कोरिया: भरतपुर सोनहत गुलाब कमरो ने कहा कि "झुमका महोत्सव का गजब उत्साह और जोश देखने को मिला, जिससे पूरा कोरिया झुमका के किनारे महोत्सव मनाने एक साथ पहुंचा है. उन्होंने शासन की कल्याणकारी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए झुमका जल महोत्सव को पर्यटन के क्षेत्र के विस्तार में महत्वपूर्ण बताया. वहीं अंबिका सिंहदेव ने जिले वासियों को प्रथम झुमका जल महोत्सव के लिए शुभकामनाएं दीं. संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने कहा कि "झुमका महोत्सव हुनर, कला और लोक संस्कृति के अद्भुत संगम के रूप में जिले की पहचान बनेगा."
पेंटिंग एग्जिबिशन से प्रदर्शनी की शुरुआत: संसदीय सचिव सिंहदेव एवं सविप्रा उपाध्यक्ष कमरो ने पेंटिंग एग्जिबिशन से प्रदर्शनी की शुरुआत की. झुमका जल महोत्सव के पूर्व हुए पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की ओर से भेजी गई पेंटिंग को प्रदर्शनी स्वरूप स्टॉल में लगाया गया. इसी तरह जिला पंचायत, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, मत्स्य आदि विभागों ने भी योजनाओं से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई. पुलिस विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में 33वां सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभागियों को अतिथियों की तरफ से पुरस्कृत किया गया.
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झुमका बोट क्लब महोत्सव में आई बाल कलाकार आरू साहू ने बताया कि "आज मैं पहली बार कोरिया आई हूं अब कोरिया आकर झुमका महत्व में मुझे बहुत अच्छा लगा. आज मैंने अपने प्रस्तुति से शुभारंभ किया और बहुत सारे प्रस्तुतियां हुई, जिससे कि कोरिया वासी प्रस्तुति से झूम उठे."
झुमका महोत्सव के तट पर रेस्क्यू टीम के अधिकारी ने बताया कि "किसी प्रकार का कोई जान हानि ना हो इसलिए रेस्क्यू टीम लगाई गई है. जहां पर कोरिया और सूरजपुर की टीम मौजूद हैं. क्योंकि कोई दुर्घटना ना हो. इसके लिए प्रशासन से पहले एनडीआरएफ की टीम तैनात कर रखी गई है.
झुमका जल महोत्सव कार्यक्रम में कई गणमान्य और लोग उपस्थित: झुमका जल महोत्सव कार्यक्रम में जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल, सीईओ जिला पंचायत नम्रता जैन, वनमण्डल अधिकारी बैकुंठपुर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में जनमानस उपस्थित रहे. महोत्सव में कलाकारों को अतिथियों ने पुरस्कार दिया गया. झुमका महा उत्सव का शुभारंभ के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों की भी आगाज हुई. छत्तीसगढ़ी कलाकार आरू साहू के गीतों पर लोग झूम उठे. छत्तीसगढ़ी भजन के साथ ही सूफी बानगी भी सजी. तालियां बजाकर अतिथियों सहित श्रोताओं ने समां बांधा तो स्कूली बच्चों की अद्भुत प्रस्तुतियां देख लोग जोश से भर उठे.