कि रेलवे के निजीकरण से वे सभी परेशान हैं. प्रदर्शन कर रहे इन रेलकर्मियों का कहना है कि रेलवे और सरकार ने बुलेट ट्रेन के नाम पर 8 लाख करोड़ रुपये जापान में इन्वेस्ट किए हैं. अगर सरकार 1 लाख करोड़ रुपये भी रेलवे में इन्वेस्ट करती है तो यहीं रेलकर्मी इन्हें 10 लाख रुपए की कमाई करके देंगे.