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प्रोजेक्ट 'उन्नति' से आत्मनिर्भर बनेंगे मनरेगा श्रमिक - Project Unnati will make MNREGA workers

बैकुण्ठपुर में मनरेगा श्रमिकों को अकुशल रोजगार प्रदान करते हुए स्थायी आजीविका से जोड़ने के लिए विभिन्न संसाधन बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही पंजीकृत श्रमिक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का नियमित रोजगार कर चुके हैं, उन्हें चिह्नित कर प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. पंजीकृत श्रमिक महिला एवं पुरूषों की महात्मा गांधी नरेगा के अकुशल श्रम पर निर्भरता कम करने का महत्वपूर्ण उद्देश्य रखकर प्रोजेक्ट उन्नति के तहत उनका कौशल विकास किया जा रहा है. प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से प्रशिक्षित होकर युवा श्रमिक अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर रहे हैं, जिससे उनकी मनरेगा के अकुशल श्रम पर निर्भरता कम हो रही है.

MNREGA workers will become self-sufficient with progress
उन्नति से आत्मनिर्भर बनेंगे मनरेगा श्रमिक
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Published : Dec 22, 2022, 10:40 PM IST

कोरिया: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के पंजीकृत श्रमिक युवाओं को आर सेटी के माध्यम से प्रोजेक्ट उन्नति के तहत बकरी और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. कौशल विकास के इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के चयन के संबंध में जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन ने बताया कि "ऐसे श्रमिक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का निरंतर अकुशल श्रम करते हैं. उनकी सहमति के आधार पर उन्हे स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. महात्मा गांधी नरेगा के प्रोजेक्ट उन्नति के तहत कौशल विकास का प्रशिक्षण स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रदान किया जाता है."


अब तक कोरिया जिले के सभी जनपद पंचायतों में कुल 286 श्रमिकों को आरसेटी, केवीके के माध्यम से विभिन्न स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है. उनमें से बेहतर स्वरोजगार से आजीविका चलाने वाले सोनहत पोड़ी का एक पंजीकृत मनरेगा श्रमिक राष्ट्रीय स्तर पर पुरूस्कृत भी हो चुका है.

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता जैन ने बताया कि "जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत मनसुख में एक क्लस्टर बनाकर आरसेटी के माध्यम से 53 श्रमिकों को बकरी पालन और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. इनमें बकरी पालन का प्रशिक्षण लेने वाले 33 श्रमिक और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण लेने वाले 20 श्रमिक शामिल हैं. बकरी पालन का प्रशिक्षण डाक्टर सौरभ बनर्जी और मुर्गी पालन की तकनीकी जानकारी विषय विषेषज्ञ डाक्टर अशोक पटेल के द्वारा प्रदान की जा रही है.

जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि "प्रोजेक्ट उन्नति के तहत मनसुख क्लस्टर में हो रहे इस प्रशिक्षण में ग्राम पंचायत मनसुख, ग्राम पंचायत चिल्का, ग्राम पंचायत डोहड़ा और ग्राम पंचायत पोटेडांड के पंजीकृत श्रमिक हैं. श्रमिकों के बकरी और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण 17 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है और आगामी 26 दिसंबर तक चलेगा. यह प्रशिक्षण आरसेटी के प्रशिक्षकों के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को प्रदान किया जा रहा है.

कोरिया: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के पंजीकृत श्रमिक युवाओं को आर सेटी के माध्यम से प्रोजेक्ट उन्नति के तहत बकरी और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. कौशल विकास के इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के चयन के संबंध में जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन ने बताया कि "ऐसे श्रमिक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का निरंतर अकुशल श्रम करते हैं. उनकी सहमति के आधार पर उन्हे स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. महात्मा गांधी नरेगा के प्रोजेक्ट उन्नति के तहत कौशल विकास का प्रशिक्षण स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रदान किया जाता है."


अब तक कोरिया जिले के सभी जनपद पंचायतों में कुल 286 श्रमिकों को आरसेटी, केवीके के माध्यम से विभिन्न स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है. उनमें से बेहतर स्वरोजगार से आजीविका चलाने वाले सोनहत पोड़ी का एक पंजीकृत मनरेगा श्रमिक राष्ट्रीय स्तर पर पुरूस्कृत भी हो चुका है.

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता जैन ने बताया कि "जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत मनसुख में एक क्लस्टर बनाकर आरसेटी के माध्यम से 53 श्रमिकों को बकरी पालन और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. इनमें बकरी पालन का प्रशिक्षण लेने वाले 33 श्रमिक और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण लेने वाले 20 श्रमिक शामिल हैं. बकरी पालन का प्रशिक्षण डाक्टर सौरभ बनर्जी और मुर्गी पालन की तकनीकी जानकारी विषय विषेषज्ञ डाक्टर अशोक पटेल के द्वारा प्रदान की जा रही है.

जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि "प्रोजेक्ट उन्नति के तहत मनसुख क्लस्टर में हो रहे इस प्रशिक्षण में ग्राम पंचायत मनसुख, ग्राम पंचायत चिल्का, ग्राम पंचायत डोहड़ा और ग्राम पंचायत पोटेडांड के पंजीकृत श्रमिक हैं. श्रमिकों के बकरी और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण 17 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है और आगामी 26 दिसंबर तक चलेगा. यह प्रशिक्षण आरसेटी के प्रशिक्षकों के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को प्रदान किया जा रहा है.

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