ETV Bharat / state

कोरिया में बारिश ने बढ़ाई तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता, हरे सोने पर खतरा बढ़ा - कोरिया न्यूज

कोरिया में बेमौसम बारिश की वजह से तेंदूपत्ता संग्राहक परेशान हैं. उन्हें तेंदूपत्ता खराब होने का डर सता रहा है. जिससे उनकी आय प्रभावित हो सकती है.

तेंदूपत्ता , Tendu leaf
तेंदूपत्ता खराब होने की आशंका
author img

By

Published : May 11, 2021, 7:36 PM IST

कोरियाः जिले में हुई बारिश ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता बढ़ा दी है. भरतपुर विकासखंड में बारिश होने से तेंदूपत्ता संग्रहण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. संग्रहण केंद्र में रखे तेंदूपत्तों पर धूल-मिट्टी लग गई है. जिससे पत्तों के सड़ने की आशंका बढ़ गई है. इस कोरोना के संकट काल में तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया था. प्रदेशभर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी है. जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैंकड़ा 400 रुपए मिल रहे हैं. वहीं 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है. जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है.

बारिश से तेंदूपत्ता की खरीदी पर असर

जिले में अचानक हुई तेज ने जनकपुर केंद्र में रखे तेंदूपत्ता को काफी नुकसान पहुंचाया है. जिससे तेंदूपत्ता की खरीदारी प्रभावित हो सकती है. तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य शुरू में 2 लाख मानक बोरा रखा गया था. वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से संग्रहण का कार्य किया जा रहा है. तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर है. लेकिन बारिश ने एक बार तेंदूपत्ता को नुकसान पहुंचाकर वनांचल क्षेत्र की परेशानी बढ़ा दी है.

नारायणपुर में कोरोना संकट में खुशियां बरसा रहा 'हरा सोना', ग्रामीणों के खिले चेहरे

बारिश से कमाई होगी प्रभावित

कोरिया में इन दिनों तेंदूपत्ता संग्रहण का काम तेजी से हो रहा था. इस बीच बारिश हो गई. जिसने पत्तों को नुकसान पहुंचाने की आशंका बढ़ा दी है. अभी पेड़ों में पत्ता आना शुरू ही हुआ है कि बारिश हो गई. कुछ जगह पत्ते आने में 2 से 3 जून तक का समय लग जाएगा. ग्रामीणों ने बताया कि सामान्य तौर पर जब पत्ता कोमल होता है तो उस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है. ग्रामीण इसे माता की बीमारी का नाम देते हैं. साथ ही कई जगह पत्तों में छेंद होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए उचित नहीं होते. जिससे पत्ता तोड़ने वालों को नुकसान होता है.

कोरियाः जिले में हुई बारिश ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता बढ़ा दी है. भरतपुर विकासखंड में बारिश होने से तेंदूपत्ता संग्रहण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. संग्रहण केंद्र में रखे तेंदूपत्तों पर धूल-मिट्टी लग गई है. जिससे पत्तों के सड़ने की आशंका बढ़ गई है. इस कोरोना के संकट काल में तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया था. प्रदेशभर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी है. जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैंकड़ा 400 रुपए मिल रहे हैं. वहीं 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है. जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है.

बारिश से तेंदूपत्ता की खरीदी पर असर

जिले में अचानक हुई तेज ने जनकपुर केंद्र में रखे तेंदूपत्ता को काफी नुकसान पहुंचाया है. जिससे तेंदूपत्ता की खरीदारी प्रभावित हो सकती है. तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य शुरू में 2 लाख मानक बोरा रखा गया था. वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से संग्रहण का कार्य किया जा रहा है. तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर है. लेकिन बारिश ने एक बार तेंदूपत्ता को नुकसान पहुंचाकर वनांचल क्षेत्र की परेशानी बढ़ा दी है.

नारायणपुर में कोरोना संकट में खुशियां बरसा रहा 'हरा सोना', ग्रामीणों के खिले चेहरे

बारिश से कमाई होगी प्रभावित

कोरिया में इन दिनों तेंदूपत्ता संग्रहण का काम तेजी से हो रहा था. इस बीच बारिश हो गई. जिसने पत्तों को नुकसान पहुंचाने की आशंका बढ़ा दी है. अभी पेड़ों में पत्ता आना शुरू ही हुआ है कि बारिश हो गई. कुछ जगह पत्ते आने में 2 से 3 जून तक का समय लग जाएगा. ग्रामीणों ने बताया कि सामान्य तौर पर जब पत्ता कोमल होता है तो उस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है. ग्रामीण इसे माता की बीमारी का नाम देते हैं. साथ ही कई जगह पत्तों में छेंद होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए उचित नहीं होते. जिससे पत्ता तोड़ने वालों को नुकसान होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.