कोरिया: जिले के जनकपुर भरतपुर वनांचल क्षेत्र ग्राम खमरौध में कृषि विभाग के द्वारा जैविक उर्वरक एवं कीटनाशक दवाई बाहर फेंक दिया गया है.
गांव के ग्रामीण, सरपंच और उपसरपंच ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि कृषि विभाग को अगर ये दवाइयां फेंकनी ही थी तो उचित तरीके से उसे नष्ट किया जाना चाहिए था. या फिर जमीन में गड्ढे खोदकर उसमें इसे डाल सकते थे. लेकिन इस तरह खुले में फेंकने से ना सिर्फ किसानों को नुकसान है बल्कि मवेशियों की जान को भी खतरा है.
कोरोना ने कोहराम मचा रखा है ऐसे में किसानों का कहना है कि कीटनाशक के खुले में फेंके जाने से संक्रमण और दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के समय में किसान सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें और अपने खेत में जाने से पहले मुंह पर मास्क या रुमाल और हाथों में दस्ताना का प्रयोग करें.
![Organic fertilizers and pesticides thrown in the open](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kra-01-khad-pkg-cgc10075_12072020120702_1207f_1594535822_567.jpg)
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उन्होंने सब्जी तुड़ाई, बिक्री और साफ-सफाई के दौरान दस्ताना का प्रयोग करने को कहा है. किसानों का कहना है कि मौसम लगातार बदल रहा है जिससे किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे बदलते मौसम में कई बीमारियां फैल सकती है. कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही आम लोगों के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है. इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.
लगातार बढ़ रहे केस
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कोहराम जारी है. आज रायपुर से एक साथ 65 नए कोरोना के मरीज मिले हैं. प्रदेश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 4 हजार के पार चला गया है. ऐसे में शासन प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.