कोरिया : सुबह की शुरुआत लोग अक्सर चाय के साथ करते हैं.चाय शरीर की सुस्ती मिटाकर मूड फ्रेश कर देता है.लेकिन कोरिया जिले में चाय किसी के लिए जीवन से कम नहीं. जिले में रहने वाली ये महिला सिर्फ चाय पीकर पिछले 35 साल से जिंदा है.हैरानी की बात ये है कि अन्न ना खाने के बाद भी महिला पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.महिला को देखकर डॉक्टर भी हैरत में हैं. स्थानीय लोग इस महिला को चाय वाली चाची के नाम से जानते हैं.
कौन है अनोखी महिला : कोरिया जिले की चाय वाली चाची को लोग पल्ली देवी के नाम से जानते हैं. पल्ली देवी बैकुंठपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बरदिया में रहती हैं.परिवार के लोगों की मानें तो पल्ली देवी ने 35 साल से अन्न-जल को नहीं चखा है. 45 वर्षीय चाय वाली चाची के पिता रतिराम बताते हैं कि पल्ली देवी की साल 1985 में शादी हुई. लेकिन पहली बार मायके आने के बाद वापस ससुराल नही गईं. उसी समय से अन्न जल को त्याग दिया और चाय ही पीती है.
पटना के स्कूल में पांचवी तक पढ़ी और उसके बाद बैकुंठपुर में छठवीं कक्षा में पढ़ रही थी इस समय उसकी टीचर उसे जनकपुर में एथलीट खेल में ले गए पल्ली जहां पर दौड़ने मे पहले नंबर पर आई. कक्षा छठवीं के बाद पल्ली देवी की शादी हो गई. ससुराल जाने के बाद वापस आई.लेकिन खाना पीना छोड़कर शिव भक्ति में लग गई. तब से पल्ली सिर्फ चाय पर ही जिंदा है. रतिराम, पल्ली के पिता
परेशानियों को दूर करती है चाय वाली चाची : ग्रामीणों की माने तो जब उन पर किसी भी तरह की कोई मुसीबत आती है तो वो पल्ली देवी के पास जाते हैं.पल्ली देवी ग्रामीणों को मुसीबत से बचने का रास्ता बताती है.जो कारगर भी होता है.इसलिए पल्ली देवी पर ग्रामीणों की गहरी आस्था है.वहीं पल्ली देवी की माने तो मांग में सिंदूर लगते ही अन्न जल का त्याग कर दिया.पति का घर छोड़कर जब वापस मायके आई तो शिव की पूजा में लीन हो गई.तब से अन्न नहीं खाया है.
डॉक्टर क्या मानते हैं: कोरिया जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉक्टर आर एस सेंगर ने इस मामले पर आश्चर्य व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि" यदि विज्ञान के आधार पर देखा जाए तो यह कठिन है कि एक महिला 35 साल से चाय पर जिंदा है. वो भी काली चाय पर जिंदा है. यह कुल मिलाकर शोध का विषय है हो सकता है कि इसके पीछे दैवीय शक्ति भी हो सकती है. क्योंकि हमारे प्राचीन समय में ऋषि मुनियों में यह शक्ति थी, हो सकता है कि इस महिला के अंदर भी दैवीय शक्ति हो. "