कोरिया : जिला मुख्यालय बैकुंठपुर का चर्चित प्रेमाबाग भूमि मामले में पुलिस को सफलता मिली है. पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को मध्यप्रदेश के रीवा से गिरफ्तार कर लिया है. डॉक्टर पर बिल्डर के साथ मिलकर षड़यंत्र करने और बिल्डर का फर्जी मेडिकल दस्तावेज बनाकर आपराधिक गतिविधियों में सहयोग करने पर उसकी गिरफ्तारी हुई है. इस कार्रवाई में 5 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
बैकुंठपुर के प्रेमाबाग में स्थित जमीन एक व्यक्ति की थी, जो पाकिस्तान चला गया था. व्यक्ति का कोई भी वारिस नहीं था. लेकिन बिल्डर ने राजस्व अमले के साथ मिलकर प्रतापपुर के एक व्यक्ति को वारिस बनाया गया. करोड़पति मास्टर माइंड के कारण आदिवासी की भूमि का नया वारिस सामने आया था. भूमि के कागजात फर्जी बनाए गए. वहीं अब तक उक्त भूमि 8 लोगों को बेची जा चुकी है. बकायदा उनके नाम का नामांतरण भी पूरा हो चुका है. सेवानिवृत अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा की गिरफ्तारी को लेकर राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस का कहना है कुछ दस्तावेज जिस कार्यालय में अपर कलेक्टर पदस्थ थे, वहां से मांगे गए हैं. जो अब तक उन्हें नहीं मिल पाए हैं.
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अन्य आरोपी फरार
इस मामले में कई आरोपियों की तलाश की जा रही है. सूत्रों की मानें तो इस केस में 6 से ज्यादा सरकारी अमले पर भी कार्रवाई होने की संभावना है. चार साल बाद पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक धीरेन्द्र पटेल ने सूक्ष्म जांच शुरू की, तब मामले का खुलासा हुआ. रीवा के डॉ दीपक अग्रवाल को पुलिस ने हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. बिल्डर के दो अन्य सहयोगी जो कि चिरमिरी के रहने वाले हैं. उन्हें भी जेल भेजा गया है. वहीं घटना में शामिल अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं. जिनकी तलाश जारी है.
'डकैती सहित बलवा का है आरोप'
प्रार्थी विष्णु सिंह बताते है कि 29 मई 2017 की रात प्रेमाबाग स्थित भूमि पर जेसीबी से उनका मकान ध्वस्त कर दिया गया. उनकी पत्नी ने अपना मकान ध्वस्त होता देखा विरोध किया था. जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया था. फिलहाल जांच जारी है.