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शासकीयकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव

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Published : Jan 15, 2021, 6:21 PM IST

छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं. इस दौरान शुक्रवार को गाना-बजाना कर भूपेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.

panchayat secretary sitting on strike
पंचायत सचिवों की हड़ताल

कांकेर: छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग के सभी ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पिछले 15-20 दिनों से हड़ताल बैठे हैं. इनकी मांग है कि सरकार इनका भी संविलयन करे. इनकी मांग है कि उन्हें भी शासकीय कर्मचारी का दर्जा मिले.

पंचायत कार्य हुए ठप

राज्य सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए कलम बंद – काम बंद का नारा लगाते हुए पंचायत सचिव और रोजगार सहायक हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे पंचायत स्तर के सभी काम प्रभावित हो रहे हैं. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पंचायत स्तर से संचालित होने वाले निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हैं. जिसका असर अब मनरेगा मजदूर पर भी पड़ने लगा है. कई मजदूर काम की तलाश में इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हो गए हैं.

पढ़ें: पंचायत सचिव संघ का समर्थन करने पहुंचे विक्रांत सिंह

सरकार ने अब तक नहीं ली सुध

मनरेगा का काम बंद होने से मजदूरों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. 20 दिनों से सचिवों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जिससे सचिव संघ अपने आंदोलन को ओर तेज कर रहे हैं. इस कड़ी में शुक्रवार को सोनहत ब्लॉक के सचिव संघ ने धरना स्थल पर गाना बजाना कर प्रदर्शन किया. सचिव संघ अब हर दिन नए-नए तरीकों से प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं.

हो सकता है दूसरा बड़ा आंदोलन

भाजपा और गोंडवाना गड़तंत्र पार्टी भी सचिव संघ के इस धरने को समर्थन दे रहे हैं. सचिव संघ की मांग को जायज बताकर आगे उग्र आंदोलन में सचिव संघ के साथ खड़े होने की बात सामने आ रही है. तमाम वर्तमान स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षाकर्मियों के आंदोलन के बाद सचिवों के ये आंदोलन दूसरा बड़ा आंदोलन हो सकता है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग के सभी ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पिछले 15-20 दिनों से हड़ताल बैठे हैं. इनकी मांग है कि सरकार इनका भी संविलयन करे. इनकी मांग है कि उन्हें भी शासकीय कर्मचारी का दर्जा मिले.

पंचायत कार्य हुए ठप

राज्य सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए कलम बंद – काम बंद का नारा लगाते हुए पंचायत सचिव और रोजगार सहायक हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे पंचायत स्तर के सभी काम प्रभावित हो रहे हैं. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पंचायत स्तर से संचालित होने वाले निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हैं. जिसका असर अब मनरेगा मजदूर पर भी पड़ने लगा है. कई मजदूर काम की तलाश में इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हो गए हैं.

पढ़ें: पंचायत सचिव संघ का समर्थन करने पहुंचे विक्रांत सिंह

सरकार ने अब तक नहीं ली सुध

मनरेगा का काम बंद होने से मजदूरों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. 20 दिनों से सचिवों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जिससे सचिव संघ अपने आंदोलन को ओर तेज कर रहे हैं. इस कड़ी में शुक्रवार को सोनहत ब्लॉक के सचिव संघ ने धरना स्थल पर गाना बजाना कर प्रदर्शन किया. सचिव संघ अब हर दिन नए-नए तरीकों से प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं.

हो सकता है दूसरा बड़ा आंदोलन

भाजपा और गोंडवाना गड़तंत्र पार्टी भी सचिव संघ के इस धरने को समर्थन दे रहे हैं. सचिव संघ की मांग को जायज बताकर आगे उग्र आंदोलन में सचिव संघ के साथ खड़े होने की बात सामने आ रही है. तमाम वर्तमान स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षाकर्मियों के आंदोलन के बाद सचिवों के ये आंदोलन दूसरा बड़ा आंदोलन हो सकता है.

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