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एक बार फिर सुर्खियों में नगर निगम चिरमिरी का महापौर बंगला

चिरमिरी नगर निगम में मेयर को अलॉट हुए बंगले को लेकर सूचना के अधिकार के तहत इस बात का खुलासा हुआ है कि मेयर को बंगला अलॉट करने का कोई नियम नहीं है. उसके बावजूद अच्छे-खासे बंगले में मरम्मत के नाम पर 30 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

Municipal Corporation Chirmiri mayor bungalow in koriya
एक बार फिर सुर्खियों में नगर निगम चिरमिरी का महापौर बंगला
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Published : Jun 8, 2021, 10:08 AM IST

कोरिया: जिले के नगर-निगम चिरमिरी का महापौर बंगला फिर एक बार सुर्खियों में है. दरअसल पहले तो बिना राशि मंजूरी व निविदा के महापौर बंगले में तोड़फोड़ की गई थी, और अब शासन से बंगले के लिए 30 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. चिरमिरी के RTI कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा का आरोप है कि एक अच्छे बंगले को तोड़कर तहस नहस कर दिया गया. इतनी बड़ी राशि से एक दूसरे बंगले का निर्माण हो सकता था. बड़ी बात यह है कि सूचना के अधिकार में जानकारी मिली है कि महापौर को बंगले देने का नियम नहीं है. बावजूद इसके शासन ने महापौर के रहने के लिए 30 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.

Municipal Corporation Chirmiri mayor bungalow in koriya
चिरमिरी का महापौर बंगला

आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) राजकुमार मिश्रा का कहना है कि जून 2020 में उन्होंने सूचना का अधिकार (right to Information) के तहत आवेदन लगाया की नगर पालिक निगम चिरमिरी में जो महापौर बंगला है, उसमें जो कार्य हुआ है, उसका उन्हें निरीक्षण करना है. पहले निगम के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए सहमत नहीं थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि वे उसका निरीक्षण नहीं कराएंगे.

Municipal Corporation Chirmiri mayor bungalow in koriya
सेटल्ड बंगले में तोड़फोड़

सेटल्ड बंगले में तोड़फोड़

पहली अपील के बाद हाल ही में उन्होंने बंगले का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि निरीक्षण में इस बात का पता चला कि इसमें गंभीर अनियमिता हुई है. जो बंगला पूरी तरह से सेटल्ड था उसे तोड़फोड़ कर पूरी तरह तहस-नहस कर दिया गया. सूचना के अधिकार में जानकारी मिली की शासन से 30 लाख रुपये महापौर बंगले के मरम्मत मद में आया है. इतने राशि से एक नया बंगला बनाया जा सकता है.

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'महापौर को बंगला देने का कोई नियम नहीं'

सूचना के अधिकार में यह भी जानकारी मिली है कि महापौर को बंगला देने का कोई नियम है ही नहीं. फिर महापौर के लिए उस बंगले को क्यों तोड़ा गया. निश्चित रूप से इसमें गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है. आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) राजकुमार मिश्रा ने कहा कि वे मामले में FIR करेंगे और जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट भी जाएंगे.

नगर पालिक निगम चिरमिरी के आयुक्त का कहना है कि शासन से अधोसंरचना मद अंतर्गत महापौर निवास के मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 29 लाख 96 हजार की स्वीकृति हुई है. वर्तमान में इस कार्य के लिए निविदा जारी नहीं की गई है.

कोरिया: जिले के नगर-निगम चिरमिरी का महापौर बंगला फिर एक बार सुर्खियों में है. दरअसल पहले तो बिना राशि मंजूरी व निविदा के महापौर बंगले में तोड़फोड़ की गई थी, और अब शासन से बंगले के लिए 30 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. चिरमिरी के RTI कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा का आरोप है कि एक अच्छे बंगले को तोड़कर तहस नहस कर दिया गया. इतनी बड़ी राशि से एक दूसरे बंगले का निर्माण हो सकता था. बड़ी बात यह है कि सूचना के अधिकार में जानकारी मिली है कि महापौर को बंगले देने का नियम नहीं है. बावजूद इसके शासन ने महापौर के रहने के लिए 30 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.

Municipal Corporation Chirmiri mayor bungalow in koriya
चिरमिरी का महापौर बंगला

आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) राजकुमार मिश्रा का कहना है कि जून 2020 में उन्होंने सूचना का अधिकार (right to Information) के तहत आवेदन लगाया की नगर पालिक निगम चिरमिरी में जो महापौर बंगला है, उसमें जो कार्य हुआ है, उसका उन्हें निरीक्षण करना है. पहले निगम के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए सहमत नहीं थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि वे उसका निरीक्षण नहीं कराएंगे.

Municipal Corporation Chirmiri mayor bungalow in koriya
सेटल्ड बंगले में तोड़फोड़

सेटल्ड बंगले में तोड़फोड़

पहली अपील के बाद हाल ही में उन्होंने बंगले का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि निरीक्षण में इस बात का पता चला कि इसमें गंभीर अनियमिता हुई है. जो बंगला पूरी तरह से सेटल्ड था उसे तोड़फोड़ कर पूरी तरह तहस-नहस कर दिया गया. सूचना के अधिकार में जानकारी मिली की शासन से 30 लाख रुपये महापौर बंगले के मरम्मत मद में आया है. इतने राशि से एक नया बंगला बनाया जा सकता है.

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'महापौर को बंगला देने का कोई नियम नहीं'

सूचना के अधिकार में यह भी जानकारी मिली है कि महापौर को बंगला देने का कोई नियम है ही नहीं. फिर महापौर के लिए उस बंगले को क्यों तोड़ा गया. निश्चित रूप से इसमें गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है. आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) राजकुमार मिश्रा ने कहा कि वे मामले में FIR करेंगे और जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट भी जाएंगे.

नगर पालिक निगम चिरमिरी के आयुक्त का कहना है कि शासन से अधोसंरचना मद अंतर्गत महापौर निवास के मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 29 लाख 96 हजार की स्वीकृति हुई है. वर्तमान में इस कार्य के लिए निविदा जारी नहीं की गई है.

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